प्रकृति और जलवायु परिवर्तन को संतुलित बनाए रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका वन्यजीवों के द्वारा निभाई जाती है, जिस गति से पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन हो रही है, जिसके कारण कई वन्यजीव लुप्तप्राय की स्तिथि का सामना कर रहें हैं। वन्यजीवों का पृथ्वी से लुप्त होना मानव जाती के लिए एक बुरा संकेत है क्यूंकि मानव विभिन्न प्रकार के कार्यों और वन्यजीवों से प्राप्त होने वाली चीजों पर अपनी निर्भरता रखता है। इसलिए, वन्यजीवों के संरक्षण की महत्ता और लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिए प्रति वर्ष 03 मार्च को संयुक्त राष्ट्र के द्वारा दुनिया भर में “विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day)” के रूप मनाया जाता है, जो की वन्यजीवों की संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाता है।
Visw Vanyajiv Diwas हमारे पृथ्वी की अविश्वसनीय समृद्ध जैव विविधता को सतत बनाए रखने के लिए वन्यजीवों के अनुकूल कार्यों को समर्थन करती है और व्यक्तियों, समुदाय एवं सरकारों को जैव विविधता के संरक्षण के लिए सामूहिक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
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Visw Vanyajiv Diwas 2024 का थीम।
Visw Vanyajiv Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करता है, जहाँ इस बार 2024 में “लोगों और ग्रह को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज (Connecting People and Planet: Exploring Digital Innovation in Wildlife Conservation)” विषय निर्धारित की गयी है, जो की डिजिटल नवाचार को वन्यजीवों के संरक्षण के उपयोग में लाने के लिए लोगों के योगदान की अपेक्षा करता है।
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विश्व वन्यजीव दिवस का उदेश्य क्या है?
Visw Vanyajiv Diwas का मुख्य उदेश्य हमारे ग्रह पर रहने वाली वनस्पतियों और जीवों की अविश्वसनीय विविधता का जश्न मनाना, वन्यजीवों और उनके आवासों के संरक्षण के महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना और लोगों को शिक्षित करना और वन्यजीवों के निवास स्थान के नुकसान, अवैध शिकार और जलवायु परिवर्तन जैसे खतरों से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देता है।
Visw Vanyajiv Diwas का महत्व।
विश्व वन्यजीव दिवस को दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के निबंध लेखन, भाषण, सांस्कृतिक और जागरूकता कार्यक्रम को आयोजित करके मनाया जाता है, जो की इसकी महत्ता को और जोर देती है।
Visw Vanyajiv Diwas संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य 14 एवं 15 को संबोधित भी करता है और उसके अनुकूल अपना कार्य करता है।
सांस्कृतिक और सौंदर्यात्मक मूल्य का वन्य जीवन से गहरा संबंध है, वे कुछ प्रजातियों को सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक मानते हैं। इसके अतिरिक्त, विभिन्न प्रजातियों की सुंदरता और विशिष्टता प्राकृतिक दुनिया के सौंदर्य मूल्य में योगदान करती है।
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विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास।
Visw Vanyajiv Diwas की अवधारणा 03 मार्च, 1973 के वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) को अपनाने के उपलक्ष्य में, वन्यजीव और वनस्पतियों के अस्तित्व के खतरे को महसूस करते हुए उनकी रक्षा और संरक्षण को विनियमित करने के वैश्विक प्रयास में प्रति वर्ष 2013 से 03 मार्च को ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ मनाने की घोसणा की।