कृत्रिम बुद्धिमता मानव सभ्यता के लिए वरदान या अभिशाप। (Artificial Intelligence a Boon or a Curse for Human Civilization in Hindi.)

kritrim buddhimata

Kritrim Buddhimata एक ऐसा आविष्कार है, जो की प्रौधौगिकी की परिभाषा को पूर्ण करता है क्यूंकि मानव ने स्वयं अपने जैसी रचना रोबोट्स के रूप में कृत्रिम बुद्धिमता के जरिये कर दी है। कृत्रिम बुद्धिमता मानव के परिकल्पना से कई गुना आगे है और यह भविष्य में एक अलग दुनिया की स्थापना करने वाला है, जहाँ मानव और मशीन के बिच एक सम्बन्ध स्थापित हो जायेगा क्यूंकि मानव इस हद तक कृत्रिम बुद्धिमता पर अपनी निर्भरता बना चूका है और आने वाले समय में यह निर्भरता इतनी बढ़ चुकी होगी की बिना कृत्रिम बुद्धि के मानव जीवन असंभव सा प्रतीत होगा। भविष्य में सामाजिक जीवन पर कृत्रिम बुद्धिमता का महत्व इतना अधिक बढ़ जायेगा की कहीं-न-कहीं मानव के लिए यह उपयोगी के साथ-साथ खतरा भी बन जायेगा, जो की प्राकृतिक रूप से भी मानव सभ्यता के प्रतिकूल होगा।

भारतीय संस्कृति पर सिनेमा का प्रभाव। (Influence of Cinema on Indian Culture in Hindi.)

cinema ka bhartiya sanskriti par prabhav

हमारा भारत विभिन्न प्रकार की परम्पराओं एवं संस्कृतियों का एक अनमोल संगम है, जिसकी चर्चा पुरे विश्व में की जाती है और जिसके कारण हमारे भारत को ‘संस्कृति समृद्ध राष्ट्र’ भी कहा जाता है। जहाँ ‘कोष-कोष पर बदले पानी और सवा कोष पर वाणी’, ऐसा संस्कृति समृद्ध राष्ट्र पुरे विश्व में नहीं है और ‘सर मार्टिन लूथर किंग’ के द्वारा भी एक बहुत ही सुन्दर बात कही गयी है की “मैं अन्य देशों में एक पर्यटक के रूप में जा सकता हूं, लेकिन भारत में मैं एक तीर्थयात्री के रूप में आता हूं”, जो की हमारे भारतीय संस्कृति की ओर इशारा करता है ।

भारत में किशोर अपराध। (Juvenile Crime in India in Hindi.)

bharat mein kishor apradh

जब किसी नाबालिग बच्चे के द्वारा जो की 18 वर्ष की आयु से कम है वह किशोर कहलाता है और जब उसके द्वारा किसी भी प्रकार का ऐसा अपराध किया जाता है, जिस आपराधिक गतिविधियों को वयस्कों के द्वारा किया जाता है, जैसे; हत्या, सामूहिक बलात्कार, डकैती, आतंकवादी हमले। एक युवा अपराधी का जिक्र करते समय किशोर शब्द का प्रयोग किया जाता है लेकिन भारत में एक किशोर को अपराधी घोसित करने के लिए उसका 14 वर्ष का होना आवश्यक है और आज के समाज में किशोर इन सभी आपराधिक मामलों में बड़ी संख्या में शामिल होते साबित हुएँ हैं।

भारत में मॉब लिंचिंग। (Mob Lynching in India.)

bharat mein mob Lynching

जब किसी आरोपित व्यक्ति पर उसके किसी अपराध के लिए या फिर कोई गलत अफवाह के कारण आक्रोशित भीड़ के द्वारा हिंसक भाव से हमला किया जाता है, जिसमे दोषी व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है, उस भीड़ के द्वारा हिंसा को Mob Lynching कहतें हैं।

भारत में मानव-पशु संघर्ष के कारण। (Causes of Man-Animal conflict in India.)

mens working in their yard and animals come for food and water which results man-animal conflict

