द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कई बच्चे आश्रयहीन और अनाथ थे। इसलिए, बच्चों की देखभाल के लिए संयुक्त राष्ट्र ने बच्चों के लिए एक आपातकालीन कोष बनाया जो उन्हें अच्छा स्वास्थ्य, अध्ययन, दवाएँ प्रदान करता है और उनके कल्याण के लिए प्रयास करता है और साथ ही यह दुनिया भर के बच्चों को कठिन परिस्तिथियों में मानवीय सहायता प्रदान कर उनके भविष्य को बेहतर बनाने की कोशिश करता है। आज भी दुनिया भर में कई ऐसे अल्प-विकसित देश हैं, जहाँ युद्ध की स्तिथि बनी हुई है अथवा ग्रह युद्ध का माहौल बना हुआ है, ऐसी स्तिथि में बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाता है। तो इन परिस्तिथियों से बच्चों को बाहर निकलने और उनके बेहतर भविष्य के लिए जागरूकता फ़ैलाने और धन जुटाने के उदेश्य से प्रति वर्ष 11 दिसंबर को “संयुक्त राष्ट्र बाल कोष दिवस (UNICEF Diwas)” के रूप में मनाया जाता है।
UNICEF Diwas का मुख्य उदेश्य दुनिया भर के बच्चों ख़ास तौर पर अल्प-विकसित देशों के बच्चों को जो किसी-न-किसी प्रकार की कठिनाइयों से जूझ रहें हैं चाहे वह ग्रह युद्ध, हिंसा, शोषण अथवा आर्थिक संकट हो उनकी स्तिथि के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनके बेहतर भविष्य के लिए धन एकत्रित करना।
UNICEF बच्चों के प्रति विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में संलिप्त रहता है साथ ही यह सरकारी अथवा गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर बच्चों के हित के लिए चलाये जा रहें कार्यक्रमों को बढ़ावा देता है।
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यूनिसेफ दिवस का महत्व।
- UNICEF दुनिया भर में हिंसा, शोषण, युद्ध अथवा आर्थिक संकट से पीड़ित बच्चों के कल्याण के लिए कार्य करता है, जो की दुनिया के लिए भविष्य हैं। इसलिए, यूनिसेफ उन बच्चों को सहायता प्रदान कर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाता है।
- UNICEF बच्चों के लिए चलाये जा रहे सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के द्वारा कल्याणकारी कार्यक्रम को बढ़ावा देता है और उनके आड़े आ रही चुनौतियों का समाधान करने की कोशिश करता है।
- UNICEF के द्वारा अल्प-विकसित देशों में बच्चों के लिए बहुत से कल्याणकारी कैम्प्स लगाएं जातें हैं, जो की बच्चों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और आवश्यक दवाएँ और टिकाकरण जैसे बुनियादी चीजों की पहुंच सुनिश्चित करती है।
- UNICEF बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सरकारी अथवा गैर-सरकारी संगठनों से बच्चों को प्रभावित करने वाले इन वैश्विक मुद्दों के स्थायी समाधान की अपील करता है और साथ ही सतत विकास लक्ष्य को पूरा करने का प्रयत्न करता है।
यूनिसेफ दिवस का इतिहास।
11 दिसंबर, 1946 द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा हिंसा, युद्ध, शोषण और आर्थिक संकट से ग्रसित दुनिया भर के बच्चों की देखभाल और उनके अच्छे जीवन, सुरक्षा और कल्याण का निर्णय लिया और एक आपातकालीन कोष का गठन किया। उसके बाद 1953 में यह कोष आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा बन गया और ‘संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ)’ के नाम से स्थापित हुआ।
UNICEF का मानना है की बिना कोई भेद-भाव किये सभी बच्चों को समान अधिकार और अवसर मिलना चाहिए। बुनियादी जरूरतें जैसे; भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य यह यूनिसेफ की प्रथम प्राथमिकता है।