भारत में महिला सशक्तिकरण। (Women Empowerment in India.)

women empowerment

अगर इस सृस्टि पर महिलायें न होती तो क्या होता, कैसे ये सृस्टि आगे बढ़ती और कैसे कोई ज़िन्दगी जन्म लेती, वैसे तो ये सब एक काल्पनिक बातें हैं क्यूंकि एक महिला के बिना संसार का आगे बढ़ना असंभव है। ईश्वर ने सृस्टि को आगे बढ़ाने के लिए महिला और पुरुष इन दो लोगों को भेजा है और दोनों के द्वारा समाज में अहम् भूमिका भी निभाई जाती है, ईश्वर ने दोनों में कोई अंतर नहीं किया है, तो फिर हमारी क्या औकात हम क्यों भेद-भाव करतें हैं

भारत में पितृसत्तात्मक समाज। (Patriarchal Society in India.)

patriarchy

पितृसत्तातमक समाज वो समाज है जहाँ पुरुष प्रमुख होतें हैं जिस घर में केवल पुरुष को ही प्राथमिकता दी जाती है, कोई भी फैसला लेने का विशेषाधिकार बस पुरुष को ही होता है किसी महिला को नहीं, अगर महिला के द्वारा कुछ किया भी जा रहा है तो वो घर के पुरुष से अनुमति लेकर ही कर सकती है, जहाँ पे महिला केवल घरो के काम के लिए ही होती हैं और पुरुष केवल बाहरी कामों के लिए, तो ऐसे रूढ़िवादी सोच को हम पितृसत्तातमक समाज कहते हैं।