भारत वर्त्तमान और भविष्य की जरूरतों को महसूस करते हुए अपनी अर्थव्यवस्था को मैनुअल से डिजिटल अर्थव्यवस्था में स्थानांतरित कर रहा है क्यूंकि वैश्विक समीकरण बहुत तेजी से बदल रहें है और दुनिया खुद को डिजिटल दुनिया की ओर अग्रसर कर रही है। “डिजिटल इंडिया का महत्व (Importance of Digital India)” समाज में आग की तरह फ़ैल रहा है क्यूंकि इसके उपयोग को भारत सरकार ने अपने नागरिकों के अनुकूल बना दिया है। डिजिटल दुनिया के मामले में भारत वर्त्तमान में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा रहा है क्यूंकि डिजिटलीकरण से सम्बंधित भारत ने विशेष रूप से ‘Digital India Mission’ की शुरुवात की है।
भारत ने 2015 में Digital India Mission की शुरुवात की थी, जिसका उद्देश्य भारत में ऑनलाइन बुनियादी ढांचे में सुधार, इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढाकर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाना और नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराना तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना।
डिजिटलीकरण मानव सभ्यता का वह बदलता चरण है, जो एक नए युग की शुरुवात कर रहा है, जिसका उपयोग देश के हर एक क्षेत्र में किया जा सकता है, जैसे; स्वास्थ्य, शिक्षा, सेना, कृषि, औधौगिकी, वित्, ऑटोमोबाइल्स, न्यायायिक प्रक्रिया, सार्वजनिक व्यवस्था, पर्यावरण, विकास आदि। भारत डिजिटल के क्षेत्र में पुरे विश्व में एक उभरता हुआ सितारा है, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के अनुसार प्रस्तुत किये गए ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index)’ में भारत को 132 देशों में 40वां स्थान दिया गया है, जहाँ भारतीय डिजिटल औधौगिकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Digital India के महत्व को आज भारत के सभी क्षेत्रों में देखा जा सकता है, जैसे:-
- डिजिटल इंडिया की तर्ज पर एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से भुगतान की आसान पहुंच (Paytm, BHIM, BharatPay, PhonePe)
- विभन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाना और जन-जन तक उपलब्ध करवाना (e-Sanjeevani, Practo)
- डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना साथ ही डिजिटल माध्यम के जरिये शिक्षा का विस्तार करना (DIKSHA)
- देश की रक्षा में सेनाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया रहा है (ड्रोन तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता)
- कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक कृषि के अभ्यास को किसानों के बिच प्रस्तुत करना साथ ही आधुनिक कृषि के जरिये युवाओं को कृषि के प्रति प्रोत्साहित करना (इ-राष्ट्रीय कृषि बाज़ार पोर्टल, वर्टीकल फार्मिंग, एक्वाकल्चर)
- भारत में न्यायिक सेवा प्रदान के लिए न्यायालय ने डिजिटल प्रावधानों का प्रयोग किया है, जैसे; मामलों की इ-फाईलिंग, इ-कोर्ट्स का गठन करना।
- पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए डिजिटल प्रौधौगिकी वरदान साबित हो रहें हैं।
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डिजिटल इंडिया क्या है?
Digital India सरकार की एक पहल है, जिसके जरिये सरकार अपने देश की आबादी को डिजिटल सुविधाएं, गांवों में इंटरनेट की आसान पहुंच एवं प्रत्येक नागरिक को उपयोगिता के स्रोत के रूप में डिजिटल अवसंरचना प्रदान करना है। डिजिटल इंडिया की मदद से सरकार लोगों के किसी भी काम को आसान बनाना चाहती है इसलिए, इस पहल का आदर्श वाक्य ‘शक्ति से सशक्तिकरण’ है।
Digital India देश के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हुआ है क्यूंकि यह लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बन चूका है, यह लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बना रहा है, लोगों के कामों को आसान कर रहा है साथ ही यह देश के अन्य क्षेत्रों में अपना योगदान विभिन्न तरीकों से प्रदान कर रहा है।
Digital India देश में डिजिटल प्रयोग के विकास को बढ़ावा देने के लिए अपने बनाये नौ स्तंभों पर विशेष ध्यान देता है, जो की निम्नलिखित है:-
- ब्रॉडबैंड हाईवे, इस स्तंभ में सरकार सभी के लिए ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध करने, ग्रामीण क्षेत्र में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और शहरी और राष्ट्रीय सूचना अवसंरचना का विकास करना।
- मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए सार्वभौमिक पहुंच, इसके जरिये नेटवर्क कनेक्टिविटी के अंतराल की समस्या को दूर करके देश में नेटवर्क की सार्वभौमिक पहुँच बनाना।
- सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम, इस कार्यक्रम के जरिये इंटरनेट उपयोग को लोगों तक सुगम बनाना है और सामान्य सेवा केंद्र को ग्राम पंचायतों के द्वारा सेवा वितरण के अनुकूल बनाया गया है साथ ही डाक-घरो को भी बहु-सेवा केंद्र के रूप में सेवा प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है।
- इ-शाशन, प्रौधौगिकी के माध्यम से सरकार अपने सभी सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के साथ सभी सरकारी कार्यों को कुशल बनाने के लिए आई टी का प्रयोग करना चाहती है और अपने सभी मंत्रालयों की कार्य प्रणाली में बदलाव करके डिजिटल उपयोग को लागू करना चाहती है।
