ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु के परिवर्तनशील स्वाभाव वाली परिस्तिथि ने आज के दौर में मौसम विज्ञान और जलवायु से सम्बंधित जानकारियों का पूर्वानुमान उपलब्ध करवा देना विभिन्न क्षेत्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसलिए समाज की सुरक्षा और कल्याण के लिए मौसम और जलवायु विज्ञान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष 23 मार्च को “विश्व मौसम विज्ञान दिवस (World Meteorological Day)” के रूप में मनाया जाता है। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग आज की दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा है, जहाँ इन दो कारकों के कारण होने वाली प्राकृतिक आपदा की रोकथाम को मौसम विज्ञान के मदद के जरिये कम किया जा सकता है।
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Visw Mausam Vigyan Diwas 2024 की थीम।
Visw Mausam Vigyan Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करती है, जहाँ इस बार 2024 में “जलवायु कार्रवाई की अग्रिम पंक्ति में (At the Frontline of Climate Action)” विषय निर्धारित की गयी है, जो की जलवायु के परिवर्तनशील व्यवहार का विरोध करने और समाज के कल्याण में लगातार अपनी अग्रिम पंक्ति की भूमिका को बनाये रखने में तत्पर है।
विश्व मौसम विज्ञान दिवस का उद्देश्य क्या है?
Visw Mausam Vigyan Diwas का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली घटनाओं, किसी भी प्रकार के आकस्मिक प्राकृतिक आपदा की रोकथाम, मौसम विज्ञान संगठनों के महत्व और समाज की सुरक्षा और कल्याण में उनके योगदान के प्रति जागरूकता फैलाना।
विश्व मौसम विज्ञान दिवस का एक प्राथमिक उद्देश्य मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन, कृषि, विमानन और जलवायु परिवर्तन शमन सहित मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं में मौसम विज्ञान और जल विज्ञान कार्य करता है।
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Visw Mausam Vigyan Diwas का महत्व।
- विश्व मौसम विज्ञान दिवस के महत्व को “विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ द्वारा दुनिया भर के विभिन्न मौसम विज्ञान संगठनों के साथ मिल कर मनाया जाता है और मानवता के लाभ के लिए करने वाले कार्यों को उजागर किया जाता है साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधारित सतत विकास लक्ष्य-13 (जलवायु कार्रवाई) को भी 2030 तक पूरा करना का प्रयाश करता है।
- Visw Mausam Vigyan Diwas मौसम पूर्वानुमान और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली जारी करने और तूफान, चक्रवात, बाढ़ और हीटवेव जैसी गंभीर मौसम की घटनाओं के बारे में समय पर चेतावनि देने के लिए जिम्मेदार है।
- मौसम संबंधी जानकारी कृषि योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसमें फसल चयन, रोपण कार्यक्रम और सिंचाई प्रबंधन शामिल हैं। सटीक मौसम पूर्वानुमान किसानों को अपनी कृषि पद्धतियों को अनुकूलित करने में सक्षम बनाता है, जिससे खाद्य सुरक्षा में योगदान मिलता है।
विश्व मौसम विज्ञान दिवस का इतिहास।
‘विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ की स्थपना के उपलक्ष्य में 23 मार्च को Visw Mausam Vigyan Diwas मनाया जाता है, जो की एक संयुक्त राष्ट्र संगठन है और 1950 में बनकर तैयार हुआ था। लेकिन इस दिवस की घोसणा 23 मार्च, 1961 की गयी थी ताकि मौसम, जलवायु और जल संसाधनों से संबंधित आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए मौसम विज्ञान और जल विज्ञान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।