पक्षियाँ हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग है, जिसके संरक्षण की ज़िम्मेदारी हम इंसानो की जवाबदारी है। पर्यावरण में पक्षियों की उपस्तिथि एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और अगर बात करें गौरैया पक्षी के बार में तो मानो जैसे वह इस सृष्टि से अब विलुप्त हो चुकी है क्यूंकि शहरों में अब ये दिखाई नहीं पड़ते हैं, जिसका मुख्य कारण है बढ़ती प्रदुषण, जलवायु परिवर्तन, ध्वनि तरंगे और ग्लोबल वार्मिंग। इसलिए, गौरैया और अन्य पक्षियों के संरक्षण और उनके सतत जीवन के बारे में जागरूकता फ़ैलाने एवं लोगों को शिक्षित करने के लिए प्रति वर्ष 20 मार्च को “विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day)” के रूप में मनाया जाता है।
विश्व गौरैया दिवस विलुप्त होतें पक्षियों को संरक्षित करने के लिए आवाज़ उठाती है और उनके अनुकूल आवास और वातावरण को बढ़ावा देती है।

Table of Contents
Visw Gauraiyaa Diwas 2024 का थीम।
विश्व गौरैया दिवस प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करता है, जहाँ इस बार 2024 में “मुझे गौरैया से प्यार है और हम गौरैया से प्यार करते हैं (I Love Sparrows and We Love Sparrows)”, विषय निर्धारित की गयी है, जो की उस नन्हे से पक्षी की चहचहाहट के प्रति लोगों के अंदर संवेदना को प्रकट करती है और उसे बचाने में उनके योगदान को महत्व देती है।
विश्व गौरैया दिवस का उदेश्य क्या है?
Visw Gauraiyaa Diwas का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर लोगों के बिच गौरैया और अन्य पक्षियों के संरक्षण व्यवहार के प्रति जागरूकता को सामुदायिक बढ़ावा देना। गौरैया और अन्य छोटे पक्षियों की आबादी में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है, जिसके कारण विभिन्न पक्षी संरक्षण केंद्रों द्वारा पक्षियों के आवास और उनके अनुकूल आचरणों को बढ़ावा देने के साथ उसका समर्थन करते हैं।
इसे भी पढ़ें:- भारत में मानव-पशु-संघर्ष के कारण क्या हैं?
Visw Gauraiyaa Diwas का महत्व।
- Visw Gauraiyaa Diwas की महत्ता को दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम और पहल के आयोजन के साथ मनाया जाता है साथ ही इस दिवस को और आकर्षक पक्षी देखने वालों और पक्षी प्रेमियों के द्वारा अपना योगदान देकर बनाया जाता है।
- गौरैया आकार में छोटी हो सकती हैं, लेकिन वे पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बीज खाने वाले के रूप में, गौरैया कीटों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद करती हैं और बीजों के फैलाव में योगदान देती हैं, जिससे जंगलों और अन्य वनस्पतियों के पुनर्जनन में सहायता मिलती है।
- इसके अलावा, गौरैया दुनिया भर के कई समाजों में सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक महत्व रखती है। प्राचीन लोककथाओं से लेकर आधुनिक साहित्य तक, इन पक्षियों ने सदियों से लोगों का ध्यान खींचा है। उनकी हर्षित चहचहाहट और जीवंत उपस्थिति शहरी और ग्रामीण परिदृश्यों में समान रूप से सुंदरता और आकर्षण जोड़ती है।
विश्व गौरैया दिवस का इतिहास।
Visw Gauraiyaa Diwas की शुरुवात 2010 में ‘द नेचर फॉरएवर सोसाइटी के संस्थापक मोहम्मद दिलावर ने फ्रांस के एक इको-सिस एक्शन फाउंडेशन’ के सहयोग से किया था। उन्होंने इस दिवस की स्थापना गौरैया एवं अन्य सामान्य पक्षियों की घटती आबादी के बारे में जागरूकता फ़ैलाने और उन्हें संरक्षित करने के उदेश्य से बनाया था, तब से यह दिवस प्रति वर्ष 20 मार्च को Visw Gauraiyaa Diwas के रूप में मनाया जाता है।