- इ-क्रांति, इस स्तंभ के जरिये सरकार कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्तीय समावेशन, न्याय और सुरक्षा के क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल सेवाओं के जरिये कार्यों को सुगम और सरल बनाना चाहती है साथ ही सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी को और बेहतर बनाना चाहती है।
- सभी के लिए जानकारी, इस स्तंभ का उदेश्य सभी नागरिकों को ऑनलाइन जानकारी प्रदान करना और सरकारी कार्य में पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण, यह स्तंभ देश में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल उपकरणों को बढ़ावा देने का काम करता है।
- नौकरियों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी, इस स्तंभ का उदेश्य युवाओं को आई टी के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान है।
- प्रारम्भि हार्वेस्ट कार्यक्रम, इस कार्यक्रम के द्वारा सरकार सभी क्षेत्रों में डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का तत्काल प्रभाव को देखने के लिए एक अल्पकालिक परियोजना का समूह शामिल है, जैसे; बड़ी मात्रा में सन्देश भेजने के लिए आई टी प्लेटफार्म उपयोग करना, सभी स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक स्थापित करना, सभी सरकारी संस्था एवं विश्वविद्यालय में वाईफाई आदि।
डिजिटल इंडिया के फायदे और नुक्सान।
किसी भी चीज में अच्छाई के साथ-साथ कुछ बुराई भी छिपी होती है, ठीक वैसे ही भारत के डिजिटलीकरण करने की योजना भी देश को सकारात्मक परिणाम के साथ-साथ कुछ गंभीर चुनौतियां भी प्रदान कर रही हैं, जैसे:-
डिजिटल इंडिया के लाभ।
- डिजिटल इंडिया लोगों के कार्यों को सरल बनाने के साथ-साथ उनके अनुकूल भी बना रही है।
- डिजिटल इंडिया सभी सरकारी प्रणालियों में पारदर्शिता लेकर आयी है और साथ ही सुशासन को बढ़ावा प्रदान कर रही है।
- डिजिटल इंडिया देश में भ्रस्टाचार को कम करने के साथ कालाबाज़ारी और जमाखोरी को भी सम्पूर्ण रूप से खत्म कर रही है।
- डिजिटल इंडिया की माध्यम से स्वास्थ्य और शिक्षा में काफी तरक्की देखने को मिली है। ऑनलाइन सुविधा ने शिक्षा और स्वास्थ्य को घर-घर तक पहुँचाया है।
- डिजिटल इंडिया के माध्यम से देश में हर किसी को बैंकिंग सुविधा का लाभ प्राप्त हो रहा है और साथ ही कागजी कार्यों में भी कमी आयी है।
- डिजिटल इंडिया के जरिये अब सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ उसके लाभार्थी को प्राप्त होता है, जो की किसी भी प्रकार के बिचौलिया को अपने अंतर्गत आने नहीं देता है।
- डिजिटल इंडिया अपने देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ा रही है, देश की रक्षा प्रणाली को और मजबूत बना रही है एवं अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी अपना योगदान दे रही है।
- डिजिटल इंडिया आज के समय एक आम इंसान के जीवन में भी बहुत अहम् भूमिका निभा रहा है, यह डिजिटल क्रांति देश के सभी नागरिकों को सशक्त बनने की शक्ति प्रदान कर रहा है।
डिजिटल इंडिया के नुक्सान/चुनौतियां।
- डिजिटल इंडिया को पूर्ण रूप से कार्यान्यवयन करने के लिए अभी भी उचित बुनियादी ढांचा नहीं है, जिसके कारण कई ग्रामीण इलाकों में आज भी इंटरनेट की सुविधा पहुँच नहीं पायी है, इंटरनेट की धीमी गति आज भी कई क्षेत्रों की समस्या है।
- डिजिटल तकनीक के बारे में लोगों में जागरूकता की कमी देखने को मिलती है, जिसके परिणाम लोग डिजिटल सेवा का उपयोग करके धोखाधड़ी और जालसाजी का शिकार हो जातें हैं।
- प्रौद्योगिकी पर अत्यधिक निर्भरता के कारण स्वास्थ्य पर प्रभाव, मनुष्य आज के समय मशीनो पर ज्यादा निर्भर हो गया है उसकी शारीरिक गतविधियां पहले की तुलना कम हो गयी है, जिसका परिणाम मनुष्य के स्वास्थ्य पर देखने को मिल रहा है क्यूंकि आरामदायक जीवन जीने से मनुष्य विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहा है।
- ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर अपराध की घटनाओं में वृद्धि, डिजिटल प्रौधौगिकी के ज़माने में सभी चीजें ऑनलाइन होने के कारण विभिन्न प्रकार के ठगी, फ्रॉड कॉल्स, हैकिंग, साइबर अपराध और इंटरनेट से जुड़े अन्य गलत कामों में लगातार वृद्धि देखने को मिली है।
- इंटरनेट के उपयोग करने से हमारी निजी जानकारियों का चोरी होना, इंटरनेट का उपयोग आज के समय सभी के लिए आवश्यक बन चूका है और इंटरनेट का उपयोग हमारे निजी जानकारियों को सार्वजनिक कर देता है, हमारे निजी जानकारी और डाटा बड़ी-बड़ी कंपनियों के द्वारा चोरी कर ली जाती है और फिर उसे बेच दिया जाता है।
निष्कर्ष।
Digital India के कारण विष्व भर में हमारे देश की एक नई पहचान बनी है, हमारे देश की कुछ डिजिटल सेवाएँ ऐसी हैं जिसे दूसरे अन्य देश भी अपनाना चाहतें हैं, जैसे; आधार कार्ड, ऑनलाइन पैमेंट सर्विस, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, यह सभी Digital India के ऐसे विकास हैं, जिसे पूरे विश्व के द्वारा सराहाया गया है।
Digital India उभरते भारत का एक सशक्त तकनीक है, जो वर्षों से देश के विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न कार्यों में सहायक रहा है लेकिन सरकार को केवल इससे सम्बंधित चुनौतियों और समस्याओं पर केंद्रित करके उसे दूर करना होगा।