हमारा भारत तीन तरफ से महासागर से घिरा हुआ है, जो प्रायद्वीप का निर्माण करता है, जहाँ पश्चिम में अरब महासागर, पूरब में बंगाल की खाड़ी और दक्षिण में हिन्द महासागर है। प्रायद्वीप की महत्ता भारत के लिए पौराणिक काल से प्राथमिकता का केंद्र रही है और आज भी व्यापार के आयात-निर्यात के लिए समुद्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है साथ ही समुद्री उद्योगों का भी भारत में महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए, भारत की समुद्री विरासत और देश की अर्थव्यवस्था में समुद्र के योगदान का जश्न मनाने के लिए प्रति वर्ष 05 अप्रैल को “राष्ट्रीय समुद्री दिवस (National maritime Day)” के रूप में मनाया जाता है।
Rashtriya Samudri Diwas भारत की समुद्री शक्ति, विरासत और देश के विकास में समुद्री क्षेत्र द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने में महत्वपूर्ण महत्व को दर्शाता है।
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Rashtriya Samudri Diwas 2024 की थीम।
राष्ट्रीय समुद्री दिवस प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करता है, जहाँ इस बार 2024 में “भविष्य का मार्गदर्शन: सुरक्षा पहले (Navigating the future: safety first)” विषय निर्धारित किया गया है, जो की भविष्य में होने वाली तकनिकी नवीनिकरण को मार्गदर्शक के रूप में सुरक्षा को पहली प्राथमिकता प्रदान करेगा।
राष्ट्रीय समुद्री दिवस का उदेश्य क्या है?
Rashtriya Samudri Diwas का मुख्य उदेश्य समुद्री जागरूकता को बढ़ावा देना, समुद्री विरासत का सम्मान करना, समुद्री शिक्षा को प्रोत्साहित करना, समुद्री व्यापारों को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को समुद्र के जरिये मजबूत करना साथ ही समुद्र के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मियों को आभार व्यक्त कर उनके मनोबल को मजबूत बनाना भी इस दिवस का उदेश्य है।
Rashtriya Samudri Diwas का महत्व।
- Rashtriya Samudri Diwas महासागर के महत्व के बारे में जागरूकता फैलातें हैं कि कैसे महासागर भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और साथ ही भारत के भौगौलिक स्तिथि की महत्ता को भी बतातें हैं।
- भारत की 7,500 किलोमीटर से अधिक की विशाल तटरेखा अंतराष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
- समुद्री उद्योग लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है, राष्ट्रीय समुद्री दिवस आजीविका पैदा करने और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में इस क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डालता है।
- Rashtriya Samudri Diwas सतत विकास लक्ष्य-14 पर भी ध्यान केंद्रित कर उसे भी बढ़ावा देता है, जो की शिपिंग और समुद्री संचालन में पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित करना है।
राष्ट्रीय समुद्री दिवस का इतिहास।
राष्ट्रीय समुद्री दिवस का इतिहास तो प्राचीन काल से ही शुरू हो जाता है, जहाँ भारतीय जहाजों और पश्चिमी देशों के व्यापार का उल्लेख किया हुआ है लेकिन फिर भी Rashtriya Samudri Diwas को प्रथम बार चिन्हित पहले भारतीय स्वामित्व वाले जहाज “एसएस लॉयल्टी” की पहली यात्रा के रूप में किया गया था, जो की 05 अप्रैल, 1919 को भारत की समुद्री यात्रा में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में भारतीय शिपिंग की शुरुआत का संकेत था। इसी भारतीय शिपिंग की शुरुवात के संकेत के स्मरण में प्रति वर्ष 05 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस के रूप में मनाया जाता है।