मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। (Humanity is the Biggest Religion in Hindi.)

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राधे-राधे, आदाब, सत्य श्री अकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों,आज समाज में धर्म तो हर जगह देखने को मिलती है लेकिन उसके साथ मानवता नहीं देखने को मिलती है और ऐसा हमारे समाज में हर जगह देखने को मिलता है बल्कि एक इंसान के लिएमानवता ही सबसे बड़ा धर्म है।(Humanity is the Biggest Religion)” जो की हमारे समाज को जोड़े रखता है और आज हमारे समाज मे चार धर्म ही अहम माने जाते हैं, लेकिन हम सबने उसको भी बहुत वर्गो मे बाट दिया है। वैसे कोई बात नहीं सब अपनी जगह सही है और सभी अपने धर्म से प्यार भी बहुत करते हैं जो करना भी चाहिए, हमारे समाज में अक्सर ऐसा देखा गया है की अधिकतर लोग अपनी धर्म के आगे औरो के धर्म की निंदा करते हैं उनको मानने वाले लोगों के साथ गलत व्यवहार करते हैं और ऐसा अक्सर सभी धर्मो के लोग करते हैं जबकि दुनिया की कोई भी धर्म हमे ये नहीं सिखाती है।

peoples practicing their religion with humanity
Humanity with Religion

मै  हमेशा से अपने समाज मे  देखता हूँ तो सोचता हूँ की हमने अपने मन से एक बहुत खास चीज निकाल कर बाहर फेक दी है वो है “मानवता(Humanity)”, दोस्तों लोग  मानवता को भूलते जा रहे हैं चाहे अपने समाज या फिर देश मे, सबके अंदर गॉड,अल्लाह, भगवान हैं, हाँ  लेकिन फिर वो इंसानियत कहाँ गयी जो की अनमोल है क्यूंकि “हमारे धर्म को सिर्फ मानने से मानवता हममे आ भी सकती है नहीं भी लेकिन मानवता को अपनाने से हम धर्म की राह पर जरूर चलने लगेंगे”, दोस्तों मैं अपनी एक छोटी सी कहानी आपको सुनाना चाहूंगा:-

एक दिन मै दोपहर के समय रास्ते से जा रहा था तो देखा की एक औरत अपने हाथ मे रोटी लेकर भागी-भागी एक छोटे से गली मे छिप गयी और अपने बच्चे को खिलाने लगी फिर देखा कुछ देर बाद ४ -५ लोग वहां आये रास्ते में मैं था मुझसे पूछे की भाई एक औरत को देखा क्या बच्चे के साथ उसने चोरी करि और भाग गयी, तो मै समझ गया की उसने अपने बच्चे के लिए चोरी की होगी और दोपहर के समय वहाँ और कोई था भी नहीं तो मैंने जान बुझ कर उनसे झूठ बोल दिया की वो उधर को भागी है, ऐसे बेचारी वो अम्मा अपने बच्चे को अच्छे से खिला पायी। तो दोस्तों मुझे नहीं लगता मैंने कुछ गलत किया क्यूंकि हमारा धर्म हमे कभी झूठ बोलना नहीं सिखाता है, लेकिन यहाँ झूठ बोल कर कहीं न कहीं “मानवता” बच गयी, हर धर्म यही सिखलाता है की अगर एक झूठ बोलने से मानवता की रक्षा होती है तो फिर वो झूठ-झूठ नहीं रहता क्यूंकि कहीं न कहीं आपने ईश्वर का ही साथ दिया है क्यूंकि कहतें है न की हर आत्मा में परमात्मा होता है।

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 दोस्तों अगर धर्म के साथ मानवता नहीं होती है तो वो एक शस्त्र का काम करती है लेकिन वही दूसरी तरफ धर्म के साथ मानवता (Humanity) को मिला दी जाये तो एक अच्छे समाज और देश का निर्माण होता है जहां के लोग हमेशा खुशी और शांति से अपने जीवन को व्यतीत कर पाते हैं अगर “धर्म और मानवता (Religion and Humanity)” ये दोनों समाज के हर मनुस्य मे हो तो उनके ईश्वर स्वयं ही उस मनुस्य से खुश रहते  हैं।

कैसे धर्म से बड़ी मानवता होती है?

