डिप्रेशन :ए साइलेंट थ्रेट इन सोसाइटी। (Depression: A Silent Threat in Society.)

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राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीअकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों तो कैसे हो आप सब? आज मैं बात करने जा रहाँ हूँ अपने देश में बढ़ते “मानसिक स्वास्थ्य और डिप्रेशन” (Mental Health and Depression) के मामलों के बारे में, जैसा हम जानते हैं की डिप्रेशन पहले भी हमारे समाज में था लेकिन पहले की तुलना आज के समय में इसके मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहें हैं जो की एक विकसित समाज के लिए बहुत बड़ी चिंता का कारण है।

person suffering from depression in society
Depression in Society

डिप्रेशन क्या है?

अवसाद (Depression) एक ऐसी खतरनाक बिमारी है, जिसमे व्यक्ति का दिमाग उसके नियंत्रण में नहीं होता है, उसके सोचने समझने की क्षमता भी खत्म होने लगती है और ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि यह रोग एक मानसिक रोग है, इस रोग का पता लगाना बहुत ही कठिन होता है लेकिन व्यक्ति के स्वभाव पर गौर करके इसका पता कर सकतें हैं।

यह कोई सामान्य रोग नहीं है इसकी उत्पत्ति हमारे दैनिक कार्यशैली में आने वाले चुनौतियों से भिन्न होती है और यह हमे तब प्रभावित करने लगती है जब यह हमारे दिमाग में लम्बे समय तक रह जाता है।

‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ के द्वारा अध्यन करने से यह पता चला है की डिप्रेशन और तनाव जैसे मामलों में भारत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा उदास देश है, भारत देश में हर 7 भारतीय नागरिक में से 1 नागरिक मानसिक स्वास्थ्य जैसे डिप्रेशन, चिंता, तनाव के साथ सामना कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे देश में कुल आबादी के लगभग 43% लोग डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना कर रहें हैं। दोस्तों हमारे देश में आज हर नागरिक किसी न किसी बात को लेकर परेशान है और वही परेशानी कुछ दिनों के बाद डिप्रेशन और चिंता का कारण बनती है जो हमारे मानशिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है।

मानसिक स्वास्थ्य पर कोरोना का प्रभाव।

दोस्तों ऐसे तो मानसिक स्वास्थय से जुड़े समस्याओं के बहुत से कारण होतें हैं लेकिन यह समस्या हमारे समाज में अभी अधिक क्यों देखने को मिल रहा है तो ऐसा इसलिए क्यूंकि अभी पूरा देश एक महामारी से लड़ रहा है, जिसके कारण हमारे देश में बहुत दिनों तक संपूर्ण लॉकडाउन भी देखने को मिला और ऐसा होने से लोगों के पास पैसे की कमी होने लगी, लोग आर्थिक रूप से कमजोर होने लगे बताया जाता है की कुल 230 मिलियन भारतीय गरीबी रेखा के निचे चले गए, लोगों के पास से रोजगार खत्म हो गया लगभग 7.35 मिलियन भारतियों ने अपने रोजगार खो दिए, लोगों के पास खाने की कमी हो गयी, इस महामारी के कारण कितने लोगों ने अपनों को खो दिया, कितने लोगों की ज़िन्दगी बर्बाद हो गयी, कितने मासूम बच्चे अनाथ हो गए ऐसे और भी बहुत कारण है जो की इस महामारी के द्वारा हमारे समाज में उत्पन्न हुए और जिसके परिणामस्वरूप हमे देश में मानसिक स्वास्थय से जुड़े समस्याओं में वृद्धि देखने को मिली है।

हमारे देश में डिप्रेशन, चिंता, तनाव यह सब एक शांत खतरा है समाज के लिए क्यूंकि यह समाज में आपको खुली आँखों से देखने तो नहीं मिलेगी लेकिन अधिकतर व्यक्ति फिर चाहे वह पुरुष हो या महिला किसी न किसी परेशानी या चिंता से जरूर जूझ रहा होगा। विश्व स्वास्थय संगठन द्वारा अध्यन कर यह बताया गया है की महिलायें पुरुष की तुलना में ज्यादा डिप्रेशन और चिंता का सामना करतीं हैं जिसके पीछे “सामाजिक कारण, पारिवारिक कारण, शारीरिक कारण, भावनात्मक कारण” जैसे मुख्या कारणों का योगदान हैं, समाज में यह पता कर पाना बहुत ही कठिन होता है की कौन सा व्यक्ति मानसिक स्वास्थय या डिप्रेशन से जूझ रहा है और जब पता चलता है तो बहुत देर हो चुकी होती है क्यूंकि वह डिप्रेशन और चिंता उस व्यक्ति पर हाबी होकर उसकी जान ही ले लेती है (हार्ट अटैक, सुसाइड)

