वेटलैंड्स पर्यावरण के पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वेटलैंड्स होने के कई फायदे हैं और वेटलैंड्स दुनिया के हर कोने में मौजूद हैं, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग, पानी के खारेपन, अस्थिर विकास और मानवजनित गतिविधियों के कारण वेटलैंड्स की स्थिति दिन-ब-दिन ख़राब होती जा रही है। आर्द्रभूमियाँ जलवायु परिवर्तन को निर्धारित करने के लिए एक संकेतक के रूप में भी काम करती हैं, इसीलिए, आर्द्रभूमियों के तेजी से हो रहे नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को उनके संरक्षण और पुनर्स्थापना के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, दुनिया भर में 02 फरवरी को “विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetland Day)” के रूप में मनाया जाता है।
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आर्द्रभूमि किसे कहतें हैं?
आर्द्रभूमि व्यापक रूप से परिभाषित होती है जिसमें तालाब, जलीय क्षेत्र, नदी प्रणाली, दलदल, डेल्टा, तटीय क्षेत्र, मूंगा चट्टानें, मछली तालाब, जलाशय और नहरें शामिल हैं और यह विभिन्न प्रकार के पौधों और पशु प्रजातियों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करता है और जैव विविधता को भी समृद्ध बनाता है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2024 का थीम क्या है?
Visw Aardrabhumi Diwas प्रतिवर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करती है, जहाँ 2024 में “आर्द्रभूमि और मानव कल्याण (Wetlands and Human Wellbeing)” विषय रखा गया है, जो की मानव कल्याण और आर्द्रभूमि पारिस्तिथिकी तंत्र को सतत विकास के लिए प्रेरित करता है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस का उदेश्य क्या है?
Visw Aardrabhumi Diwas का मुख्य उदेश्य आर्द्रभूमि की तेजी से हो रहे नुक्सान, संरक्षण और उसकी पुनर्स्थापना के बारे में लोगों को जागरूक और शिक्षित करना साथ ही आर्द्रभूमि से होने वाले अनगिनत फायदों के बारे में लोगों को सूचित करना। Visw Aardrabhumi Diwas सतत विकास लक्ष्य 13 को भी प्राप्त करने का अचूक प्रयाश जारी रखता है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस का महत्व।
Visw Aardrabhumi Diwas की महत्ता को तीव्र गति प्रदान करने के लिए दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के नाट्य, भाषण और प्राकृतिक सम्बंधित कार्य किये जाते हैं, जिससे लोगों को इसकी भूमिका का ज्ञात हो सके।
Visw Aardrabhumi Diwas जैव विविधता की सतत विकास और बेहतर जीवन सुनिश्चित करता है और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 13 को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयाश करता है।
Visw Aardrabhumi Diwas दुनिया के सभी देशों के लिए आर्द्रभूमि संरक्षण सम्बंधित क़ानून और निति तैयार करती है, जिसे सभी देशों द्वारा माना जाता है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस का इतिहास।
Visw Aardrabhumi Diwas का इतिहास 02 फ़रवरी, 1971 में ईरान के कैस्पियन महासागर के तट पर हुए रामसर शहर में ‘रामसर कन्वेशन’ से सम्बंधित है, जो की एक अंतर-सरकारी सहमति है, जहाँ आर्द्रभूमि के संसाधनों की संरक्षण और उनका बुद्धिमानी से उपयोग करने के प्रति रुपरेखा स्थापित करता है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस पहली बार 02 फ़रवरी, 1997 में रामसर कन्वेंशन के 16 साल पूरी होने की ख़ुशी में मनाई गयी थी और तब से यह दिवस 02 फ़रवरी को प्रति वर्ष मनाया जाता है, जो की रामसर कन्वेंशन को अपनाने की तिथि को चिन्हित करता है।