भारतीय प्रवासी भारत के बाहर रहकर विभिन्न देशों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और विभिन्न रूपों में भारतीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान देते हैं, भारत के बाहर रहने वाले भारतीयों का सबसे बड़ा योगदान हमारे देश में बड़ी मात्रा में धन भेजना है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण बढ़ावा देता है और साथ ही भारत के बाहर रहकर भी भारत का नाम रौशन करना, आज विश्व के सभी अटल पर किसी न किसी रूप में भारतियों के द्वारा अपना योगदान दिया जा रहा है, जो की भारत के लिए गर्व की बात है। इसलिए, भारत सरकार प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ सहभागिता को बढ़ाने और उन्हें अपनी जड़ों से फिर से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रति वर्ष 09 जनवरी को “प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bhartiya Diwas)” के रूप में मनाया जाता है।
हालाँकि, यह दिवस भारतीय प्रवासियों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है और दो वर्षों में एक बार इस दिवस को मनाने का प्रावधान रखा गया है।
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प्रवासी भारतीय दिवस का थीम।
Pravasi Bhartiya Diwas दो वर्षों तक एक निर्धारित विषय पर केंद्रित होकर अपना कार्य करती है, जहाँ 2023-2025 के लिए “प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार (Diaspora: Reliable Partners for India’s Progress in Amrit Kaal)” है। जो की दर्शाता है की भारतीय प्रवासी भारत की उन्नति का एक प्रमुख विश्वसनीय भागीदार हैं।
प्रवासी भारतीय का उद्देश्य।
Pravasi Bhartiya Diwas प्रवासी भारतियों के प्रति सद्भावना और सम्मान प्रकट कर उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने का एक सफल प्रयाश है और साथ ही दुनिया भर में भारतिय समुदाय के योगदान एवं उपलब्धियों को सबके सामने लाना, जिससे दुनिया भर में भारतियों की ताकत को प्रदर्शित किया जा सके।
प्रवासी भारतीय दिवस का महत्व।
- Pravasi Bhartiya Diwas देश और दुनिया में भारतियों के योगदान और ताकत को प्रदर्शित करने के साथ लोगों को जागरूक करता है।
- प्रति दो वर्षों में एक बार इस दिवस को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जातें हैं और मुख्य रूप से एक कार्यक्रम भारत सरकार आयोजित करती है।
- प्रवासियों को उनके सराहनीय कार्य के लिए ‘प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार’ से सम्मानित भी किया जाता है, जो की प्रवासी भारतियों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
- यह दिवस प्रवासी भारतियों और भारत सरकार के मध्य एक मंच का कार्य करता है, जो प्रवासियों को विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनुभव साझा करने का एक मौका देता है।
- भारत का एक बहुत बड़ा हिस्सा प्रवासियों के रूप में विभिन्न देशों में रहता है, तो यह दिवस उन प्रवासियों को अपने देश की जड़ों से जोड़े रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास।
Pravasi Bhartiya Diwas का इतिहास सन 1915 से जुड़ा हुआ है, जब राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी 09 जनवरी को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे क्यूंकि भारत को अंग्रेज़ों के शासन से मुक्त कर एक स्वतंत्र भारत बनाना था।
09 जनवरी 2003 में एल एम् सिंघ्वी के सिफारिश पर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी जी ने पहली बार ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ मनाना शुरू किया था। लेकिन, 2015 में इसे संसोधित किया गया और इस दिवस को फिर से पुरे भारत वर्ष में दो वर्षों में एक बार मनाना शुरू कर दिया गया। तब से यह Pravasi Bhartiya Diwas विषय के साथ मनाया जाने लगा।