डिप्रेशन के प्रभाव।

अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन या चिंता में है तो वह अपनी नुक्सान तो कर ही सकता है, साथ ही साथ वह दुसरो को भी हानि पंहुचा सकता है, जैसे:-

क) अगर वह लम्बे समय से चिंता या डिप्रेशन में है तो वह सुसाइड कर सकता है।

ख) अगर वह आर्थिक परिस्तिथि के कारण डिप्रेशन में है और उसे पैसों की जरुरत है तो फिर वह समाज के प्रति कोई गलत काम भी कर सकता है।

ग) अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के लिए डिप्रेशन में है तो वह दूसरे व्यक्ति को नुक्सान भी पहुँचा सकता है या उसे मार भी सकता है (रिलेशनशिप में ऐसा देखने को मिलता है, किसी से बदले की भावना के कारण भी ऐसा देखने को मिलता है)

घ) अगर कोई डिप्रेशन या चिंता में है तो उसे नशे की लत भी लग सकती है (शराब पीना, धूम्रपान करना, ड्रग्स लेना)

आज के समय में डिप्रेशन और चिंता का सबसे अधिक प्रभाव हमारे देश के युवाओं में देखने को मिल रहा है जो की 18 साल से अधिक और 45 साल से कम हैं, जिसके कुछ प्रमुख कारण हैं:

  • पारिवारिक समस्या
  • बेरोजगारी
  • प्रेम सम्बन्ध
  • आर्थिक दबाव
  • नशाखोरी
  • विवाह सम्बन्धी समस्याएं

“राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो” द्वारा यह बताया गया है की 90,000 से अधिक युवाओं ने आत्महत्या की है, जिसमे 71% युवा ऐसें थें जिनका मानसिक स्वास्थय बेहतर नहीं था।

अगर बात करूँ “संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क” द्वारा प्रस्तुत ‘विश्व खुशी सूचकांक 2021’ के बारे में जहाँ भारत के द्वारा 139वां स्थान प्राप्त किया गया है वह भी कुल 149 देशों में तो दोस्तों आप समझ सकतें हैं की पुरे विश्व में ख़ुशी के मामलें में हमारा देश कितना पीछे है।

आज के समय में अधिकतर लोगों को अकेला रहना पसंद है क्यूंकि हालात ही आज कुछ ऐसी हो गयी है समाज में कोई भी अपनों से ज्यादा मिलना, बातें करना पसंद नहीं करता। अगर मैं बात करूँ एक-दो दशक पहले की जहां समाज में हर किसी का एक बड़ा परिवार होता था, जहां सब एक दूसरे से अपना सुख-दुःख बाटतें थें, सब एक दूसरे का साथ देतें थें उस वक़्त यह मानसिक समस्या, डिप्रेशन जैसे मामलें हमारे समाज में बिलकुल ना के बराबर थें, लेकिन आज समाज में परिवार जितना छोटा होता जा रहा है यह रोग उतना ही बढ़ता जा रहा है, “अभी छोटे परिवार होने के कारण घरों में एक दूसरे को समझने के लिए लोग कम हैं, युवाओं में संस्कारों की कमी देखने को मिल रही है, नैतिकता तो समाज से बिलकुल खत्म ही हो गया है”।

मानसिक स्वास्थय और डिप्रेशन से उबरने के तरीके।

मानसिक स्वास्थय और डिप्रेशन यह समाज की ऐसी छुपी बीमारियां है जिनपे कोई बात नहीं करना चाहता है, लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं और आज के समय में इसका प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है लेकिन हम चाहें तो इसे रोक सकतें है, इस बिमारी के बारे में ना मालूम चलने पर यह जितना खतरनाक है, जिसे हम बहुत ही आसानी से मालूम चलने पर रोक सकतें हैं:-

क) उस व्यक्ति से ज्यादा से ज्यादा बातें करने की कोशिश कीजिये उसके मन में क्या बातें हैं उससे जानने की कोशिश कीजिये जानने के बाद उसके मन में सकारात्मक भाव उत्पन्न कीजिये।

ख) हमेशा वह काम करें जो करना पसंद हो, जो करके आपको अंदर से अच्छा लगता है और ख़ुशी मिलती है।

