राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों तो कैसे हो आप सब? दोस्तों आज के इस बदलते और बढ़ते तकनीकीकरण वाले समाज में ‘डिजिटल करेंसी’ का समाज पर गहरा प्रभाव देखने को मिल रहा है, जहाँ समाज के ज्यादातर युवा इसमें शामिल हैं और उनके द्वारा “भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in India)” के इस बढ़ते प्रचलन को समझने और उसमे निवेश करने की चाह दिन-प्रतिदिन समाज में बढ़ती जा रही है। हालाँकि आगे बढ़ने से पहले मैं यह बता दूँ की क्रिप्टोकरेंसी है क्या:-
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‘क्रिप्टोकरेंसी’ क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल करेंसी है जो की आभासी मुद्रा के रूप में एक्सचेंज के माध्यम के लिए बनाया गया है, जिसे हम भौतिक रूप से छू कर नहीं देख सकतें और इस करेंसी का किसी भी प्रकार का लेनदेन केवल ऑनलाइन मोड के द्वारा ही किया जा सकता है, इसलिए इसे हम आभासी मुद्रा भी कहतें हैं।
क्रिप्टोकरेंसी की यह विषेशता है की यह किसी भी देश के सरकारी एजेंसी या सरकारी वित्तीय संस्थान द्वारा ना तो जारी किया जाता है और ना ही नियंत्रण किया जाता है, इसमें किसी का भी हस्तक्षेप नहीं होता है यह पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत रूप में स्वयं ही नियंत्रित होती है। मैं आपको एक सरल उदारहण देकर समझाता हूँ:
जिस प्रकार से हमारे देश में भारतीय मुद्रा का नियामक और नियंत्रक(regulator and controller) हमारे देश का ‘भारतीय रिज़र्व बैंक‘ है, इसका मतलब भारतीय मुद्रा भौतिक रूप में उपलब्ध है और जिसे अदा करने का वचन केंद्रीय बैंक करती है इसलिए हमे हमारे करेंसी पर रिज़र्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर देखने को मिलते हैं।
ठीक इसी प्रकार हर देश के मुद्रा का नियामक और नियंत्रक होता है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी जैसे “बिटकॉइन, लिट्कॉइन, एथेरेयम, कारडाना” इनका कोई नियामक नहीं होता है यह ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी द्वारा विनियमित होता है। जिस तरह हर देश के करेंसी का एक अंतराष्ट्रीय मूल्य होता है, उसी प्रकार क्रिप्टोकरेंसी का भी अंतराष्ट्रीय मूल्य होता है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के अनियंत्रित भाव के कारण इसके अंतराष्ट्रीय मूल्य में अस्थिरता बहुत ज्यादा देखने को मिलता है।
आज के इस डिजिटल करेंसी के दौर में लोगो में इसे जानने और समझने की इच्छा है ताकि वह भी इसमें निवेश कर सकें क्यूंकि यह एक संपत्ति की तरह है लोग इसमें निवेश करने के बाद छोड़ देतें हैं और जब इसका मूल्य अधिक हो जाता है तब इसे बेच देतें हैं। ऐसे तो बहुत से क्रिप्टोकरेंसी होतें हैं लेकिन उन सभी में सबसे प्रचलित “बिटकॉइन” है जो की सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी है और सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली, मूल्यवान, लोकप्रिय है।
बिटकॉइन को 2009 में एक व्यक्ति ‘सातोशी नाकामोटो’ द्वारा जारी किया गया था, लोग बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए इसलिए इतने उत्सुक रहतें हैं क्यूंकि इसकी मूल्य लाखों में होती है जैसे अभी “1 बिटकॉइन की मूल्य भारत में 35 लाख रुपये है” और इसकी दर में बहुत अधिक अस्थिरता भी देखने को मिलती है, जिसके कारण इसे ‘अस्थिर मुद्रा’ भी कहतें हैं। अर्थशास्त्रों के द्वारा यह बताया जा रहा है की 2025 तक 1 बिटकॉइन की दर 70 लाख भारतीय रुपये हो जाएगी।
कैसे समाज में पैसे का विकास हुआ?