->मानवता (Humanity) हमेशा धर्म से बड़ी होती है क्यूंकि जब हम अपने धर्म को मानते है तो उससे हमारे मन को शांति मिलती है जो की अच्छी बात है लेकिन जब हम मानवता की बात करते है तो हम अपने साथ-साथ दूसरे के मन को भी खुश और शांत कर देते हैं और एक बात हमे पता है की सभी प्राणी के अंदर ईश्वर होते हैं, तो मानवता के चलते अपने साथ उस प्राणी के ईश्वर को भी खुश कर दिया न, तो हुआ ना मानवता धर्म से बड़ा।

जिस प्रकार पति-पत्नी गाडी के दो पहिये की तरह होतें हैं, जो अपने गृहस्त रूपी गाडी को खीचतें हैं और अगर एक भी पहिया टुटा तो संसार बिखर जाता है। उसी प्रकार मानवता (Humanity) और धर्म व्यक्ति के व्यक्तित्व रूपी गाडी के दो पहिये हैं, अगर एक भी पहिया बिगड़ा तो व्यक्ति का व्यक्तित्व बिगड़ सकता है।

हर धर्म, मजहब, कौम हमे एक अच्छी सिख और आपस में भाईचारा सिखाती है और सभी धर्मो में मानवता के व्यक्तित्व को सर्वश्रेष्ठ धर्म बताया गया है। अपने धर्म की रक्षा करते समय एक पल के लिए आपकी मानवता दाव पर लग सकती है परन्तु मानवता की रक्षा में आपका धर्म कभी भ्रष्ट नहीं हो सकता है।

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मानवता के क्या गुण हैं

दोस्तों ये मानवता आपको कोई समझायेगा नहीं की ये क्या होती है, ये तो खुद हमे हम सबका धर्म सिखलाता है की:

क) कभी किसी का बुरा मत करो

ख) कभी किसी के मन को दुखी मत करो

ग) हमेशा जिसकी तुम्हारी जरुरत हो उसकी मदत करो

घ) मनुस्य हो या जिव-जंतु सबके साथ प्यार वाला व्यवहार रखो

ङ्ग) इस संसार में सबको एक दृस्टि से देखो कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है

ऐसे भाव एक मनुस्य को अपने मन में रख कर अपने धर्म के साथ मानवता को भी अपने अंदर समां लेना चाहिए जो हमने बहार निकाल फेक दी है। अर्थात अगर आपने अपने जीवन में मानवता धारण कर लिया और उसे ही अपना श्रेष्ठ धर्म मानते हैं तू आपका हर शत्रु आपका मित्र और अगर आपके भीतर मानवता का भाव नहीं है तो आपका मित्र भी आपके शत्रु तुल्य है। दोस्तों आप इसके बारे में क्या सोचते है जरूर बताये, आप आज के समय में ज्यादा मह्त्व किसे देना चाहेंगे “धर्म या मानवता” को, या आपके लिए दोनों ही महत्वपूर्ण है?

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14 thoughts on “मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। (Humanity is the Biggest Religion in Hindi.)”

  1. मनावता है सबसे बड़ा धर्म है। Thankq for such a nice blog, you really made us think that what is religion in real terms.
    Together we pray for hope, for humanity 🙏
    राधे राधे 🙏🙏

  2. Really appreciable.. 👍👍 beautifully explained abt humanity👏👏
    I think it is the need of everyone that they give importance to humanity first.. Bcoz there is no greater religion than humanity..

  3. एक बार फिर से राधे राधे मोर मुकुट बंशी वाले के आशीष से बच्चे ने हर देशवासियों को एक सही मार्ग के बारे में बताया है जो कि सबसे उपर है और वो है इंसानियत वाकई अगर आज के समय में इंसानियत है तो फिर कोई भी मंजिल दूर नहीं चाहे उस रास्ते में अनेकों बाधाएं खड़ी हो फिर भी इंसानियत उसे जीत लेती हैं और धर्म तो ये ही सिखाता है कि अपने धर्म को मानते रहो बच्चे ने बीडीओ के माध्यम से उसे क्लियर कर दिया है मेरी बंशी वाले से यही प्रार्थना है कि वे आगे और भी अच्छी बातों के साथ आगे लिखता रहे और आम इंसानों के अंदर अपनी बातों से सब के दिलों में जगह बनाएं राधे राधे

  4. Bhut achhi baat khi h aapne , agr esi soch sbhi m aaye to duniya m nafrat nhi sirf pyar rhega..I pray to God , humanity is always wins.. keep it up 👍👍

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