‘गणतंत्र’ एक बहुत ही सात्विक और एकता का भाव उत्पन्न करने वाला शब्द है, जहाँ ‘गण’ देश की जनता के लिए है और ‘तंत्र’ उस देश की सत्ता के लिए, मतलब ऐसा राष्ट्र जिसकी सत्ता जनसाधारण पर निहित होती है। हमारा प्यारा भारत अपनी गणतंत्र का जश्न प्रति वर्ष बड़े उत्सुकता और सम्मान के साथ मनाता है और हमारा “गणतंत्र दिवस (Republic Day)” भारत का राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, Gantantra Diwas के इस त्यौहार को ख़ास तौर पर भारत के सभी विद्यालयों और सरकारी विभागों में बड़े गर्व के साथ मनातें हैं।
Gantantra Diwas पर सभी भारतीय अपने राष्ट्र के ध्वज को सम्मान पूर्वक आकाश में फहरातें हैं और पूरी देशभक्ति के साथ ध्वज के सामने खड़े होकर राष्ट्रगान गातें हैं क्यूंकि इसी दिन 26 जनवरी, 1950 को हमारे भारत का पूर्ण संविधान लागू किया गया था और देश की जनता को अपने भारत के गणराज्य होने का प्रमाण संविधान के रूप में सौपाँ गया था।
हमारे भारत की राजधानी, दिल्ली के ‘कर्त्तव्य पथ’ पर गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) का जश्न बहुत ही गर्व और उत्साह के साथ मनाया जाता है, इस बार 2023 में भारत अपना ‘74वां गणतंत्र दिवस’ मनाएगा। इस दिन प्रधानमंत्री जी इंडिया गेट पर ‘अमर जवान ज्योति’ के सामने पुरे भारत की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पण करते हैं फिर राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति की सवारी विजय चौक की ओर आती है और राष्ट्रपति के साथ गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित मुख्य अतिथि भी होतें हैं और 74वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इजिप्ट के राष्ट्रपति ‘अब्दुल फतह अल सीसी’ को आमंत्रित किया गया है फिर तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष राष्ट्रपति का स्वागत करतें हैं तत्पश्चात राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री का अभिवादन स्वीकार करके अपने स्थान पर बैठतें हैं, अंततः राष्ट्रपति के ध्वजारोहण करतें ही सभी राष्ट्रगान गाते है और इसी क्रम में इक्कीस तोपों की सलामी भी दी जाती है।
ध्वजारोहण के ठीक बाद गणतंत्र दिवस परेड आरम्भ हो जाती है, जिसमे ‘भारतीय संस्कृतियों की विविधता में एकता’ से सुसज्जित सभी राज्यों से विभिन्न प्रकार की झाकियों का कर्त्तव्य पथ पर आगमन शुरू होता है, जहाँ राज्य अपनी संस्कृतियों एवं परम्पराओं का समागम, लोक नृत्य और संगीत प्रदर्शित करतें हैं। इसके बाद देश के सुरक्षा बलों का मार्चिंग दस्ता गर्व से कर्त्तव्य पथ पर परेड करते हुए आतें हैं और अंतिम में वायु सेना के जाबांज़ अपने लड़ाकू विमानों के साथ शौर्य और वीरता का प्रदर्शन करते हुए आकाश में राष्ट्रीय धव्ज का चिन्ह प्रदर्शित करते हैं।
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गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाते हैं?
