राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस। (National Pollution Control Day in Hindi.)

Share & Help Each Other

प्रदुषण पुरे विश्व के लिए एक गंभीर मुद्दा है क्यूंकि प्रदुषण के कारण ही वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन हो रहा है, जिसके परिणामस्वरुप प्रकृति की प्रतिक्रिया की श्रृंखला में बदलाव देखने को मिल रहा है। प्रदुषण के कारण मानव जाती की जीवन और स्वास्थ्य गुणवत्ता में भी गिरावट आ रही है साथ ही साथ जिव-जंतु भी परेशान हो रहें हैं क्यूंकि प्रदुषण का बुरा प्रभाव हवा, पर्यावरण और जल तीनों जगहों पर हो रहा है। इसलिए, भारत में भी प्रदुषण को नियंत्रित करने के लिए 02 दिसंबर को “राष्ट्रीय प्रदुषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day)” के रूप में मनाया जाता है।

rashtriya pradushan niyantran diwas
Rashtriya Pradushan Niyantran Diwas

इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य है की यह औधौगिक आपदा के प्रबंधन और उसके नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाये साथ ही मानवीय गतिविधियों और औधौगिक से होने वाले प्रदुषण को कम करने की दिशा में कार्य करे। हालाँकि, हमे यह ध्यान रखने की आवश्यकता है की हम अपनी सुविधा के लिए पर्यावरण के अनुकूल कार्य कर ग्रह के संसाधनों का उपयोग करें, जिससे यह सुनिश्चित हो सके की हमारा भविष्य हरा-भरा और हानिरहित होगा।

Rashtriya Pradushan Niyantran Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करता है, जहाँ 2023 में “स्वच्छ और स्वस्थ ग्रह के लिए सतत विकास (Sustainabale Development for a Clean and Healthy Planet)”, जो की सतत विकास बढ़ावा देने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधारित सतत विकास लक्ष्य 13, 14 और 15 को चिन्हित कर रहा हैऔर अपने ग्रह को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने की ओर प्रेरित कर रहा है।

राष्ट्रीय प्रदुषण नियंत्रण दिवस का महत्व।

भारत में प्रति वर्ष लगभग 70 लाख लोगों की मौत प्रदुषण के कारण होती है साथ ही लोगों की आयु प्रदुषण के कारण कम होती जा रही है, पुरे विश्व के मुकाबले भारत में औसतन लोगों की आयु 67 वर्ष है, जो की बाकी देशों की तुलना में सबसे कम है। इन सभी कारणों की वजह से यह दिवस की महत्ता और बढ़ जाती है।

इस दिन लोगों को और उद्योगों में प्रदुषण रोकने अथवा कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के पर्यावरण के अनुकूल प्रथाएँ बतलाई जाती हैं और प्रदुषण से होने वाली समस्याओं और बीमारियों के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान कर जागरूक करती है।

2-3 दिसंबर, 1984 को होने वाली ‘भोपाल गैस त्रासदी’ की घटना में गई जानों को स्मरण कर उन लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पण की जाती है अथवा भविष्य में कभी ऐसी घटना ना हो इसकी पुष्टि की जाती है।

सम्बंधित आर्टिकल:- पर्यावरण प्रदुषण भविष्य के विनाश की कहानी।

राष्ट्रीय प्रदुषण नियंत्रण दिवस का इतिहास।

Rashtriya Pradushan Niyantran Diwas का उद्गम 2-3 दिसंबर, 1984 को मध्यप्रदेश में होने वाली घटना ‘भोपाल गैस त्रासदी’ में होने वाले 15000 से अधिक लोगों की मौत से है, जहाँ यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के गलती के कारण हवा में एक जहरीली गैस ‘मिथाइल आइसोसाइनाइट’ के रिसाव होने से पुरे वातावरण में वह गैस फ़ैल गई, जिससे रात में सोते हुए लोगों की मृत्यु हो गई। तभी से उनलोगों के सम्मान में यह दिवस मनाया जाता है।

दोस्तों, अगर आप समाज, देश और महत्वपूर्ण दिवस से सम्बंधित और भी ऐसे आर्टिकल्स पढ़ना चाहतें हैं तो यहाँ क्लिक करके पढ़ सकतें हैं। 


Share & Help Each Other