शहीद दिवस। (Martyr’s Day in Hindi.)

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भारत के सभी प्रभावशाली नेताओं में से एक और अहिंसक मार्ग के जरिये भारत को आज़ादी दिलाने वाले हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी ‘मोहनदास करमचंद गाँधी उर्फ़ महात्मा गाँधी जी’ की पुण्यतिथि को प्रति वर्ष स्मरण करने के अवसर पर 30 जनवरी को “शहीद दिवस (Marty’s Day)” के रूप में मनाया जाता है। Shaheed Diwas के दिन उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि अर्पण किये जातें हैं, जिन्होंने भारत के लिए अपना बलिदान दिया। 

स्वतंत्रता के आंदोलन में महात्मा गाँधी जी की अहिंसक निति की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा आज भी विश्व के कई प्रसिद्द नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा की जाती है, लेकिन अफ़सोस इस बात का है की केवल प्रशंसा मात्र ही महात्मा गाँधी जी की निति रह गयी है, आज सभी के द्वारा हिंसा के मार्ग को ही बढ़ावा दिया जाता है।

shaheed diwas
Shaheed Diwas

30 जनवरी को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है?

महात्मा गाँधी जी का जन्म 02 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था, 13 वर्ष की उम्र में उनका विवाह कर दिया गया और उसके बाद वह अपनी आगे की शिक्षा को पूरी करने के लिए इंग्लैंड चलें गए और फिर वह कानून की पढाई करने के लिए दक्षिण अफ्रीका चले गएँ। भारत में गाँधी जी का आगमन गोपाल कृष्णा गोखले जी के कहने पर हुआ था, जिसके बाद महात्मा गाँधी जी ने भारत के कल्याण, विकास और आज़ादी के लिए अपना जीवन दे दिया।

30 जनवरी, 1948 को महात्मा गाँधी जी नई दिल्ली बिड़ला हाउस से प्रार्थना करके बाहर निकल रहें थें, तभी नाथूराम गोडसे के द्वारा गोली मार कर उनकी हत्या कर दी गयी थी। इस प्रकार भारत के प्रसिद्ध नेता और समाज सेवक 30 जनवरी को अपनी आखिरी साँसें ली और देश के लिए शहीद हो गएँ, उसके बाद से भारत सरकार ने 30 जनवरी को Shaheed Diwas के रूप में घोसित किया।

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शहीद दिवस का महत्व।

Shaheed Diwas भारत के साथ-साथ पुरे विश्व के लिए भी अहिंसा, सत्य के लिए लड़ाई- सत्याग्रह, राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता- स्वराज के सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा देता है।

Shaheed Diwas भारत देश को यह सन्देश देता है की हम सब भारतवासियों को भाईचारे के साथ मिलकर रहना चाहिए क्यूंकि इसी भारत को स्वतंत्र करने के लिए कितनों ने अपना बलिदान दिया है।

30 जनवरी को शहीद दिवस कैसे मनातें हैं?

30 जनवरी के दिन भारत के राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना के प्रमुख द्वारा दिल्ली राजघाट (महात्मा गाँधी जी का समाधि स्थल) में गाँधी जी की समाधि स्थल पर फूल अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है साथ ही देश के अन्य शहीदों को स्मरण कर उनके लिए भी दो मिनट का मौन रखा जाता है। शस्त्र बलों के द्वारा भी शहीदों के सम्मान में सम्मानजनक सलामी दी जाती है।

देश के अन्य विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के देशभक्ति गीत और नाट्य जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

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