विश्व वन्यजीव दिवस 2024। (World Wildlife Day in Hindi.)

visw vanyajiv diwas

प्रकृति और जलवायु परिवर्तन को संतुलित बनाए रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका वन्यजीवों के द्वारा निभाई जाती है, जिस गति से पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन हो रही है, जिसके कारण कई वन्यजीव लुप्तप्राय की स्तिथि का सामना कर रहें हैं। वन्यजीवों का पृथ्वी से लुप्त होना मानव जाती के लिए एक बुरा संकेत है क्यूंकि मानव विभिन्न प्रकार के कार्यों और वन्यजीवों से प्राप्त होने वाली चीजों पर अपनी निर्भरता रखता है। इसलिए, वन्यजीवों के संरक्षण की महत्ता और लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिए प्रति वर्ष 03 मार्च को संयुक्त राष्ट्र के द्वारा दुनिया भर में “विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day)” के रूप मनाया जाता है, जो की वन्यजीवों की संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाता है।

शून्य भेदभाव दिवस 2024। (Zero Discrimination Day in Hindi.)

shunya bhedbhaw diwas

“एक विश्व एक परिवार” की धारणा को आगे बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के द्वारा पुरे विश्व से भेदभाव के सभी घिनौने आचरणों को समाप्त करने के लिए प्रति वर्ष 01 मार्च को “शून्य भेदभाव दिवस (Zero Discrimination Day)” के रूप में मनाया जाता है, जहाँ व्यक्ति की पहचान, भूमिका और पृष्ठ्भूमि की परवाह किये बिना सबकी समानता, सहिष्णुता और गरिमा को बढ़ावा देने का कार्य किया जाता है। यह दिवस विश्व से भेदभाव को पूर्ण रूप से खत्म करता है और व्यक्ति के भीतर समानता के भाव को प्रकट करने के लिए जागरूकता फैलाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024। (National Science Day in Hindi.)

rashtriya vigyaan diwas

आज के नवयुग की सबसे महत्वपूर्ण माँग है विज्ञान की समझ क्यूंकि आज के ज़माने का हर नर और नारी कहीं-न-कहीं किसी-न-किसी प्रकार से विज्ञान अथवा विज्ञान के कारकों से जुड़ा हुआ है, विज्ञान दुनिया के सभी लोगों के साथ इस प्रकार से जुड़ चूका है की वह अपनी रोजमर्रा की ज़िन्दगी को बिना विज्ञान के उपयोग किये बिना नहीं गुजार सकतें हैं। इसलिए, भारत विज्ञान की इस महत्ता को उजागर करने, लोगों में विज्ञान की समझ विकसित करने और विज्ञान के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए प्रति वर्ष 28 फ़रवरी को “राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day)” के रूप में मनाता है।

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024। (International Mother Language Day in Hindi.)

antaraashtriy maatribhasha diwas

भाषा दुनिया भर के विभिन्न देशों के लोगों को जोड़ने का एक सुगम माध्यम माना जाता है, सभी देशों की अपनी एक या एक से अधिक मातृभाषा होती है, जो उनके देश में अत्यधिक रहने वाले लोगों के द्वारा बोली जाती है। भाषा न केवल संचार का साधन है बल्कि यह किसी भी क्षेत्र के सांस्कृतिक विविधता और बौद्धिक विरासत के परिदृश्य का भी पूर्ण वर्णन करती है और मातृभाषा विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को जोड़ने और उनके बीच संपर्क सूत्र तैयार करने का काम करती है। इसलिए, मातृभाषा की महत्ता को ध्यान में रखते हुए प्रति वर्ष 21 फ़रवरी को अंतराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया भर में “अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day)” मनाया जाता है, जो की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता फ़ैलाने का कार्य करता है और बहुभाषावाद को बढ़ावा देता है।

विश्व सामाजिक न्याय दिवस 2024। (World Day of Social Justice in Hindi.)

