कोरोनावायरस:- एक महामारी। (Coronavirus:- The Pandemic.)

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कोरोनावायरस(Coronavirus)” एक ऐसी बीमारी, जो अपना विकराल रूप धारण कर चुका है और जिसे अब हम महामारी बोलने लगे हैं।  जैसा कि हम जानते हैं कि ना हमारे पूर्वजों ने और ना हमने कभी ऐसी महामारी देखी थी और ना कभी इसकी कल्पना भी की होगी, ऐसी महामारी जिसने पूरे विश्व को अपना शिकार बना लिया ऐसा पूरे विश्व में कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसको इस महामारी के कारण आहत ना पहुंची हो।

दोस्तों ऐसा वायरस जिसने पूरे विश्व के हर कोने में हाहाकार मचा दिया जिधर भी देखो बस लोगों की जानें जा रही है ऐसा लगता है मानो लोगों के जीवन का कोई मोल ही नहीं बचा हो, इतनी मौतें कि इंसान के मृत शरीर के अंतिम संस्कार के लिए भी इस विश्व में जगह कम पड़ गई इसके बाद भी कई देशों में मृत शरीर को यूं ही छोड़ दिया गया उसे कुत्ते खा रहे हैं और हमारे देश में तो मृत शरीर को गंगा जैसी पावन नदियों में फेंकने तक लग गए ऐसा वायरस जिसने अपनों को अपनों से दूर कर दिया लोगों को एक दूसरे के पास आने से डर लगने लगा कई-कई महीनों तक लोग अपने घरों में बंद रहे और ऑक्सीजन, डॉक्टर, मेडिकल, हॉस्पिटल मानो जैसे भगवान हैं।

coronavirus in city
Coronavirus Pandemic

दोस्तों इस महामारी ने पूरे विश्व में मानव समाज की हालत बहुत ही दयनीय कर दी, हम सब ने इतिहास में और भी बहुत से ऐसी आपदाओं के बारे में सुना है जैसे ‘विश्वयुद्ध, नरसंहार, परमाणु हमले’, के बारे में पढा है और बहुत सी बीमारियों के बारे में पढ़ा और देखा भी है लेकिन ऐसी महामारी जिसे एक “जैव हथियार” भी कहा जा रहा है, जिसने सभी आपदाओं और बीमारियों को पीछे छोड़ बहुत आगे बढ़ चुका है और इसने लाखो लोगों की जान ली है (40लाख से ज्यादा) और पता नहीं अभी और कितनों की जान लेगी आगे आने वाली पीढ़ी भविष्य में जब इस कोरोनावायरस के बारे में पढ़ेगी तो पढ़कर और सुनकर उनके भी रूह कांप उठेंगे और यही सोचेंगे कि अच्छा हुआ हम उस महामारी के समय नहीं थे।

दोस्तों यह कोरोनावायरस(Coronavirus) जिसे एक जैव हथियार भी कहा जा रहा है अब हम इसके बारे में सभी महत्वपूर्ण तथ्य जान लेते हैं। 

कोरोनावायरस क्या है ?

कोरोनावायरस (Coronavirus) विषाणुओ (वायरस) का समूह है, जिसे अपनी संख्या को आगे बढ़ाने के लिए जीवित शरीर की कोशिकाओं का सहारा लेना पड़ता है यह एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है और फिर इंसानों से इंसानों में संक्रमित होता जाता है जो कि इंसानों में सामान्य जुकाम से लेकर स्वास तंत्र की गंभीर समस्या पैदा कर सकता है, कोरोनावायरस आमतौर पर हमारे अंदर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है जिससे व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है, और यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाती है जिसके कारण इंसान की मौत भी हो सकती है। कोरोनावायरस के वायरस का नाम ‘सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम’ है जिसे हम (सार्स कोव-2)  कहते हैं और ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ के द्वारा इस बीमारी का नाम “कोविड-19” (कोरोनावायरस डिजीज 2019) रखा गया है।

