उपभोक्ता जो की किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होतें, जिनके व्यय पर उस देश की आर्थिक स्तिथि तय होती है। उपभोक्ताओं के महत्व को उजागर करने और उनके अधिकारों एवं जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए भारत में प्रति वर्ष 24 दिसंबर को “राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (National Consumer Day)” मनाया जाता है। हमारे देश में बहुत से नागरिक ऐसे हैं, जो स्वयं उपभोक्ता के अधिकारों से अनभिज्ञ है और जो सेवा खरीदने के बाद अगर उसमे किसी भी प्रकार की त्रुटि पाई जाती है तो उन्हें उसकी शिकायत कहाँ करनी है यह मालुम नहीं होता है।
Rashtriya Upbhoktaa Diwas का मुख्य उदेश्य उपभोक्ताओं को उनके द्वारा खरीदे गए उत्पादों और सेवाओं में किसी भी त्रुटि के संबंध में शिकायत करने और अपनी आवाज बुलंद करने का अधिकार प्रदान करना और उसके बारे में जागरूकता का प्रचार करना।
Rashtriya Upbhoktaa Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर केंद्रित कार्य करता है, जहाँ 2023 में “वैकल्पिक उपभोक्ता शिकायत/विवाद निवारण (alternate consumer grievance/dispute redressal)” विषय रखा गया है, जो की उपभोक्ता को विवाद निवारण के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा।
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राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का महत्व।
जिस प्रकार से सोशल मीडिया और ऑनलाइन स्टोर्स में उत्पादों के संबंध में विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ीपूर्ण प्रथाएं और कदाचार उपभोक्ताओं के लिए अपने अधिकारों को जानने के महत्व को बढ़ा रहे हैं।
- Rashtriya Upbhoktaa Diwas उपभोक्ताओं की महत्ता, अधिकारों और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को उजागर करता है साथ ही विभिन्न प्रकार की रैलियों के जरिये बाजार में जागरूकता फैलाता है।
- इस दिन गैर-सरकारी संगठनों और सरकारों द्वारा विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जैसे; जागो-ग्राहक-जागो।
- Rashtriya Upbhoktaa Diwas ग्राहकों को सशक्त बनाता है और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उन्हें शिकायत अथवा मुआवजे की सुविधा प्रदान करवाता है।
- यह दिवस उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार के अनुचित व्यापार जैसे; जमाखोरी, नकली विज्ञापन और अपर्याप्त या खराब समान के खिलाफ आवाज़ उठाने की सुरक्षा प्रदान करता है।
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राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का इतिहास।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस की शुरुवात भारत में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के लागू होने बाद घोसित किया गया, जब 24 दिसंबर 1986 को भारत के राष्ट्रपति ने इस विधेयक को स्वीकृति प्रदान की क्यूंकि उपभोक्ताओं को व्यापार में होने वाले धोखाधड़ी, नकली विज्ञापन, खराब समान जैसे शोषण से बचाना है।
इस प्रकार यह विधेयक पारित होने के बाद देश में Rashtriya Upbhoktaa Diwas मनाना घोसित किया गया ताकि लोग अपने अधिकारों से वंचित ना रहें।