बाल यौन शोषण। (Child Sexual Abuse.)

child sexual abuse in india

“बाल यौन शोषण (Child Sexual Abuse)” हमारे समाज का एक ऐसा घिनौना सच है, जिसके बारे में अक्सर बातें नहीं की जाती है, बच्चे मासूम होतें हैं जो की समाज की बुराइयों से अवगत नहीं होतें हैं, उन्हें गलत चीजों का पता नहीं होता है, जिसके कारण कम उम्र में उनका यौन शोषण करना आसान होता है क्यूंकि बच्चों को पता नहीं होता है की उनका यौन शोषण किया गया है या फिर वह अपने माता-पिता को बताने से डरतें हैं और आज के समय यह कोई जरुरी नहीं है की आपके बच्चे को कोई बाहर का अजनबी ही नुक्सान पहुचायेगा बल्कि कितनी बार ऐसा भी देखा गया है की परिवार और रिश्तेदार के लोग ही आपके बच्चे के साथ गलत काम करतें हैं।

बच्चों में गेमिंग की लत। (Addiction of Gaming on Children.)

addiction of gaming on children

हमारे समाज के बच्चों में अभी एक अलग ही प्रचलन देखने को मिल रहा है, “बच्चों में गेमिंग की लत (Addiction of Gaming on Children)” समाज के लिए एक बहुत बड़ी समस्या निकल कर सामने आ रही है, जहाँ माता-पिता और अभिभावक के द्वारा इसे ज्यादा गंभीरता पूर्वक नहीं लिया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप हमे अपने समाज में बच्चों में गेमिंग की लत बढ़ती नज़र आ रही है।

भारत में भाई-भतीजावाद। (Nepotism in India.)

nepotism in india

आज के समय अधिकांश युवा पीढ़ी दूसरे के बल पर आगे बढ़ना और नाम कमाना चाहती है और यह चलन भारत में आम तौर पर देखने को मिल जाता है “भारत में भाई-भतीजावाद (Nepotism in India)” हमारे देश के हर एक क्षेत्र में शामिल है, फिर क्यों न वह राजनितिक क्षेत्र, फिल्म उद्योग, कॉर्पोरेट्स या आर्थिक क्षेत्र, खेल जगत, धार्मिक क्षेत्र और प्रशासनिक क्षेत्र कुछ भी हो।

‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’। (‘Clean India Healthy India in Hindi’.)

clean india and healthy india

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का सपना हमारे घरों से ही आगे बढ़ता है “जब हम सभी अपने घरों को स्वच्छ रखतें हैं तो एक गली स्वच्छ बनता है, जब सभी गालियां स्वच्छ होतीं हैं तो एक एक मोहल्ला स्वच्छ होता है, जब सभी मोहल्ले स्वच्छ होतें हैं तो एक शहर स्वच्छ होता है, जब सभी शहर स्वच्छ बनते हैं तो एक राज्य स्वच्छ बनता है और अंत में जब सभी राज्य स्वच्छ बनते हैं तो पूरा देश मतलब हमारा भारत स्वच्छ बनता है”, तो कुछ इस प्रकार की स्वच्छता कड़ी हमे बनानी है, जो कड़ी हमे स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत से जोड़ेगी।

भारत में खाद्य सुरक्षा का महत्व। (Importance of Food Safety in India.)

food safety in india

खाद्य सामग्री मनुष्य स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है खाद्य सुरक्षा एवं खाने की गुणवत्ता, जो की एक मनुष्य के बेहतर और निरोग स्वास्थ्य की सुनिश्चितत्ता का प्रमाण देता है। हमारे “भारत में खाद्य सुरक्षा का महत्व (Importance of Food Safety in India)” एवं उसकी गुणवत्ता की भूमिका आज के इस युग में कितना आवश्यक है, उसके बारे में चर्चा करेंगे क्यूंकि आज के समय मनुष्य को यह जानना अति आवश्यक है की वह जिस भोजन का सेवन कर रहा है वह कितना सुरक्षित है।

भारत में साम्प्रदायिकता। (Communalism in India.)