कोरोनावायरस का इतिहास। 

अगर बात करें इस वायरस के इतिहास के बारे में जिसे बहुत पहले ही लगभग 1964-1965 में ही वैज्ञानिकों द्वारा खोज लिया गया था और इस वायरस को एक महिला वैज्ञानिक द्वारा खोजा गया था जिनका नाम ‘डॉक्टर जून अलमेडा’ था, जब इनके द्वारा इस वायरस को अपने माइक्रोस्कोप पर देखा गया जिसका आकार गोल था और इसके गोलाकार में ताज जैसी कील निकली हुई थी, जिसके कारण इस वायरस का नाम ‘कोरोना’  रखा गया जिसका मतलब ताजपोशी होता है क्योंकि इस वायरस का आकार ताज की तरह है। 

उसके बाद इस वायरस ने 2002 में दक्षिण चाइना में कुछ लोगों को संक्रमित किया जिससे यह वायरस 28 अन्य देशों में फैल गया और बताया जाता है कि करीब 8000 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हुए थे, जिसमें 750 से अधिक लोगों की मौत भी हुई थी, फिर एक दशक के बाद 2012 में यह वायरस मिडिल ईस्ट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम जो कि सऊदी अरेबिया में शुरू हुआ जहाँ लगभग 2500 संक्रमित होने के मामले सामने आए जिसमें 850 से अधिक लोगों की जान गयी।

कहाँ से हुई कोरोना वायरस की उत्पत्ति ?

कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अभी तक किसी ने ये दवा नहीं किया है की यह वायरस कहाँ से निकल कर आया है लेकिन सूत्रों से ये बात सभी जानते हैं की दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के शहर ‘वुहान सिटी’ से निकल कर सामने आया। यह बात अभी भी विवाद में है की कोरोना वायरस इंसानो में कैसे फैला, शोधकर्ता बतातें हैं की यह वायरस चमगादड़ों में पाया जाता है और पैंगोलिन में भी, इसलिए बताया जा रहा है की वायरस चीन के ‘वेट मार्किट’ से इंसानो में पंहुचा होगा क्यूंकि चीन में चमगादड़ों का सूप, पैंगोलिन का मीट और साँप का मीट ये सभी चीन के वेट मार्किट में मिलते हैं और चाइनीज लोग भी यह सब का मीट और समुद्री जिव को खाना बहुत पसंद करते हैं।

चीन पुरे विश्व में सबसे अधिक समुद्रीभोजन का उपभोग करता है और पुरे विश्व का 45% समुद्रीभोजन का निर्यात भी चीन करता है मतलब 144मिलियन टन समुद्रीभोजन के उत्पादन में से 65 मिलियन टन चाइनीज खातें हैं।

इसलिए दोस्तों ऐसा हो सकता है की यह वायरस चीन के वेट मार्किट से निकला हो और वैज्ञानिकों द्वारा यह भी बताया जा रहा है की वायरस चीन के ‘अनुसन्धान प्रयोगशाला वुहान’ से निकल कर आया होगा क्यूंकि चाइनीज वैज्ञानिक बीते वर्ष 2015 से ‘कोरोना जैव हथियार’ बना रहे थे‘, जिससे तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी हो सके, इसलिए इस कोरोना वायरस को जैव हथियार भी बोला जा रहा है, जो की चीन की साजिश भी हो सकती है। इसी सच्चाई का पता लगाने कई देशो के वैज्ञानिक अभी चीन गए हुए हैं, उन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा भेजा गया है, यह पता लगाने की कोरोना की उत्पत्ति कैसे चीन से हुई।

दोस्तों चीन कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले छुपाने की लेकिन ये पूरा विश्व जनता है की कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के द्वारा ही किया गया है, जिसके कारण अभी पूरा विश्व परेशान है और इतने लोगों की मौत का जिम्मेदार भी चीन है।

वैरिएंट्स ऑफ़ कोरोना वायरस।

दोस्तों मैं आपको पहले साधारण भासा में समझाता हूँ, की जिस प्रकार से एक छोटा बच्चा छोटी उम्र का होता है और उसकी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है तो उस बच्चे के शरीर के अंदर बदलाव होतें हैं, ठीक उसी प्रकार से वायरस भी अपने बदलाव करता रहता है और परिवर्तन होना वायरस का एक गुण होता है जिसे हम म्युटेशन कहतें हैं।

ठीक इसी परिवर्तन होने के कारण इस कोरोना वायरस के अन्य वैरिएंटस देखने मिले हैं, जिनमे कुछ चिंता के कारण भी हैं, ‘विश्व स्वास्थय संगठन’ के द्वारा उन्हें कुछ इस प्रकार बाट दिया गया है:-

