‘शिक्षा वह हथियार है, जिसका उपयोग करके हम दुनिया बदल सकतें हैं और विद्यालय वह प्रयोगशालाएँ हैं, जो देश के भावी नागरिक को तैयार करती है’, “राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (Rashtriya Shiksha Diwas)” भारत में 11 नवंबर को मनाया जाता है, जो की ख़ास तौर पर देश के प्रथम शिक्षा मंत्री ‘मौलाना अबुल कलाम आज़ाद’ के जन्मदिवस के स्मृति में मनाया जाता है और भारत में शिक्षा के प्रति उनके योगदान को सम्मान करता है। यह दिवस देश में शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना और शिक्षा प्रणाली को देश में और बेहतर बनाने के प्रति ध्यान देता है साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर बनाने के लिए सभी विद्यालयों, कॉलेजों और शिक्षा संस्थानों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और अभियान आयोजित किये जातें हैं।
Rashtriya Shiksha Diwas 2023 का विषय “नवप्रवर्तन को अपनाना (Embracing Innovation)” है, जो शिक्षा में होने वाले अत्यधुनिक एवं रचनात्मक शिक्षण रणनीतियों में बदलाव के प्रति प्रकाश डालता है। शिक्षा आज के युग में सभी क्षेत्रों में फ़ैल चुकी है, शिक्षा में नवीनीकरण चुनौतियों के साथ नए अवसर भी प्रदान कर रहा है।
Table of Contents
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व।
- राष्ट्रीय शिक्षा दिवस देश में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और शिक्षा की भूमिका को उजागर करने के लिए मनाया जाता है।
- राष्ट्रीय शिक्षा दिवस देश में शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को बढ़ाने और सुधारने के लिए मनाया जाता है।
- राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के महत्व को विद्यालयों एवं शैक्षिक संस्थानों द्वारा विभिन्न प्रकार के निबंध, क्विज, भाषण, पोस्टर मेकिंग जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करके इसका अनुमोदन किया जाता है।
- राष्ट्रीय शिक्षा दिवस भारत को संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय किये गए सतत विकास लक्ष्य चौथा को हासिल करने में भी बड़ी भूमिका निभाता है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास।
11 नवंबर, 2008 से भारत में Rashtriya Shiksha Diwas भारत के प्रत्येक लोगों को शिक्षित बनाने के लिए, शिक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती पर मनाया जाता है जिन्होंने भारत के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और वह भारत के पहले शिक्षा मंत्री भी थे। लोगों को साक्षरता के महत्व के बारे में जानकारी देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इस दिन की घोषणा की गई थी।