different types of communalism in india

‘साम्प्रदायिकतावाद (Communalism)’ भारत में एक बहुत ही अहम् और गंभीर मुद्दा बन चूका है और इसका प्रभाव हमारे समाज को अलग दिशा की तरफ मोड़ रहा है और साथ-ही-साथ हमारी भविष्य की पीढ़ियां भी इस साम्प्रदायिकता के पाठ को पढ़ रहीं हैं और अपने आँखों से देख रही है जिसका परिणाम आने वाले समय में इससे भी बुरा देखने को मिल सकता है, जिससे भारत के धर्मनिरपेक्ष होने पर प्रश्नचिन्ह लग जायेगा, हमारे अखंड भारत को खंडित नहीं कर सकता ऐसा कहने पर प्रश्नचिन्ह लग जायेगा और जिससे हमारे देश भक्ति एवं भारतीय होने पर भी प्रश्नचिन्ह लग जायेगा, “भारत में साम्प्रदायिकता (Communalism in India)” लोगों के बिच भाईचारे को समाप्त कर एक दूसरे के प्रति मन में नफरत के बीज बो रही है।

भारत में महंगाई की समस्या। (The Problem of Inflation in India.)

problem of inflation in india

महंगाई या मुद्रास्फीति एक विकाशील समाज और देश के प्रगति के लिए बहुत बड़ी बाधक होती है, जो अधिकतर लोगों के कल्पनाओं के और योजना के विरुद्ध कार्य करती है, जिसके कारण मनुष्य के प्रगतिशील जीवन में ठहराव आ जाता है। “भारत में महंगाई (मुद्रास्फीति) की समस्या (The Problem of Inflation in India.)” एक ऐसी कारण है जो भारत को विकसित अर्थव्यवस्था वाला देश होने से रोकता है क्यूंकि भारत में महंगाई की सबसे अधिक मार गरीब वर्ग के लोग झेलते हैं और भारत में गरीबी का विस्तार आज भी बहुत बड़ी मात्रा में देखने को मिलता है।

भारत में निरक्षरता। (Illiteracy in India.)

Problem of Illiteracy in India

आज हम बात करेंगे “भारत में निरक्षरता (Illiteracy in India)” के मुद्दे पर हालाँकि, यह बोलना सही नहीं होगा क्यूंकि आज के युग में कोई भी नागरिक देश में निरक्षर या फिर अनपढ़ नहीं है लेकिन इसके पीछे छिपे सच को भी तो जानना बहुत जरुरी है की आखिर हमारे भारत में साक्षर नागरिक कानूनी तौर पर किसे परिभासित किया जाता है, जिससे यह सिद्ध हो जाता है की वह नागरिक अब निरक्षर या अनपढ़ नहीं है।

भारत में बाल मजदूरी की समस्या। (Problem of Child Labour in India in Hindi.)

child labour in india

अगर किसी छोटे फल के पौधे से हम अपेक्षा करेंगे की वह हमे फल देगा तो यह संभव नहीं है लेकिन अगर हम समय से पहले उस पौधे से फल चाहतें हैं तो हमे उसमे खाद डाल कर जबरदस्ती उस पौधे को फल देने के लिए मजबूर करना होगा और वह फल हमारे लिए नुकसानदेह भी होगा और उसकी वास्तविक स्वाद भी उसमे नहीं होगी, तो कुछ इसी फल के पौधे की तरह हमारे “भारत में बाल मजदूरी की समस्या (Problem of Child Labour in India)” हो गयी है, जहाँ उस छोटे से बच्चे से अपेक्षा की जाती है की वह काम करेगा, पैसे कमा कर लाएगा जबकि यह सब करने के लिए यह उस बच्चे का सही समय नहीं होता है लेकिन फिर भी उसे मज़बूरी या जबरदस्ती में यह सब करना पड़ता है।

भारत में भुखमरी। (Starvation in India in Hindi.)

starvation and hunger in india

“भारत में भुखमरी (Starvation in India)” हमारे समाज का एक ऐसा छिपा हुआ सच है, जिसे हम देख नहीं पातें हैं और ना ही लोगों को इसके बारे में बताया जाता है। भुखमरी (Starvation) हमारे देश में सरकार के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है और यह सिर्फ हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है बल्कि अनेकों ऐसे अफ्रीकी महाद्वीप देश भी हैं, जो भुखमरी (Starvation) का सामना बहुत बड़े स्तर पर कर रहें हैं, यहां तक की कई अफ्रीकी देशों में हालात इतने ख़राब हैं की लोगों को मिट्टी की रोटियाँ धुप में शेककर खानी पड़ती है।