सुशासन दिवस। (Good Governance Day in Hindi.)

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सुशासन की व्यवस्था देश की जान होती है, जो की देश की तरक्की, भलाई और जनता के हित में अपने कार्य को समर्पित कर देती है। जब सत्ता की शक्ति का उपयोग देश के विकास और उसे आगे बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाए तो उसे सुशासन कहतें हैं। प्रति वर्ष भारत अपने देश में एक अच्छी शासन प्रणाली कायम रखने के लिए और पूर्व प्रधान मंत्री और भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपयी जी के जयंती को स्मरण कर उनके सम्मान में 25 दिसंबर को “सुशासन दिवस (Good Governance Day)” मनाया जाता है।

sushaasan diwas
Sushaasan Diwas

सुशासन व्यवस्था का मतलब सरकार के भीतर की प्रक्रियाओं को सरल और जनता के अनुकूल बनाना जिससे सरकार और जनता के बिच के सम्बन्ध मजबूत होतें है और देश में सकारात्मक परिणाम सामने निकल कर आतें हैं।

सुशासन दिवस का उद्देश्य।

Sushaasan Diwas का मुख्य उदेश्य भारत में शासन व्यवस्था को जनता के अनुकूल, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना साथ ही सरकार सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है, इसके बारे में जागरूकता फैलाना।

Sushaasan Diwas सरकार को समाज और जनता के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है और अपने कर्तव्यों का स्मरण करवाता है।

Sushaasan Diwas से ठीक पहले सरकार के द्वारा 19 से 25 दिसंबर तक “सुशासन सप्ताह” का आयोजन किया जाता है, जिसे सरकार के द्वारा अमृत काल 2021 में घोसित किया गया था, जहाँ सरकारी कर्मचारी और सांसद सुशासन से जुड़ी आदतों का अभ्यास करतें हैं।

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सुशासन दिवस का महत्व।

  • Sushaasan Diwas सरकार को देश, युवाओं और जनता के प्रति जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का स्मरण करवाता है।
  • Sushaasan Diwas पर आधारित भारत में सुशासन व्यवस्था का सभी राज्यों में मूल्यांकन करने के लिए कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा सुशासन सूचकांक (Good Government Index) विकसित किया गया है।
  • Sushaasan Diwas पर सरकारी दफ्तरों, विद्यालयों और कॉलेजों में विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम, सेमिनार और अन्य गतिविधियां आयोजित किये जातें हैं।
  • Sushaasan Diwas प्रति वर्ष सरकार के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है, जो उन्हें निष्पक्ष, पारदर्शी और विकासोन्मुख रहकर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।

सुशासन दिवस का इतिहास।

Sushaasan Diwas हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वायपेयी जी के सिद्धांतो को स्मरण करने के लिए 2014 में सरकार के द्वारा उनके जयंती के सम्मान में घोसित किया गया था। सुशासन के रूप में प्रचलित श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को वर्ष 1994 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में ‘पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार’ से सम्मानित भी किया गया था और सभी सांसदों प्रेरणास्रोत थें।

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