राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीअकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों, डिजिटल साक्षरता आज के समाज का एक अभिन्न अंग बन चूका है, जिसका महत्व भारत के साथ-साथ दुनिया का हर देश महसूस कर रहा है। साक्षर होना तो हर किसी के लिए जरुरी है लेकिन वर्त्तमान में डिजिटल साक्षरता सामान्य साक्षरता से भी अधिक महत्वपूर्ण है क्यूंकि आज दुनिया का हर एक व्यक्ति कहीं-न-कहीं किसी-न-किसी प्रकार से अगर एक दूसरे के संपर्क में है तो वह डिजिटल, तकनिकी विकास और इंटरनेट के कारण। इसलिए, “डिजिटल साक्षरता का महत्व (Importance of Digital Literacy.)“ वर्त्तमान और भविष्य की बढ़ती अर्थव्यवस्था और रोजमर्रा की ज़िन्दगी में सबसे बड़ी भूमिका निभा रही है और निभाने वाली है, जहाँ दुनिया पूरी तरह से डिजिटल पर आश्रित हो जाएगी और जिसके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी डिजिटल साक्षरता।
“जिस प्रकार से मानव को दुनिया देखने के लिए आँखों की जरुरत होती है और अगर आँखें ना हुईं तो उसे पूरी दुनिया ही अन्धकार लगती है, ठीक इसी प्रकार अगर मानव को वर्त्तमान और भविष्य में पूरी दुनिया का अवलोकन करना है तो ‘डिजिटल साक्षरता’ ही उसे दुनिया का अवलोकन करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा”
डिजिटल साक्षरता ही डिजिटल कौशलता को बढ़ावा देती है क्यूंकि जिस गति से देश में डिजिटलीकरण हो रहा है, हमे भी अपने आप को उस गति के काबिल बनाना होगा, जैसे कंप्यूटर और मोबाइल के निर्माण के बाद वही इसे उपयोग कर सकता है जो डिजिटल रूप से साक्षर है, जिसे इंटरनेट का ज्ञान है, जिसे तकनिकी चीजें समझ आतीं है, नहीं तो जो व्यक्ति डिजिटल रूप से साक्षर नहीं है उसके लिए तो यह काला अक्षर भैंस बराबर है, डिजिटल साक्षरता की महत्ता को हमे समझना पड़ेगा क्यूंकि डिजिटलीकरण पारम्परिक और पुराने तरीकों की जगह लेते जा रहा है।
हाल ही में, अमेज़न वेब सर्विस द्वारा प्रस्तुत किये गए ‘बिल्डिंग डिजिटल स्किल्स फॉर दी चेंजिंग वर्कफोर्स‘ रिपोर्ट में यह बताया गया है की आने वाले साल में डिजिटल कौशल वाले भारतीय कामगारों की संख्या बढ़ कर 27.3 मिलियन होने की संभावना है और रिपोर्ट में यह भी बताया गया है की भारत में 95% काम करने वाले लोग स्वीकार करतें हैं की उन्हें डिजिटल कौशल की आवश्यकता है। इन आकड़ों से यह पता चलता है की हमारे देश में डिजिटल साक्षरता प्रदान करना कितना आवश्यक है।
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डिजिटल साक्षरता किसे कहतें हैं?
डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) का तात्पर्य यह है की जब किसी व्यक्ति को समाज में हो रहे तकनिकी विकास और कौशल के बारे में जानकारी होना, जिससे वह इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स, सोशल मीडिया, मोबाइल फ़ोन का उपयोग अच्छे प्रकार से करने में सक्षम हो, जिससे वह समाज के साथ अपने आवश्यकता को भी डिजिटल उपकरणों के माध्यम से करने में सामर्थ्यवान हो।
डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) के मामले में भारत में केवल 23% शहरी परिवार और 4% ग्रामीण परिवार के पास कंप्यूटर है, जिसमे से 15 से 29 वर्ष की आयु के नौजवान जो की कंप्यूटर संचालित करने में सक्षम हैं वह 56% शहरी क्षेत्र और 24% ग्रामीण क्षेत्र में है और साथ ही साथ इंटरनेट का उपयोग करने वाले इसी आयु वर्ग के नौजवान शहरी क्षेत्र में 58% है और ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 25% है, अब इन आकड़ों से यह साबित होता है की हमारे देश में डिजिटल साक्षरता आज के इस बढ़ते डिजिटल युग में कितना कम है, हमारा देश तो डिजिटल की दुनिया में आगे बढ़ रहा है लेकिन क्या लोग भी डिजिटल रूप से आगे बढ़ रहें हैं इसकी सुनिश्चितता करना जरुरी है।
‘संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों’ में लक्ष्य-4 ‘गुणवत्ता वाली शिक्षा’ प्रदान करने की बात करता है और लक्ष्य-4.4 ख़ास इस बात पर केंद्रित कर्त है की 2030 तक अच्छी नौकरी के लिए देश में तकनिकी और व्यवसायिक कौशल सही प्रासंगिक कौशल में सक्षम युवाओं की संख्या में वृद्धि हो।
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डिजिटल साक्षरता का महत्व।
डिजिटल साक्षरता के महत्व को देश में बड़े स्तर पर महसूस किया जा सकता है, जहाँ देश में हर एक छोटे से छोटे काम को इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है और अगर लोगों को इसकी अच्छी जानकारी हुई तो लोग इसमें अपनी भागीदारी अवश्य देना चाहेंगे। डिजिटल के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार “स्टेम शिक्षा (विज्ञान, प्रौधौगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) पर केंद्रित कर रही है और ऐसा माना जा रहा है की भविष्य में इन चार क्षेत्रों से शिक्षा प्राप्त किये हुए युवा ही अधिकतर क्षेत्र में अच्छी नौकरी और पद के हकदार होंगे, तो डिजिटल साक्षरता के महत्व का अनुमान आप इसी बात से लगा सकतें हैं की यह लोगों के लिए कितना आवश्यक है।
डिजिटल साक्षरता समाज में अवसरों में वृद्धि करेगा, लोग डिजिटल चीजों को समझ पाएंगे, जिससे इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में भी वृद्धि होगी और देश के बेरोजगारी दर में भी कमी देखने को मिलेगी, जो की भारत के अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाएगी।
डिजिटल साक्षात समाज के हर हुनर को अहमियत देगा क्यूंकि हुनर होने के बावजूद भी सही जानकारी ना होने से वह हुनर कोई काम का नहीं और इंटरनेट इस काम को सबके लिए आसान बना रहा है लेकिन इसके लिए डिजिटल रूप से साक्षर होना जरुरी है।
देश में लोगों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करने से हम डिजिटल कार्यों के मामलें में एक व्यक्ति की निर्भरता दूसरों पर कम कर सकतें हैं।
डिजिटल साक्षरता देश में बढ़ते इस डिजिटलीकरण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करेगा और साथ-ही-साथ समाज से भ्रस्टाचार को कम करेगा और कितने ही ऐसे गलत काम को होने से रोकेगा।
डिजिटल साक्षरता का महत्व आधुनिक युग के इस समाज में अनगिनत है क्यूंकि देश का हर एक नागरिक डिजिटल इंडिया के दौर में किसी न किसी प्रकार से इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। भारत डिजिटल साक्षरता के क्षेत्र में अपनी भागीदारी कायम रख कर इसे और सुदृढ़ बनाता है तो मानव विकास भी भारत में बढ़ता नज़र आएगा।
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डिजिटल साक्षरता के लिए सरकार की पहल।
भारत सरकार के द्वारा भी बहुत से कदम डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए हैं, जिससे आम लोगों में कम-से-कम इंटरनेट और डिजिटल दुनिया के बारे में बुनियादी जानकारी दी जा सके, जैसे:-