क) अल्फा -> B.1.1.7 (यूनाइटेड किंगडम)
ख) बीटा -> B.1.351 (दक्षिण अफ्रीका)
ग) गामा -> P.1 (ब्राज़ील)
ङ्ग) डेल्टा -> B.1.617.2 (भारत)
च) ओमीक्रॉन -> B.1.1.529 (बहु देशिए)

इन सभी वैरिएंट्स में सबसे ज्यादा खतरनाक ‘डेल्टा वैरिएंट’ को बताया जा रहा है और अभी एक और म्युटेशन सामने निकल कर आया है जिसे वैज्ञानिक ‘डेल्टा प्लस'(B.1.617.2.1) म्युटेशन बता रहें हैं, जो की पहले डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक है और इससे संक्रमित होने से मृत्यु होने की संभावना ज्यादा बताई जा रही है। दोस्तों इससे कोई डरने की जरुरत नहीं है आप बस सावधान और जागरूक रहिये क्यूंकि ऐसे या फिर इससे भी खतरनाक वैरिएंट हमे आगे भविस्य में देखने मिल सकते हैं।

कौन सा वैक्सीन लेना अच्छा है ?

दोस्तों मैं आप सभी को पहले यह बताना चाहता हूँ की हमारे देश में वैक्सीन्स को लेकर जो अफवाएं फैली हुई है या फैलाई जा रही है उनसे दूर रहें उनपे ध्यान न दें, मैं बता दूँ की भारत में अभी:

क) कोविशिल्ड -> सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया, पुणे द्वारा बनाई गयी

ख) कोवाक्सिन -> भारत बायोटेक लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा बनाई गयी

ग) स्पुतनिक V -> रूस द्वारा बनाया गया

घ) मॉडेर्ना -> अमेरिका द्वारा बनाया गया

यह सभी वैक्सीन्स हमारे देश में लोगों को दी जा रही है और इन वैक्सीन्स की स्वीकृति हमारे देश के स्वास्थय मंत्रालय के अंतर्गत इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च‘ (आई सी एम आर) द्वारा स्वीकृत किया जा रहा है।

दोस्तों आपको बता दूँ की सभी मंजूरी दी गयी वैक्सीन्स प्रभावी हैं लेकिन अभी आम जनता को केवल ‘कोविशिल्ड और कोवाक्सिन’ ही दी जा रहीं हैं आप इन दोनों में जो चाहे ले सकतें हैं दोनों अपने भारत देश में ही बनाई जा रही हैं लेकिन इन दोनों वैक्सीन्स में जो अंतर है मैं आपको बताता हूँ:

क) कोविशिल्ड वैक्सीन की पहली डोस लेने के बाद इसकी दूसरी डोस तीन महीने के बाद दी जा रही हैं।

ख) कोवाक्सिन की पहली डोस लेने के बाद इसकी दूसरी डोस एक महीने के बाद ही दे दी जा रही है।

अब आपके ऊपर ये निर्भर करता है की आप कौन सा वैक्सीन लेना चाहते हैं लेकिन वैक्सीन्स सभी प्रभावी हैं और जितना हो सके अफवाओं से बचें। दोस्तों एक बात और कोशिश करें की वैक्सीन किसी सरकरी संसथान या अच्छे हॉस्पिटल में जाकर ही लगवाएं क्यूंकि बहुत सी फेक वैक्सीन्स भी गलत तरीके से लगा दी जा रही है जिसके कारण कुछ दिक्कतें देखने को मिल रही है, इसलिए आप जागरूक रहें बस इसकी जरुरत है।

कोरोना वायरस महामारी ने पुरे विश्व में क्या संदेश दिया ?

