पक्षी पारिस्थितिकी तंत्र के जीवन को संतुलित बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वे प्रकृति की सुंदरता का भी हिस्सा बनते हैं। पक्षियों को पिंजरे में सजावट के लिए रखना और अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उनकी स्वतंत्रता को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। इसी मनसा के साथ प्रति वर्ष प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद और पक्षी प्रेमी 05 जनवरी को “राष्ट्रीय पक्षी दिवस (National Birds Day)” बड़ी उत्साह से मनाते हैं, जिससे लोगों में यह जागरूकता फैलाई जा सके की पक्षी प्रकृति में स्वतंत्र रूप से जीने के लिए बनी एक सुन्दर प्राणी है।
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राष्ट्रीय पक्षी दिवस 2024 का थीम।
Rashtriya Pakshi Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करती है, जहाँ इस बार 2024 में “लड़ाई का अधिकार (Right to Fight)” विषय रखा गया है, जो पक्षियों के स्वतंत्रता की उड़ान का प्रतिनिधित्व करता है। पक्षियों के हित, उनके सामने आने वाले खतरों के लिए सरकारी सहायता और सरकार के कार्यों के प्रति जनता का ध्यान आकर्षित करना है।
राष्ट्रिय पक्षी दिवस का उद्देश्य।
Rashtriya Pakshi Diwas का मुख्य उदेश्य लोगों के मध्य पक्षियों के सामने आने वाले खतरों के बारे में, पक्षियों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के विलुप्त होने के बारे में, पक्षियों की तस्करी उनकी आवासों की सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र में पक्षियों के योगदान के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाना है। पक्षियों की भलाई के सम्बन्ध में चलाए जा रहें कार्यक्रमों के साथ उनके संरक्षण को बढ़ावा देना भी इस दिवस का उदेश्य है।
राष्ट्रीय पक्षी दिवस का महत्व।
- Rashtriya Pakshi Diwas सभी प्रकार की पक्षियों के संरक्षण को सुनिश्चित करने और उनकी सुरक्षा से सम्बंधित कार्यों के प्रति जागरूकता फ़ैलाने वाली एक महत्वपूर्ण दिवस है।
- इस दिन देश से विलुप्त हो रहे पक्षियों के कारण के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है, विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, पक्षी प्रेमी पक्षी अभ्यारण्य जाते हैं और पक्षियों के साथ समय व्यतीत करते हैं।
- यह दिवस लोगों के ह्रदय में पक्षियों के प्रति स्नेह और प्रेम को और बढ़ा देता है साथ ही लोगों को यह बतलाता है की कैसे पक्षी पौधे में पराग भरने का काम करती है, बीज को और फैलाने का कार्य करती है और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करती है।
राष्ट्रीय पक्षी दिवस का इतिहास।
पक्षी दिवस सर्वप्रथम 2002 में बोर्न फ्री यु एस ऐ और एवियन वेलफेयर के द्वारा मनाया गया था और इस दिवस को 05 जनवरी को ही मनाया गया क्यूंकि यह वार्षिक क्रिसमस पक्षी गणना का भी दिन है। तब से भारत सहित लगभग विश्व के सभी देशों द्वारा Rashtriya Pakshi Diwas मनाया जाता है। भारत के सन्दर्भ में भारतीय राष्ट्रीय पक्षी मोर है।