भारत में इ-कचरा प्रबंधन। (E-Waste Management in India.)

e-waste management

आज के आधुनिक डिजिटल युग में मानव द्वारा उत्पन्न किया गया कचरा सभी जीवित प्राणियों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनते जा रही है और कचरों में भी बात करें तो ‘इ-कचरा (इलेक्ट्रॉनिक कचरा)’ जिसमे दिन-प्रतिदिन तेजी से वृद्धि होते जा रही है, जिसका मुख्य कारण है भारत में अग्रिम डिजिटल प्रौधौगिकी का समावेश, पुरे ब्रह्माण्ड में अंतरिक्ष से लेकर समुद्र के निचली सतह तक कोई भी ऐसी जगह नहीं बची है जहाँ मानव ने इ-कचरा (e-Waste) ना फैलाया हो, इससे यह बात स्पष्ट हो जाता है की हम जितना आगे बढ़ रहें हैं उतना ही अपने पीछे अपने लिए समस्या छोड़तें जा रहें हैं। इसलिए “भारत में इ-कचरा प्रबंधन (e-Waste management in India)” मानव, सभी जीवित प्राणियों, पर्यावरण के हित के लिए अति आवश्यक हो जाता है।

भारत में खाद्य सुरक्षा का महत्व। (Importance of Food Safety in India.)

food safety in india

खाद्य सामग्री मनुष्य स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है खाद्य सुरक्षा एवं खाने की गुणवत्ता, जो की एक मनुष्य के बेहतर और निरोग स्वास्थ्य की सुनिश्चितत्ता का प्रमाण देता है। हमारे “भारत में खाद्य सुरक्षा का महत्व (Importance of Food Safety in India)” एवं उसकी गुणवत्ता की भूमिका आज के इस युग में कितना आवश्यक है, उसके बारे में चर्चा करेंगे क्यूंकि आज के समय मनुष्य को यह जानना अति आवश्यक है की वह जिस भोजन का सेवन कर रहा है वह कितना सुरक्षित है।

भारत में साम्प्रदायिकता। (Communalism in India.)

different types of communalism in india

‘साम्प्रदायिकतावाद (Communalism)’ भारत में एक बहुत ही अहम् और गंभीर मुद्दा बन चूका है और इसका प्रभाव हमारे समाज को अलग दिशा की तरफ मोड़ रहा है और साथ-ही-साथ हमारी भविष्य की पीढ़ियां भी इस साम्प्रदायिकता के पाठ को पढ़ रहीं हैं और अपने आँखों से देख रही है जिसका परिणाम आने वाले समय में इससे भी बुरा देखने को मिल सकता है, जिससे भारत के धर्मनिरपेक्ष होने पर प्रश्नचिन्ह लग जायेगा, हमारे अखंड भारत को खंडित नहीं कर सकता ऐसा कहने पर प्रश्नचिन्ह लग जायेगा और जिससे हमारे देश भक्ति एवं भारतीय होने पर भी प्रश्नचिन्ह लग जायेगा, “भारत में साम्प्रदायिकता (Communalism in India)” लोगों के बिच भाईचारे को समाप्त कर एक दूसरे के प्रति मन में नफरत के बीज बो रही है।

भारत में हीट वेव की समस्या। (The Problem of Heat Wave in India.)

problem of heat wave in cities

जब वातावरण में तापमान सामान्य स्तर से अधिक हो जाता है तब हीट वेव यानि ऊष्मा तरंगे वातावरण में अपना असर दिखाना शुरू कर देती है और तापमान सामान्य से अधिक होने के कारण गर्म हवा का प्रवाह भी बढ़ जाता है, जिसे हीट वेव (Heat Wave) कहतें हैं।
भारत में हीट वेव की समस्या का घोसणा ‘भारतीय मौसम विभाग’ के द्वारा किया जाता है, जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है और निरंतर 2 दिनों तक तापमान सामान्य से अधिक ही रहता है, तब हीट वेव की घोसणा कर दी जाती है। हीट वेव का संकट आम तौर पर उत्तरी भारत में मार्च से जुलाई महीने के बिच में देखने को मिलता है।

भारत में महंगाई की समस्या। (The Problem of Inflation in India.)

