जैविक खेती का महत्व। (Importance of Organic Farming in Hindi.)

jaivik kheti ke strot

“जैविक खेती का महत्व (Jaivik Kheti ka Mahatva)” दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है, जिसका प्रमुख कारण है दुनिया भर में बढ़ती विभिन्न प्रकार की शारीरिक रोग, वायरस, महामारी और जिस प्रकार से कोरोना महामारी ने पुरे विश्व में स्वच्छता के साथ स्वस्थ जीवन शैली और शुद्ध खान-पान पर लोगों का ध्यान केंद्रित किया है, इससे जैविक आहार के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है और लोग स्वयं को रासायनिक खाद और कीटनाशक खेती से स्थानांतरण कर जैविक खेती से उत्पन्न हुए आहार का सेवन कर रहें हैं।

भारत में जल संकट। (Water Crisis in India in Hindi.)

bharat mein jal sankat ki samasya

“भारत में जल संकट (Bharat mein Jal Sankat)” की समस्या देश के सामने चिंताजनक परिस्तिथि प्रस्तुत कर रही है और जल संकट की समस्या केवल भारत तक ही सिमित नहीं है, यह दूसरे देशों में भी गंभीर परिस्तिथियाँ उत्पन्न कर रहा है, इन सबका प्रमुख कारण है ‘जलवायु परिवर्तन’।
किसी क्षेत्र, नगर, देश के अंतर्गत अगर जल संसाधन के उपयोग की मांग की आपूर्ति में कमी पड़ने लगे अथवा उस स्थान का भूजल खत्म हो गया हो, तो ऐसी परिस्तिथि का उत्पन्न होना ‘जल संकट’ कहलाता है।

भारत में प्राकृतिक आपदा। (Natural Disaster in India Essay in Hindi.)

bharat mein prakritik aapda

“भारत में प्राकृतिक आपदा (Bharat mein Prakritik Aapda)” जो की हमारे प्रकृति का एक विनाशकाल भयंकर रूप है, जिसकी विनाश की परिकल्पना हम नहीं कर सकतें हैं, जिससे केवल बचा जा सकता है। प्राकृतिक आपदा स्वयं प्रकृति के द्वारा रचा गया एक ऐसा चक्र है, जिसमे प्रकृति खुद को संतुलित रखने के साथ-साथ समय-समय पर अपने आप को समायोजित भी करता रहता है क्यूंकि यह प्रकृति का नियम है।

वर्टीकल फार्मिंग: भारतीय कृषि में क्रांतिकारी कदम। (Vertical Farming: Revolutionary Step in Indian Agriculture.)

vertical farming in india

‘वर्टीकल फार्मिंग (खड़ी खेती)’ के बारे में, जो भविष्य में पुरे विश्व के लोगों के लिए भोजन की आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम होगा। “भारतीय कृषि में वर्टीकल फार्मिंग (Vertical Farming in Indian Agriculture)” को एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है क्यूंकि अगर किसान इस तकनीक का प्रयोग करतें हैं तो वह अपने देश के साथ-साथ विश्व के सभी लोगों को भोजन प्रदान कर सकतें हैं और खाद्य सम्बन्धी समस्या को समाप्त भी कर सकतें हैं, जैसे; खाद्य संकट की समस्या, भोजन में पोषण तत्वों की कमी, भुखमरी।

भारत में इ-कचरा प्रबंधन। (E-Waste Management in India.)

e-waste management

आज के आधुनिक डिजिटल युग में मानव द्वारा उत्पन्न किया गया कचरा सभी जीवित प्राणियों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनते जा रही है और कचरों में भी बात करें तो ‘इ-कचरा (इलेक्ट्रॉनिक कचरा)’ जिसमे दिन-प्रतिदिन तेजी से वृद्धि होते जा रही है, जिसका मुख्य कारण है भारत में अग्रिम डिजिटल प्रौधौगिकी का समावेश, पुरे ब्रह्माण्ड में अंतरिक्ष से लेकर समुद्र के निचली सतह तक कोई भी ऐसी जगह नहीं बची है जहाँ मानव ने इ-कचरा (e-Waste) ना फैलाया हो, इससे यह बात स्पष्ट हो जाता है की हम जितना आगे बढ़ रहें हैं उतना ही अपने पीछे अपने लिए समस्या छोड़तें जा रहें हैं। इसलिए “भारत में इ-कचरा प्रबंधन (e-Waste management in India)” मानव, सभी जीवित प्राणियों, पर्यावरण के हित के लिए अति आवश्यक हो जाता है।

