ऊर्जा पृथ्वी पर सभी मनुष्यों की मूलभूत आवश्यकता है, ऊर्जा के बिना अर्थव्यवस्था अटक जाती है, काम रुक जाते हैं और कुल मिलाकर परिणाम शून्य हो जाता है। इसलिए, जीवन के लिए जितना महत्व भोजन का है उतना ही महत्वपूर्ण ऊर्जा की खपत और उसे अधिक कुशल बनाना भी है, जिसके लिए प्रति वर्ष भारत के द्वारा 14 दिसंबर को “राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (National Energy Conservation Day)” के रूप में मनाया जाता है।
Rashtriya Urja Sanrakshan Diwas का मुख्य उदेश्य ऊर्जा की खपत को कम कर उसे संरक्षित करना और उसकी दक्षता को बढ़ाना, जिससे आने वाली भावी पीढ़ियों के लिए सतत ऊर्जा का विकास हो सके और वर्त्तमान में ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना ताकि ऊर्जा का विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।
Rashtriya Urja Sanrakshan Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करती है, जहाँ इस वर्ष 2023 में “अद्यतन किया जाना है अभी तक सरकार द्वारा प्रकाशित नहीं किया गया है”।
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राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का महत्व।
- Rashtriya Urja Sanrakshan Diwas में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के द्वारा भारत के लोगों को ऊर्जा के कुशल अथवा विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग के बारे में बताना साथ ही ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना।
- इस दिन भारत में चलने वाले विभिन्न प्रकार के भारी उद्योगों, ऑटोमोबाइल क्षेत्रों और कंपनियों को ऊर्जा संरक्षण रणनीतियों के बेहतर कार्यान्वयन और ऊर्जा कुशल तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने की शपथ दिलाई जाती है।
- यह दिवस भारत में हो रहे जलवायु परिवर्तन की ओर लोगों का ध्यान केंद्रित करती है और साथ ही उन्हें हरित ऊर्जा पर स्विच करने की सलाह देती है, जिससे हम अपनी निर्भरता जीवाश्म ईंधन पर कम कर सभी के लिए एक सतत भविष्य का निर्माण कर सकतें हैं।
- यह दिवस ख़ास तौर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधारित सतत विकास लक्ष्य 7 पर केंद्रित कार्य करती है और 2030 तक उसे पाने प्रयाश भी कर रही है।
- इस दिन ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के द्वारा देश भर में ऊर्जा संरक्षण के प्रति कार्य करने और उसकी दक्षता को बढ़ाने के साथ ही हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए जिस भी उद्योगों, कारखानों, हॉस्पिटल्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर के द्वारा बेहतर प्रदर्शन किया जाता है उन्हें राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरुष्कार से सम्मानित किया जाता है।
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राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का इतिहास।
भारतीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा 14 दिसंबर, 1991 में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरुष्कार की शुरुवात की गयी, जहाँ उन उद्योगों, कारखानों और प्रतिष्ठानों को सम्मानित किया गया जो ऊर्जा की खपत को कम करने पर और ऊर्जा की कुशलतापूर्वक उपयोग पर केंद्रित अपना कार्य करता है। इसी पुरुष्कार के माध्यम से प्रति वर्ष Rashtriya Urja Sanrakshan Diwas मनाने का बीड़ा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के द्वारा लिया गया और तब से प्रति वर्ष यह दिवस मनाया जाता है।