हमारे समाज में पैसे के विकास में बदलाव समय की मांग को देखते हुए किया गया, जैसे की हमसब जानते हैं दिल्ली सल्तनत के बुद्धिमान मुर्ख राजा ‘मुहम्मद बिन तुग़लक़’ ने 13वीं सदी में’ कागजी मुद्रा’ का प्रछेपन कर दिया था लेकिन उस वक़्त लोगों के द्वारा इसे ना समझ पाने के कारण इसे बंद करना पड़ा। ठीक इसी प्रकार समाज में समय के बदलाव के साथ पैसों में भी बदलाव देखने को मिला, जैसे :-
- आदिकाल में लोगों के द्वारा “वास्तु विनिमय प्रणाली (barter system)” के जरिये लेनदेन किया जाता था,
- फिर लोग “सोने और चांदी” के धातु के जरिये लेनदेन करने लगे,
- उसके बाद “धातु के बने सिक्के” आने लगे,
- फिर लोगों ने “कागजी मुद्रा(paper currency) को समझा,
- फिर हमने “प्लास्टिक कार्ड्स” (डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स) के उपयोग को समझा,
- अभी हम “इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा प्रणली (online money)” का उपयोग लेनदेन में करतें हैं,
- लेकिन अब हमारे समाज में डिजिटल करेंसी “क्रिप्टोकरेंसी” के उपयोग से लेनदेन होता दिखेगा।
लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी का प्रभाव अभी बढ़ता दिखाई दे रहा है और आने वाले समय में इसकी मांग, भारत में इसका व्यापार तेजी से बढ़ता दिखाई देगा।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का प्रभाव।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में उत्साह है और बड़े व्यापारी और निवेशक इसमें निवेश भी करना चाहतें हैं, क्रिप्टोकरेंसी वर्त्तमान में भारत में सफल रहा है और खुदरा निवेशक भी अपने उत्साह के साथ आगे निकल कर आ रहें हैं, भारत में 10 मिलियन से अधिक क्रिप्टो निवेशक होने का अनुमान है और यह संख्या हर दिन बढ़ रही है। लेकिन हमारे देश की सरकार के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करना अवैध घोषित कर दिया गया था और ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ के द्वारा भी सभी बैंको को यह निर्देश दिया गया की ‘क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले ग्राहकों को बैंकिग सेवा तक पहुंच की अनुमति नहीं दी जाएगी’।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय बैंक के फैसले को मार्च 2021 में ‘इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया बनाम आरबीआई‘ इस मामले में कहा की आरबीआई इन मुद्राओं के व्यापार पर बिना किसी सरकारी विधायी प्रतिबन्ध के अधिक प्रतिबंध अपनी तरफ से नहीं लगा सकता है क्यूंकि यह प्रतिबन्ध नागरिकों को किसी भी व्यापार को करने के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप करेगा, जो की असंवैधानिक है।
तो सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह पता चलता है की क्रिप्टोकरेंसी अवैध नहीं है, कोई भी क्रिप्टोकरेंसी बेच, खरीद और व्यापार कर सकता है। यह अनियमित है इसके कामकाज को नियंत्रित करने के लिए हमारे पास अभी कोई नियामक ढांचा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने बस केंद्रीय बैंक को कोई भी भारी प्रतिबन्ध लगाने से मना किया है क्यूंकि फ़िलहाल कोई सरकारी कानूनी आधार नहीं है और एक बार संसद में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाने वाला कानून पारित हो गया तो फिर अदालत भी इसपर कुछ नहीं बोल सकती, और हाल ही में सरकार के द्वारा प्रस्तुत किये गए ‘बजट 2022’ में क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्र सरकार ने 30% का कर थोप दिया है, जिससे किसी भी भारतीय नागरिक के द्वारा अगर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया जाता है तो उसे उसके लाभ में से 30% कर के रूप में भारत सरकार को देना पड़ेगा।
*क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी निविदा है?
हमारे देश में कोविद-19 महामारी के दौरान क्रिप्टोकरेंसी के प्रचलन में वृद्धि देखने को मिला है जिसमे निवेश करने के लिए युवा बहुत उत्सुक हैं क्यूंकि यह उच्च वापसी मूल्य प्रदान करता है और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कुछ गलत नहीं है और यह आने वाले भविस्य में समाज में डिजिटल करेंसी के क्षेत्र में क्रांति लेकर आएगी, फिलहाल सरकार के द्वारा ऐसी कोई कानून ही नहीं बनाई गयी है जो इसके लेनदेन को अवैध घोषित करती है लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर 30% कर लगाने के इस फैसले से यह साबित हो जाता है की सरकार अप्रत्यक्ष रूप से क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन को मान्यता देती है। क्रिप्टोकरेंसी में अभी निवेश करना बिलकुल दूसरे और संपत्ति की तरह है जैसे सोने में निवेश करना, रियल एस्टेट में निवेश करना, लोग जिस तरह से बिना किसी कानून के सोने के द्वारा लेनदेन करतें हैं ठीक वैसे हीं फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी भी है।
*क्या यह भारत में एक वैध मुद्रा है?
