भारत में हीट वेव की समस्या। (The Problem of Heat Wave in India.)
जब वातावरण में तापमान सामान्य स्तर से अधिक हो जाता है तब हीट वेव यानि ऊष्मा तरंगे वातावरण में अपना असर दिखाना शुरू कर देती है और तापमान सामान्य से अधिक होने के कारण गर्म हवा का प्रवाह भी बढ़ जाता है, जिसे हीट वेव (Heat Wave) कहतें हैं।
भारत में हीट वेव की समस्या का घोसणा ‘भारतीय मौसम विभाग’ के द्वारा किया जाता है, जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है और निरंतर 2 दिनों तक तापमान सामान्य से अधिक ही रहता है, तब हीट वेव की घोसणा कर दी जाती है। हीट वेव का संकट आम तौर पर उत्तरी भारत में मार्च से जुलाई महीने के बिच में देखने को मिलता है।