मानव और पशुओं के बिच हमे संघर्ष तब देखने को मिलता है जब पशुओं के क्षेत्र में मानव की मौजूदगी होती है या फिर जब मानव के क्षेत्र में पशुओं की मौजूदगी और फिर दोनों के बिच मुठभेड़ होता है, जिससे नकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं और उससे संपत्ति का नुक्सान होता है, गंभीर चोटें लगती हैं या फिर मानव और पशु में से किसी एक की मृत्यु भी हो जाती है।

भारत में बाल मजदूरी की समस्या। (Problem of Child Labour in India in Hindi.)

child labour in india

अगर किसी छोटे फल के पौधे से हम अपेक्षा करेंगे की वह हमे फल देगा तो यह संभव नहीं है लेकिन अगर हम समय से पहले उस पौधे से फल चाहतें हैं तो हमे उसमे खाद डाल कर जबरदस्ती उस पौधे को फल देने के लिए मजबूर करना होगा और वह फल हमारे लिए नुकसानदेह भी होगा और उसकी वास्तविक स्वाद भी उसमे नहीं होगी, तो कुछ इसी फल के पौधे की तरह हमारे “भारत में बाल मजदूरी की समस्या (Problem of Child Labour in India)” हो गयी है, जहाँ उस छोटे से बच्चे से अपेक्षा की जाती है की वह काम करेगा, पैसे कमा कर लाएगा जबकि यह सब करने के लिए यह उस बच्चे का सही समय नहीं होता है लेकिन फिर भी उसे मज़बूरी या जबरदस्ती में यह सब करना पड़ता है।

भारत में आतंकवाद। (Terrorism in India.)

terrorism in india

आतंकवाद (Terrorism) पूरी दुनिया में एक ऐसा खतरनाक चेहरा है जिसका काम केवल समाज में अस्थिरता को बढ़ावा देना और बर्बादी करना है, जिससे आम जनता और मासूम लोगों के बिच डर पैदा हो और जब किसी व्यक्ति या संगठन की धारणा समाज में हिंसानात्मक गतिविधि कर किसी देश की सम्प्रभुता, सुरक्षा और वहाँ के आम लोगों को नुक्सान पहुंचने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के कार्यवाही को आतंकवाद कहतें हैं।

बाल भिक्षावृति :भारतीय परिदृश्य।(Child Begging :The Indian Sceneario.)

child begging in india

राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों,आज मैं आप सबसे हमारे समाज में होने वाली “बाल भिक्षावृति(Child Begging)” जैसे घिनौने अपराध के बारे में कुछ बातें साझा करूँगा, यह एक घिनौना अपराध इसलिए है क्यूंकि यह एक मासूम बच्चे से उसकी हसने-खेलने वाली उम्र छीन लेता है और उसे अपने बहुत से हक से वंचित कर देता है, जिसके बारे हम सभी जानते हैं लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जिसे हम नज़रअंदाज़ करते हैं और हमारा ऐसा करना ही समाज में इन सब चीजों को बढ़ावा देता है।

डिप्रेशन :ए साइलेंट थ्रेट इन सोसाइटी। (Depression: A Silent Threat in Society.)

person suffering from depression in society

यह एक ऐसी अवस्था है जब व्यक्ति का मन और दिमाग नैगिटिविटी, चिंता, तनाव और उदासी से घिर जाता है। इस अवस्था में व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो जाती है और वह धीरे-धीरे खोखला होने लगता है। क्योंकि यह एक मानसिक रोग है इसलिए इसमें रोगी को देखकर अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता परंतु यदि लक्षणों पर गौर करें तो इसका पता चल सकता है।

जीवन में धैर्य का महत्व। (Importance of Patience in Life.)

race between turtle and rabbit

दोस्तों आज के इस दुनिया में इंसान इतने व्यस्त हो गए हैं कि वह हमेशा चाहते हैं कि कोई भी काम कैसा भी काम बस जल्दी से हो जाए या उसे वह चीज जल्दी से मिल जाए जो वह चाहता है, मैं जानता हूं दोस्तों कुछ चीजें ऐसी होती है जो हमें जल्दी चाहिए होती है लेकिन मैं हमेशा से यह देखता हूं कि इंसान को हर चीज फिर वह कुछ भी क्यों ना हो बस जल्दी ही चाहिए होती है। हमारे समाज में इंसानों के पास से “धैर्य (Patience)” बिल्कुल खत्म हो गयी है।