यह पारम्परिक अर्थों में एक वैध मुद्रा नहीं है, जिसका अर्थ है की आप भारत में कुछ भी खरीदने और बेचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के साथ भुगतान नहीं कर सकतें हैं। हमारे देश की मुद्रा संप्रभु गारंटी द्वारा सामर्थित कानूनी निविदा है।
दूसरी और क्रिप्टो को दुनिया भर में एक जटिल विकेन्द्रित पीर टू पीर शक्तिशाली कोडेड सिस्टम द्वारा ढाला गया है। जैसे की इसे देश के भीतर ऑनलाइन कारोबार किया जा सकता है, क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्राएं हैं और भारत में एक संपत्ति के रूप में मान्य है।
*क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार करना कितना सुरक्षित है?
यह किसी भी अन्य निवेश वर्ग की तरह सुरक्षित और अन्तर्निहित बाजार जोखिमों जैसे म्यूच्यूअल फण्ड या स्टॉक निवेश के आधीन है। हालाँकि शेयर ट्रडिंग्स और म्यूच्यूअल फण्ड को सरकार द्वारा नियुक्त ‘सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया’ द्वारा नियंत्रित किया जाता है। जबकि क्रिप्टोकरेंसी विकेन्द्रीकृत प्रकृति के कारण इसका व्यापार किसी भी नियामक के दायरे में नहीं आता है और यह अस्थिर होता है।
तो व्यापारी और निवेशकों के लिए अभी यह अच्छा होगा की वह क्रिप्टोकरेंसी में अधिक निवेश ना करें, अधिक निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है क्यूंकि सरकार और केंद्रीय बैंक का कहना है की क्रिप्टोकरेंसी को वैध घोषित करके वह अपने देश के मुद्रा पर अपनी एकाधिकार शक्ति को कमजोर नहीं होने देगी, हालाँकि अभी हाल ही जून 2021 में ‘एल सल्वाडोर’ दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी निविदा (legal tender) के रूप में अपनाया है।
क्रिप्टोकरेंसी के कुछ फायदें और नुक्सान भी हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करना जरुरी है, इसके क्या फायदे और नुक्सान हो सकतें हैं यह भी हमे मालूम होना चाहिए।
*क्रिप्टोकरेंसी के फायदे:
- किसी भी तीसरे पक्ष को बिना शामिल किये (डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, बैंक) केवल दो पक्षों के बिच मुद्रा हस्तांतरण होता है।
- यह अन्य ऑनलाइन लेनदेन की तुलना में एक सस्ता विकल्प है और इसका भुगतान पूरी तरह से सुरक्षित और गुमनामी का एक अभूतपूर्व स्थान प्रदान करता है।
- आधुनिक क्रिप्टोकरेंसी सिस्टम एक उपयोगकर्ता के “वॉलेट या खाता पते” के साथ आता है जिसका पहुंच केवल एक सार्वजनिक कुंजी और गुप्त कुंजी द्वारा हीं संभव है, निजी कुंजी केवल ‘वॉलेट’ के मालिक को पता होता है।
- बहुत कम प्रोसेसिंग शुल्क के साथ फण्ड ट्रांसफर पूरा किया जाता है।
*क्रिप्टोकरेंसी के नुक्सान:
- क्रिप्टोकरेंसी की लेनदेन की प्रक्रिया छिपी होने के कारण यह डर होता है की इसे मनी लॉन्डरिंग, कर चोरी और यहाँ तक की आतंक वित्तपोषण (terror financing) जैसे अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक होती है।
- इसका भुगतान अपरिवर्तनीय नहीं है।
- क्रिप्टोकरेंसी सभी जगह स्वीकार नहीं की जाती है और सभी जगह इसका मूल्य अलग होता है।
- इसके अस्थिरता के कारण इसमें अत्यधिक जोखिम शामिल हैं।
क्रिप्टोकरेंसी को विनयमित करने के लिए सुझाव।
- सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध लगाने के बजाये इसे विनयमित और नियंत्रित करना चाहिए जिससे इसकी पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और इसका दुरूपयोग नहीं किया।
- सरकार को मजबूत केवाईसी (KYC) मानदंडों, रिपोर्टिंग और कर योग्यता को शामिल करके क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को विनियमित करें।
- निवेशकों और बड़े उद्यमियों की क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की उत्सुकता भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम और लघु उद्योग के क्षेत्र को और आगे बढ़ा सकती है, ब्लॉकचैन डेवेलपर्स से लेकर डिज़ाइनरों, प्रोजेक्ट मैनेजरों, बिज़नेस एनालिस्ट, प्रमोटर और मार्केटर्स तक विभिन्न स्तरों पर रोजगार के अवसर पैदा कर सकती है।
राधे राधे इस नई तरह की नगदी के बारे में लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है सभी लोग इसको समझ कर कर सकते हैं इंसान को जागरूक करने की आर्टिकल अच्छी लगी राधे राधे