Gantantra Diwas भारत का एक राष्ट्रीय त्यौहार है, जिसे भारत में प्रतिवर्ष पुरे उत्साह और गर्व के साथ ’26 जनवरी’ को मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को हमारा भारत पूर्ण रूप से अंग्रेजी उपनिवेश से मुक्त होकर एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य राष्ट्र बन चूका था क्यूंकि इसी दिन हमारे देश के महान नायकों और संविधान निर्माणकर्ताओं के द्वारा देश का संविधान लागू किया गया था। 26 जनवरी, 1950, भारत के लिए प्रवासीय शासनविधि को परिवर्तित करके लोकतांत्रिक गणराज्य स्थापित करने का प्रतिक है।
Gantantra Diwas समारोह देश के लोगों में देशभक्ति की भावना को और उत्तेजित करता है क्यूंकि इस दिन देश के अन्य युवा वीरों और बाल वीरों को देश की एवं लोगों की रक्षा करने के लिए सम्मानित किया जाता है, जो की देश के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करती है।
गणतंत्र दिवस का इतिहास।
Gantantra Diwas का इतिहास बहुत ही रोचक है क्यूंकि इसकी शुरुवात 1929 में ‘लाहौर अधिवेशन’ के दौरान जवाहर लाल नेहरू जी ने अंग्रेज़ों के सामने ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग को रख कर किया था। जब पंडित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में यह प्रस्ताव पारित किया गया की यदि 26 जनवरी, 1930 तक अंग्रेजी सरकार ने भारत को ‘डोमिनियन स्टेटस’ नहीं प्रदान करेगा, तो भारत स्वयं को ‘पूर्णतः स्वतंत्र’ राज्य घोसित कर देगा और जब कांग्रेस की इस मांग का अंग्रज़ी सरकार के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया तब जवाहर लाल नेहरू जी ने 26 जनवरी, 1930 को लाहौर में रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराकर पूर्ण स्वराज हासिल करने के लिए अपना सक्रिय आंदोलन आरम्भ कर दिया।
जब 15 अगस्त, 1947 को भारत आज़ाद हुआ तब संविधान सभा के द्वारा 26 जनवरी की ऐतिहासिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए इसे गणतंत्र की स्थापना के रूप में चुना और आगे चल कर जब 2 साल, 11 महीने, 18 दिन के बाद संविधान बन कर तैयार हो गया, तो 26 जनवरी, 1950 को ही इसे पुरे देश में लागू कर दिया गया।
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गणतंत्र दिवस का महत्व।
गणतंत्र की महत्ता भारत की सम्प्रभुता, धर्मनिरपेक्षता, भाईचारे और एकता को दर्शाता है, जिसकी व्याख्या हमारे देश के संविधान की प्रस्तावना में की गई है। किसी भी देश के केवल स्वतंत्र होने से यह सिद्ध नहीं हो जाता है की उस देश के नागरिक पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं बल्कि उस देश के नागरिकों के अधिकार इस बात की पुष्टि करता हैं की वह देश पूर्ण रूप से स्वतंत्र है।
- भारत में Gantantra Diwas अपने नागरिकों को प्रति वर्ष यह आश्वाशन दिलाता है और आत्मगौरव की भावना प्रकट करता है की हमसब एक पूर्ण गणतंत्र स्थापित देश के नागरिक हैं, जिसका संरक्षण इस देश का संविधान स्वयं करता है।
- भारतीय संविधान की सर्वोचता को अहमियत प्रदान करने के लिए और भारत को आज़ाद कराने में आरम्भ किया गया सक्रिय पूर्ण स्वराज आंदोलन को स्मरण करने के लिए भारत में गणतंत्र दिवस को पुरे हर्षोल्लास और गौरव के साथ मनाया जाता है।
- Gantantra Diwas की महत्ता हमारे संविधान से निकल कर आती है क्यूंकि संविधान की वजह से ही हमारा देश गणतंत्र है और इस गणराज्य की शक्ति उसकी जनता में निहित है। भारत एक पूर्ण रूप से गणतंत्र देश है जहाँ जनता राज करती है ना की सरकार और भारतीय संविधान के द्वारा प्रदान किये गए नागरिकों के अधिकार इस बात की पुष्टि भी करती है।
- Gantantra Diwas की महत्ता देश में सभी जाति, धर्म, नस्ल, लिंग, क्षेत्र के भेदभाव को समाप्त कर देती है अथवा पुरे देश के लोगों में एकता की महक को बिखेर देती है।
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निष्कर्ष।
Gantantra Diwas भारत का एक राष्ट्रीय त्यौहार है, इस त्यौहार को हम सभी देशवासियों को सम्मान पूर्वक मनाना चाहिए और अपने भारत के राष्ट्रगान को गणतंत्र दिवस के दिन अवश्य गाना चाहिए क्यूंकि हम भारतियों का अस्तित्व हमारे देश से ही है और अपने देश के माध्यम से ही हमारी पहचान पुरे विश्व में है।
भारत का गणतांत्रिक स्वरुप ही भारतियों को एक-दूसरे से जोड़े रखता है, इसलिए, इस दिन का महत्व सभी भारतियों के लिए अहम् होना चाहिए क्यूंकि यह राष्ट्रीय पर्व देश के सभी जातीयों, धर्मों से भी ऊपर है।