भारत में लैंगिक असमानता। (Gender Inequality in India in Hindi.)
लैंगिक असमानता स्त्री-पुरुष के मध्य एक ऐसी परम्परावादी नाकारात्मक सोच है, जिसका अंश आज भी समाज के कई हिस्सों में देखने को मिलता है। ईश्वर ने स्त्री-पुरुष की रचना करते वक़्त किसी भी प्रकार का अंतर चिन्हित नहीं किया केवल लिंग को पारस्परिक तरीके से अलग बनाया, जिससे पृथ्वी पर जीवन आगे बढ़ सके, लेकिन सामाजिक लोगों ने केवल लैंगिक अंतर को विभिन्न प्रकार की धारणाओं से जोड़कर स्त्री और पुरुष के मध्य एक बहुत बड़ी असमानता की दिवार खड़ी कर दी। हालाँकि, भारत भी इस परम्परावादी सोच का एक उत्कृष्ट उदाहरण था लेकिन अब “भारत में लैंगिक असमानता (Bharat mein Laingik Asamanta)” का प्रचलन धीरे-धीरे कम हो रहा है फिर भी इसका अंश आज भी समाज के लोगों के दिमागों में बैठा है, जिसे दूर करना चुनौती भरा कार्य है।