भारत में हीट वेव की समस्या। (The Problem of Heat Wave in India.)

problem of heat wave in cities

जब वातावरण में तापमान सामान्य स्तर से अधिक हो जाता है तब हीट वेव यानि ऊष्मा तरंगे वातावरण में अपना असर दिखाना शुरू कर देती है और तापमान सामान्य से अधिक होने के कारण गर्म हवा का प्रवाह भी बढ़ जाता है, जिसे हीट वेव (Heat Wave) कहतें हैं।
भारत में हीट वेव की समस्या का घोसणा ‘भारतीय मौसम विभाग’ के द्वारा किया जाता है, जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है और निरंतर 2 दिनों तक तापमान सामान्य से अधिक ही रहता है, तब हीट वेव की घोसणा कर दी जाती है। हीट वेव का संकट आम तौर पर उत्तरी भारत में मार्च से जुलाई महीने के बिच में देखने को मिलता है।

भारत में अक्षय ऊर्जा का महत्व। (Importance of Renewable Energy in India.)

importance of renewable energy

अक्षय ऊर्जा(Renewable Energy) ऐसी ऊर्जा है जिसका कोई अंत नहीं है, जो इस सृष्टि के नष्ट होने से ही खत्म हो सकती है, अक्षय ऊर्जा प्रकृति से उत्पन्न हुई ऊर्जा है, जो की हवा, पानी, सूर्य के प्रकाश, ज्वारभाटा, भू-तापीय ताप और बायोमास के प्रक्रियाओं से उपयोग कर उत्पन्न किया जाता है। अक्षय ऊर्जा पृथ्वी के स्थायी भविष्य के लिए और परोक्ष रूप से प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहतर जीवन चक्र को जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है।

पर्यावरण प्रदूषण:- भविष्य के विनाश की कहानी।(Environmental Pollution:- The Story of Future Destruction in Hindi.)

environmental pollution is a future destruction

पर्यावरण प्रदुषण दूषित पदार्थों का वातावरण में प्रवेश करना है, जब वातावरण में रासायनिक पदार्थ, जहरीली गैसों का उत्सर्जन और ऐसे पदार्थ जो की पर्यावरण के अनुकूल नहीं होतें हैं और उनका वर्चस्व मानव गतिविधियों द्वारा बढ़ने लगता है जो की मानव और अन्य जीवित जीवों का नुकशान का कारण बनता है।

जलवायु परिवर्तन: मानवजनित गतिविधियों के परिणाम। (Climate Change :Results of Anthropogenic Activities.)

climate change in environment

आज मैं आप सब से हमारे समाज,  दुनिया में बढ़ते “जलवायु परिवर्तन (Climate Change)” पर बातें करने जा रहां हूँ जो की आज पूरी दुनिया का एक सबसे अहम् मुद्दा बना हुआ है, वैश्विक लीडर्स के द्वारा अपने देशों में इस मुद्दे पे नीतियां भी बनाई जा रहीं हैं, सभी वैश्विक मंच पर ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले जलवायु परिवर्तन को रोकने की भी बात की जा रही है, पुरे विश्व में अनेको विश्व संगठन, सामाजिक संस्थाओं, गैर सरकारी संस्था इन सभी के द्वारा अपने-अपने स्तर पर काम किया जा रहा है।

प्रकृति का महत्व। (Importance of Nature.)

Nature thumbnail

दोस्तों क्या आपको पता है की इस दुनिया में जब हम जन्म लेतें हैं, ठीक जन्म लेने के बाद ही कोई हमारा सच्चा साथी बन जाता है और मजे की बात तो ये है की वो हमारा साथ हमारे शरीर के अंत होने के बाद भी नहीं छोड़ता है, जी हाँ दोस्तों मैं यहाँ बात कर रहा हूँ हमारे ईश्वर-अल्लाह द्वारा बनाये इस सुन्दर “प्रकृति की जो मनुष्य का एक रहस्यमयी साथी है (Nature: A Mysterious Friend of Human)” और “प्रकृति का महत्व (Importance of Nature.)” मनुष्य के जीवन में सर्वोच्च है।