- प्रधान मंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान-> इस डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को डिजिटल दुनिया के बारे में जानकारी देगी और इंटरनेट सुविधाओं का लाभ किस प्रकार से उठाना है इसकी ट्रैंनिंग दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत 2022 में, जिस ग्रामीण परिवार में अगर कोई भी सदस्य डिजिटल साक्षर नहीं है तो उसके परिवार में किसी एक सदस्य को डिजिटल साक्षर बनाना है।
- डिजिटल इंडिया की पहल-> इस पहल के अंतर्गत कुछ ऐसी योजनाएं आती हैं जो मुख्य रूप से डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देती है,
->भारत नेट परियोजना, 2.5 लाख लोगों को ऑप्टिकल फाइबर के जरिये इंटरनेट प्रदान करने की योजना है।
->राष्ट्रिय डिजिटल साक्षरता अभियान, जिसका उदेश्य प्रति परिवार के एक सदस्य को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना है।
- इंटरनेट साथी प्रोग्राम-> इस कार्यक्रम में गूगल इंडिया और टाटा ट्रस्ट के द्वारा मिलकर ग्रामीण भारतीय महिलाओं को डिजिटल साक्षरता की सुविधा प्रदान करना है।
- उन्नति परियोजना-> हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड के द्वारा यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्र के गरीब क्षात्राओं को कंप्यूटर की शिक्षा प्रदान करना ताकि स्कूलों में डिजिटल डिवाइड को कम किया जा सके।
डिजिटल साक्षरता के महत्व को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च न्यायलय ने भी इंटरनेट के उपयोग को ‘अन्नुछेद-21 ए’ के तहत नागरिकों के लिए मौलिक अधिकार घोसित कर दिय, जिससे यह सुनिश्चित होता है की डिजिटल साक्षरता भारत के नागरिक का मौलिक अधिकार है।
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भारत में डिजिटल साक्षरता प्रदान करने के लिए सुझाव।
डिजिटल साक्षरता पर भारत सरकार को और गम्भीरतापूर्वक विचार करने की जरूरत है, जिसके लिए भारत सरकार ‘राष्ट्रिय शिक्षा निति, 2020’ के अंतर्गत डिजिटल साक्षारता, इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों के उपयोग के बारे में सभी प्राथमिक स्कूलों और सरकारी स्कूलों में निम्न कक्षा से उच्च कक्षा तक के क्षात्रों को इसके महत्ता के बारे में बताये और बुनियादी से उन्नत स्तर तक की जानकारी प्रदान करे।
- बुनियादी ढांचे का विकास-> डिजिटल साक्षरता को सभी लोगों और हर क्षेत्र तक पहुंचाने के लिए सरकार को बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्यूंकि सिर्फ सुविधायें उपलब्ध करने से नहीं होता है बल्कि उस सुविधा को प्राप्त करने का जरिया अहम् होता है।
भारत में आज भी 25000 से ज्यादा ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहाँ मोबाइल कनेक्टिविटी और इंटरनेट की सेवाएं आज भी नहीं पहुँच पायी है।
- कार्यक्रम का प्रभावी ढंग से क्रियानवयन-> सरकार डिजिटल साक्षरता के कार्यक्रम को शुरू करने के बाद उसके क्रियान्वयन के समय-समय पर जांच करती रहे और ऐसा करने से उस कार्यक्रम का प्रभाव उसके लाभार्थी को सही प्रकार से प्राप्त हो रहा है यह सुनिश्चित किया जा सकता है।
- डिजिटल साक्षरता के सम्बन्ध में गाँव में जागरूकता पैदा करना-> डिजिटल साक्षरता की आवश्यकता और इंटरनेट की जानकारी के बारे में ग्रामीण लोगों के बिच जागरूकता पैदा करें डिजिटल रूप से साक्षर होने से आने वाले भविष्य में और वर्तमान में इसके कितने फायदें हैं लोगों को इससे परिचित करवाएँ।
- सरकार गरीबों के लिए डिजिटल उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान करे-> डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार डिजिटल उपकरणों (मोबाइल, लैपटॉप) पर सब्सिडी प्रदान कर सकती है, जिससे गरीब क्षात्र और युवा के उपयोग के लिए उन उपकरणों को किफायती और सस्ता बनाया जा सके क्यूंकि लोग जब वास्तव रूप से डिजिटल उपकरणों का उपयोग करेंगे तो उनकी रूचि डिजिटल साक्षरता के प्रति बढ़ेगी।
- सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत में डिजिटल शिक्षा शिक्षक उपलब्ध करवाए-> डिजिटल साक्षरता को सुगम बनाने के लिए सरकार सभी ग्राम पंचायतों में डिजिटल शिक्षा शिक्षक की नियुक्ति करे, जिसका कार्य वास्तव रूप से लोगों को डिजिटल साक्षर और सशक्त बनाना हो।
लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने में हमभी अपना योगदान दे सकतें हैं, हम अपने घरों में माता-पिता, दादा-दादी, अपने से बड़ा और छोटा कोई भी हो उन्हें भी इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों के उपयोग और उसके लाभ के बारे में सिखा और बता सकतें हैं।
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