problem of inflation in india

महंगाई या मुद्रास्फीति एक विकाशील समाज और देश के प्रगति के लिए बहुत बड़ी बाधक होती है, जो अधिकतर लोगों के कल्पनाओं के और योजना के विरुद्ध कार्य करती है, जिसके कारण मनुष्य के प्रगतिशील जीवन में ठहराव आ जाता है। “भारत में महंगाई (मुद्रास्फीति) की समस्या (The Problem of Inflation in India.)” एक ऐसी कारण है जो भारत को विकसित अर्थव्यवस्था वाला देश होने से रोकता है क्यूंकि भारत में महंगाई की सबसे अधिक मार गरीब वर्ग के लोग झेलते हैं और भारत में गरीबी का विस्तार आज भी बहुत बड़ी मात्रा में देखने को मिलता है।

डिजिटल साक्षरता का महत्व। (Importance of Digital Literacy.)

importance of digital literacy in india

डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) का तात्पर्य यह है की जब किसी व्यक्ति को समाज में हो रहे तकनिकी विकास और कौशल के बारे में जानकारी होना, जिससे वह इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स, सोशल मीडिया, मोबाइल फ़ोन का उपयोग अच्छे प्रकार से करने में सक्षम हो, जिससे वह समाज के साथ अपने आवश्यकता को भी डिजिटल उपकरणों के माध्यम से करने में सामर्थ्यवान हो।

भारत में अक्षय ऊर्जा का महत्व। (Importance of Renewable Energy in India.)

importance of renewable energy

अक्षय ऊर्जा(Renewable Energy) ऐसी ऊर्जा है जिसका कोई अंत नहीं है, जो इस सृष्टि के नष्ट होने से ही खत्म हो सकती है, अक्षय ऊर्जा प्रकृति से उत्पन्न हुई ऊर्जा है, जो की हवा, पानी, सूर्य के प्रकाश, ज्वारभाटा, भू-तापीय ताप और बायोमास के प्रक्रियाओं से उपयोग कर उत्पन्न किया जाता है। अक्षय ऊर्जा पृथ्वी के स्थायी भविष्य के लिए और परोक्ष रूप से प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहतर जीवन चक्र को जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है।

भारत में मानव-पशु संघर्ष के कारण। (Causes of Man-Animal conflict in India.)

mens working in their yard and animals come for food and water which results man-animal conflict

मानव और पशुओं के बिच हमे संघर्ष तब देखने को मिलता है जब पशुओं के क्षेत्र में मानव की मौजूदगी होती है या फिर जब मानव के क्षेत्र में पशुओं की मौजूदगी और फिर दोनों के बिच मुठभेड़ होता है, जिससे नकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं और उससे संपत्ति का नुक्सान होता है, गंभीर चोटें लगती हैं या फिर मानव और पशु में से किसी एक की मृत्यु भी हो जाती है।

भारत में निरक्षरता। (Illiteracy in India.)

Problem of Illiteracy in India

आज हम बात करेंगे “भारत में निरक्षरता (Illiteracy in India)” के मुद्दे पर हालाँकि, यह बोलना सही नहीं होगा क्यूंकि आज के युग में कोई भी नागरिक देश में निरक्षर या फिर अनपढ़ नहीं है लेकिन इसके पीछे छिपे सच को भी तो जानना बहुत जरुरी है की आखिर हमारे भारत में साक्षर नागरिक कानूनी तौर पर किसे परिभासित किया जाता है, जिससे यह सिद्ध हो जाता है की वह नागरिक अब निरक्षर या अनपढ़ नहीं है।

भारत में बाल मजदूरी की समस्या। (Problem of Child Labour in India in Hindi.)

child labour in india

अगर किसी छोटे फल के पौधे से हम अपेक्षा करेंगे की वह हमे फल देगा तो यह संभव नहीं है लेकिन अगर हम समय से पहले उस पौधे से फल चाहतें हैं तो हमे उसमे खाद डाल कर जबरदस्ती उस पौधे को फल देने के लिए मजबूर करना होगा और वह फल हमारे लिए नुकसानदेह भी होगा और उसकी वास्तविक स्वाद भी उसमे नहीं होगी, तो कुछ इसी फल के पौधे की तरह हमारे “भारत में बाल मजदूरी की समस्या (Problem of Child Labour in India)” हो गयी है, जहाँ उस छोटे से बच्चे से अपेक्षा की जाती है की वह काम करेगा, पैसे कमा कर लाएगा जबकि यह सब करने के लिए यह उस बच्चे का सही समय नहीं होता है लेकिन फिर भी उसे मज़बूरी या जबरदस्ती में यह सब करना पड़ता है।