दोस्तों यह महामारी एक मिसाल बन कर जाएगी, आने वाली कई पीढ़ियां जब इसके बारे में सुनेगी तो उनके भी रूह काँप उठेंगे और अगर हम मनुष्य इसके बाद भी नहीं सुधरेंगे तो हो सकता है भविस्य में हम इससे बड़ा प्रलय भी देखेंगे क्यूंकि हो सकता है कहीं-न-कहीं यह वायरस प्रकृति का कहर हो, मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ की अगर देखा जाये तो इस पुरे पृथ्वी पर मनुष्य से बड़ा वायरस कोई नहीं है क्यूंकि इंसानो ने हमेशा अपने जरूरतों को पूरा  करने के लिए केवल अपने थोड़े से मतलब के लिए इस पृथ्वी के प्रकृति का बहुत अधिक शोषण और दोहन किया है जैसे:-

coronavirus impact in nature
coronavirus and nature

क) हद से ज्यादा जिव-जंतुओं की तस्करी करना, भारी मात्रा में उनको नुकसान पहुँचाना, उन्हें मारकर उनके अंगो का व्यापार करना।

ख) भारी मात्रा में वातावरण को नुकसान पहुँचाना, हवा और पानी दोनों को जहरीली गैस और रासायनिक पदार्थों द्वारा दूषित करना जिसके परिणामस्वरूप जलवायु का परिवर्तन होना।

ग) वनो की कटाई करना और जलवायु परिवर्तन के कारण बड़े-बड़े वनो में आग लगना जिससे बहुत से जिव-जंतुओं की मौत हो जाती है, उनका घर भी ख़तम हो जाता है।

घ) जमीन हो या समुद्र खनिज पदार्थों को बाहर निकालने के लिए जरुरत से ज्यादा खनन करना।

ङ्ग) बड़े-बड़े परमाणु परिक्षण करना जिससे समुद्र में रहने वाले जीवों की मौत हो जाती है।

कुछ ये सब कारणों के चलते पृथ्वी भी हम इंसानो से दुखी है और आपने भी अभी महामारी के समय लॉक डाउन में इसका परिणाम देखा होगा की जब पूरा विश्व लॉक डाउन था और हम इंसान घरो में बंद थे तब प्रकृति को नुकसान पहुँचाने वाली सभी चीजें बंद पड़ी थी तब प्रकृति कितनी खुश दिखाई दे रही थी, सभी जिव-जंतु बाहर आ रहें थे, नदियों का पानी स्वच्छ हो गया था, वातावरण में वायु पूरी तरह से शुद्ध हो गया था, तो हम इंसान जब तक नहीं सुधरेंगे अपने कर्त्वयों को अच्छी तरह से नहीं समझेंगे तो हमे इसका खामयाजा भी भुगतना पड़ेगा। तो दोस्तों हमसबको अपनी आदतों में थोड़ा सुधार लाना होगा।

कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ सुरक्षा युक्तियाँ।

क) प्रतिदिन कम से कम अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आधा घंटा “व्यायाम या योग” जैसी क्रियांए करें जो की ऐसी खतरनाक बिमारियों से लड़ने के लिए बहुत ही आवश्यक हो जाती है।

ख) अपने शरीर के ‘इम्यून सिस्टम’  को मजबूत बनाने के लिए कम फ़ास्ट फूड्स का सेवन करें, तजा फल और सब्जी वो भी घर का बना हुआ होना चाहिए ताकि आपका इम्यून सिस्टम कोई भी बीमारी से लड़ने में सक्षम हो जाये।

ग) आप प्रतिदिन सुबह खाली पेट में कम से कम ‘एक से दो गिलास गरम पानी’ जरूर पियें जो की बहुत ही जरुरी है हमारे शरीर के लिए।

दोस्तों आपको अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए और कुछ भी करने की जरुरत नहीं है, बस इन्ही कुछ बातों का ध्यान रखें जो की इम्यून सिस्टम की नीव होती है, इम्यून सिस्टम बाहर से आपके शरीर के अंदर आये कोई भी बीमारी के साथ लड़ने का काम करता है इसलिए हमे अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना  होता है।

दोस्तों हम सब अंत में उन सभी कोरोना योद्धाओं का जितना भी सुक्रिया अदा कर ले वो बहुत ही कम है क्यूंकि इस महामारी में यदि किसी ने सबसे बड़ी मानवता का उधारहण पेश किया है तो वो हमारे “डॉक्टर्स, नर्सेज, मेडिकल कर्मचारी, सफाईकर्मी, पुलिस और जो भी इस महामारी में इंसानियत के प्रति आगे निकल कर आये हैं वो सब” पुरे विश्व में एक मिसाल कायम कर दी है, जिसे आने वाली कई पीढ़ियां याद करेंगी।

“कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए विश्व का एकजुट होना”

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