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विविधता की दुनिया में धर्म, नस्ल, रंग, जाति, लिंग के बीच भेदभाव एक बहुत ही सामान्य घटना है और हमारे समाज में भेदभाव, असमानता और गरीबी के इस व्यवहार के कारण, सामाजिक न्याय प्रदान कर इस मुद्दे को संबोधित करना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए, दुनिया भर में अनुस्मारक के रूप में सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और जागरूकता फ़ैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 20 फ़रवरी को “विश्व सामाजिक न्याय दिवस (World Day of Social Justice)” के रूप में मनाया जाता है, जिससे प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति की गरिमा को सुनिश्चित किया जा सके और भेदभाव, असमानता और गरीबी के पैमाने को दूर कर सबको समान न्याय प्रदान किया जा सके।

राष्ट्रीय महिला दिवस 2024। (National Women’s Day in Hindi.)

rashtriya mahila diwas

महिलाओं की विज्ञान, कला, खेल, उद्यमिता, राजनीतिक और आर्थिक उपलब्धियों को देश में एक नयी पहचान देने के लिए और उन्हें सम्मानित करने के लिए प्रति वर्ष भारत 13 फ़रवरी को “राष्ट्रीय महिला दिवस (National women’s Day)” के रूप में मनाता है। यह दिवस भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी और कवियत्री ‘श्रीमती सरोजिनी नायडू’ के जन्मदिवस की स्मृति में मनाया जाता है। भारतीय स्वतंत्रता के दौरान उनकी महत्वपूर्ण भूमिका भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा का कार्य करती है और उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन देती है।

विश्व रेडियो दिवस 2024। (World Radio Day in Hindi.)

visw radio diwas

संचार एवं मनोरंजन की दुनिया में सबसे पहले अपनी पहचान बनाने वाला ‘रेडियो’ आज डिजिटल प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की दुनिया के चमक में मानो जैसे इसकी महत्ता बिलकुल खत्म हो गयी है। हालाँकि, रेडियो पहले भी संचार और मनोरंजन का एक मुख्य स्त्रोत था और आज भी गाँव और पिछड़े इलाकों में और जन-जन तक संचार व्यवस्था को सुगम, सुव्यवस्थित और विश्व के कोने-कोने से लोगों को जोड़े रखने में रेडियो एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए, सूचना, संचार और मनोरंजन की सबसे पुराने शक्तिशाली माध्यम रेडियो की महत्ता को सदैव जीवित रखने के लिए प्रति वर्ष 13 फ़रवरी को “विश्व रेडियो दिवस (World radio Day)” के रूप में मनाया जाता है।

विश्व दलहन दिवस। (World Pulses day in Hindi.)

visw dalhan diwas

दुनिया भर में लोगों को सामान्य रूप से जीवित रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है भोजन और भोजन में भी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं विभिन्न प्रकार की दालें, जिनमे समृद्ध प्रोटीन का स्रोत होता है और ख़ास तौर पर शाकाहारी लोगों के लिए लेकिन भोजन में दालें लोगों की मूलभूत आवश्यकता भी होती है। इसलिए, प्रति वर्ष दालों की महत्ता को उजागर करने के लिए 10 फ़रवरी को “विश्व दलहन दिवस (Visw Dalhan Diwas)” के रूप में मनाया जाता है, जहाँ विभिन्न प्रकार के दालों के सकारात्मक प्रभाव का प्रमाण दिया जाता है साथ ही वैश्विक पोषण, कृषि और सतत विकास में दालों की महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन करता है।

क्या आपको पता है Paytm की पूरी सच्चाई, जानिए Paytm की पूरी सच्चाई इस आर्टिकल के जरिये?

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Paytm के असली मालिक और इसके खोजकर्ता उत्तरप्रदेश के अलीगढ जिले के उद्यमी विजय शेखर शर्मा हैं। वह भारतीय तकनीक और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं, जिन्होंने Paytm के विकास में और ऑनलाइन राशि भुगतान को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। विजय शेखर शर्मा के नेतृत्व में भारत को Paytm के जरिये डिजिटल राशि भुगतान के क्षेत्र में एक अग्रणी खिलाड़ी के रूप में सामने निकल कर आया, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना सकारात्मक योगदान दिया।

Paytm Payments Bank Ban, आम जनता पर कैसे पड़ेगा इसका असर और क्या अब आपके पैसे Paytm के साथ सुरक्षित है, जानिए पूरी जानकारी?

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भारतीय घटनाओं के एक आश्चर्यजनक मोड़ में हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के द्वारा भारत के प्रमुख डिजिटल वित्तीय सेवा प्रदाताओं में से एक, Paytm Payments Bank पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध के लागू होने से वित्तीय क्षेत्र को झटका लगा है, जिससे पेटीएम उपयोगकर्ताओं और आम लोगों दोनों को अनिश्चितता से जूझना पड़ रहा है। यह प्रतिबंध भारतीय नागरिकों के रोजमर्रा के जीवन को कैसे प्रभावित करेगा आइये जानते हैं।