होम्योपैथी, चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसा आविष्कार है जो की किसी भी प्रकार के शारीरिक रोगों को जड़ से खत्म करके उसे पूर्ण रूप से स्वस्थ करने की क्षमता रखता है, होम्योपैथी की एक ख़ास बात है की यह किसी भी प्रकार के गैर-विषैले पदार्थ और दुष्प्रभाव से मुक्त है साथ ही इसकी चिकित्सा पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ है, जिसमे प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग शामिल है और जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इसलिए, होम्योपैथी के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक और शिक्षित करने के लिए प्रति वर्ष 10 अप्रैल को “विश्व होम्योपैथी दिवस (World Homeopathy Day)” के रूप में मनाते हैं, जो की होम्योपैथी की सकारात्मक उपचार और इसके परिणाम को उजागर कर लोगों को इसे उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है।
Visw Homeopathy Diwasको होम्योपैथी के संस्थापक और जर्मन चिकित्सक ‘समुएल हानेमैन’ के जन्मदिवस की जयंती के स्वरुप में मनाया जाता है, जिसे स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में माना जाता है।

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Visw Homeopathy Diwas 2024 का थीम।
विश्व होम्योपैथी दिवस प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करता है, जहाँ इस बार 2024 में “होम्योपरिवार: एक स्वास्थ्य, एक परिवार (Homeoparivar: One Health, One Family)” विषय निर्धारित की गयी है, जो की मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के कल्याण में होम्योपैथी के महत्व पर प्रकाश डालता है।
विश्व होम्योपैथी दिवस उदेश्य क्या है?
Visw Homeopathy Diwas का मुख्य उदेश्य समग्र स्वास्थ्य कल्याण के लिए होम्योपैथी की महत्ता को उजागर करना, इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना और वैश्विक चिकित्सक अनुसंधान केंद्रों के सहयोग से होम्योपैथी को बढ़ावा देना।
Visw Homeopathy Diwas अपनी कामयाबी का जश्न मनाता है और होम्योपैथी की उपचार से लाभान्वित हुए लोगों की प्रशंसा कर इसके उपयोग को समाज में बढ़ावा देता है।
Visw Homeopathy Diwas का महत्व।
विश्व होम्योपैथी दिवस की महत्ता को दुनिया भर के विभिन्न स्थानों पर होम्योपैथी चिकित्सा शिविर का आयोजन करके लोगों को जागरूक करके किया जाता है, होम्योपैथी उपचार के समग्र दृष्टिकोण न केवल बीमारी के शारीरिक लक्षणों पर बल्कि स्वास्थ्य के मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक पहलुओं पर भी विचार करता है। पारंपरिक चिकित्सा के विपरीत, जो अक्सर केवल लक्षणों को दबाने पर ध्यान केंद्रित करती है, होम्योपैथी का उद्देश्य शरीर के प्राकृतिक उपचार तंत्र को उत्तेजित करना, दीर्घकालिक कल्याण और जीवन शक्ति को बढ़ावा देना है।
Visw Homeopathy Diwas संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधारित सतत विकास लक्ष्य- 03, 13, 15 के प्रति अपने कर्त्तव्य को पूर्ण रूप से पूरा करने की अथक प्रयाश करता है, जो की बेहतर स्वास्थ्य, टिकाऊ पर्यावरण और पृथ्वी पर सतत जीवन की बात करता है।
विश्व होम्योपैथी दिवस का इतिहास।
Visw Homeopathy Diwas की उत्पत्ति 18वीं शताब्दी से जोड़ कर देखि जा सकती है, जब जर्मन चिकित्सक समुएल हानेमैन ने होम्योपैथी की खोज की, जिनका जन्म 10 अप्रैल, 1755 में पेरिस में हुआ। अपने समय की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से असंतुष्ट होकर समुएल हानेमैन ने पहली बार होम्योपैथी के मूलभूत सिद्धांतों को स्पष्ट किया और उनका मानना था की रोग के लक्षणों को उत्पन्न करने वाले पदार्थों ही रोग को खत्म कर सकते हैं और होम्योपैथी इसी सिद्धांत पर कार्य भी करता है। इसी उपलब्धि का जश्न मनाने और लोगों में जागरूकता फ़ैलाने के लिए यह दिवस 10 अप्रैल को प्रति वर्ष मनाया जाता है।