प्रत्येक व्यक्ति को यह हक़ है की वह अपने जीवन को आनंदमय तरीके से भयरहित होकर एक स्वस्थ कल्याकारी जीवन का निर्वाह करें। लेकिन दुर्भाग्यपूर्णवस देश स्वतंत्र होने के बावजूद आज भी मानव तस्करी के जरिये पुरुषों, औरतों और बच्चों को आधुनिक समय की गुलामी, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करना, यौन शोषण के लिए उपयोग करना और अंग तस्करी जैसे मामलों का शिकार बना लिया जाता है। इसलिए, मानव तस्करी से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की शिक्षा और जागरूकता प्रदान करने के लिए प्रति वर्ष 11 जनवरी को “राष्ट्रीय मानव तस्करी जागरूकता दिवस (National Human Trafficking Awareness Day)” के रूप में मनाया जाता है।
Rashtriya Maanav Taskari Jaagrukta Diwas का मुख्य उदेश्य लोगों को तस्करी के विभिन्न माध्यमों के प्रति जागरूक करना और तस्करी से पीड़ित लोगों की वकालत कर उनके अधिकारों को बढ़ावा देना और ख़ास तौर पर महिलाओं और बच्चों के प्रति विशेष जागरूकता फैलाना क्यूंकि मानव तस्करी की सबसे अधिक प्रचलित रूप यौन शोषण है, जिसका शिकार अक्सर लड़कियाँ और महिलाएँ होती है।
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राष्ट्रीय मानव तस्करी जागरूकता दिवस का महत्व।
- मानव तस्करी से पीड़ित लोगों की मनोस्तिथि को सबके सामने प्रकट करके उसके बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर उनके पुनर्वास का इंतजाम करना।
- यह दिवस को विभिन्न सामूहिक संगठनों द्वारा जागरूकता की मानसिकता से मनाया जाता है और लोगों को तस्करी के बढ़ते मामलों की स्तिथि के बारे में शिक्षित करतें हैं।
- मानव तस्करी को कम करने के उदेश्य से भारत में सरकारी एजेंसियों के द्वारा विभिन्न प्रकार की परियोजनाएँ चलाई जाती हैं।
राष्ट्रीय मानव तस्करी जागरूकता दिवस का इतिहास।
Rashtriya Maanav Taskari Jaagrukta Diwas की शुरुवात 2007 में संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेट ने 11 जनवरी को घोसित करके किया था, उसके बाद 2010 में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मानव तस्करी और दासता के बढ़ते मुद्दे को ध्यान में रखते हुए जनवरी का पूरा माह ही मानव तस्करी रोकथाम जागरूकता को समर्पित कर दिया।
इस दिवस को फिर अन्य गैर सरकारी संगठनों की मदद से बड़े स्तर पर मानव तस्करी के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के क्रम में Rashtriya Maanav Taskari Jaagrukta Diwas प्रति वर्ष 11 जनवरी को मनाया जाने लगा।