ग) अपने आप से बातें करें अगर आप कुछ अच्छा करतें हैं तो खुद को शाबासी दें, कोई भी काम समय पर करने की कोशिश करें।

घ) खुद को खुले आसमान के निचे बैठा कर वह सभी बातें सोचें जो आपको चिंतित करती है और उसका समाधान ढूंढ़ने की कोशिश करें लेकिन आँखें बंद करके शांत और सुन्दर वातावरण में।

ङ्ग) जिनसे आपको बात करना अच्छा लगता हो जिसे आप अपनी ज़िन्दगी में सबसे ज्यादा प्यार करतें हैं उनसे बात कीजिये, अपने मन की बात को उनको बताइए फिर चाहे वह आपके ईश्वर हो, आपके माता-पिता हो, आपकी पत्नी हो या आप खुद भी हो सकतें हैं।

च) हमेशा अपने आप को सबके साथ रखने की कोशिश करें अकेले रहने से आप डिप्रेशन को दूर नहीं कर पाएंगे, अकेलापन आपको हमेशा वही बातें सोचने पर मजबूर करेगा जो आप सोचना नहीं चाहतें हैं।

छ) थोड़ा समय निकाल कर आप एक्सरसाइज कर सकतें हैं, कहीं घूम सकतें हैं, जो पसंद हो वह खा सकतें हैं, अपनी पसंद की कोई मस्ती कर सकतें हैं।

ज) कभी भी डिप्रेस्ड या चिंतित होकर अपने अंदर की हिम्मत और आत्मविश्वास को नज़रअंदाज़ मत करो क्यूंकि ऐसा करके तुम स्वयं को कमजोर करते हो उस परिस्तिथि से लड़ने के लिए।

झ) कभी अपने को दूसरों से तुलना मत करो हमेशा सोचो की तुमने जो किया है सबसे बेहतर किया है और तुम्हारे साथ जो हुआ है वह भी कुछ अच्छे के लिए हुआ है, ज़िन्दगी में सबसे ज्यादा जरुरी है अपने अंदर सकारात्मक भाव उत्पन्न करना।

अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन या चिंता में है और उसके मन में सुसाइड करने की भावना आ रही हो तो उसे उस वक़्त सबसे ज्यादा किसी की जरुरत होती है जो उसे समझा सके उसके अंदर सकारात्मकता पैदा कर सके, तो कभी सुसाइड करने का मन करे तो जरूर पहले किसी से बात करने की कोशिश करो और सोचो जब तुम्हारी माँ ने तुम्हे जन्म देने के लिए कितना कष्ट उठाया, कितनी पीड़ा सही, कितने दुःख पार किये क्या उन सबसे ज्यादा बड़ा तुम्हारा यह चिंता और डिप्रेशन है जिसके लिए तुम अपनी ज़िन्दगी को खत्म करना आसान समझ लेते हो”। ऐसा करके अपने साथ-साथ औरों के लिए भी परेशानी का कारण बनते हो और मेरी मनो तो इस प्यारी सी ज़िन्दगी में चिंता आतें ही हैं ख़ुशी को महसूस कराने के लिए तो क्यों न चिंता के बाद की ख़ुशी को हम हमेशा देखें।

निष्कर्ष।

दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से मैं यही संदेश देना चाहता हूँ की लोगों में जागरूकता फैले, लोग इसे समझें, लोग अपनों को समझें इसे बिना नज़रअंदाज़ किये आओ हमसब मिलकर एक खुशहाल समाज और देश की स्थापना करें।

दोस्तों, अगर आप समाज और देश से जुड़े आर्टिकल्स के बारे में और पढ़ना चाहतें हैं तो यहाँ क्लिक करके पढ़ सकतें हैं।


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3 thoughts on “डिप्रेशन :ए साइलेंट थ्रेट इन सोसाइटी। (Depression: A Silent Threat in Society.)”

  1. Very informative article.. The best part I like abt ur article is the ways to overcome depression and also some positive thoughts shared is really appreciable.

  2. राधे राधे ये आर्टिकल अतिसुंदर शब्दों के साथ कनेक्ट किया गया है कि आप धैर्य के साथ अपने कोई भी समस्या को एक दूसरे से बताएं और शेयर करें ताकि आप उसपर अधिक दिमाग न लगाएं इससे आप अपने दिमाग पर जोर नहीं दे सके बहुत ही अच्छा लगा लोग समझ जाए तो देश भी आगे बढ़कर कोई भी समस्या को सुलझा सकता हैं राधे राधे

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