बच्चों में गेमिंग की लत। (Addiction of Gaming on Children.)

addiction of gaming on children

हमारे समाज के बच्चों में अभी एक अलग ही प्रचलन देखने को मिल रहा है, “बच्चों में गेमिंग की लत (Addiction of Gaming on Children)” समाज के लिए एक बहुत बड़ी समस्या निकल कर सामने आ रही है, जहाँ माता-पिता और अभिभावक के द्वारा इसे ज्यादा गंभीरता पूर्वक नहीं लिया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप हमे अपने समाज में बच्चों में गेमिंग की लत बढ़ती नज़र आ रही है।

भारत में जनजातीय समुदाय। (Tribal Communities in India.)

tribal communities in india

“भारत में जनजातीय समुदाय (Tribal Communities in India.)” हमारे देश के विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिक है, जिसकी महत्ता हमे हमारे पौराणिक इतिहास के संस्कृति से जोड़ती और परिचित करवाती है। भारतीय जनजाति समुदाय देश के लिए एक अमूल्य धरोहर है और इसलिए इनकी संरक्षण का उल्लेख ख़ास तौर पर हमारे संविधान के अन्नुछेद-338(ए) में भी किया गया है क्यूंकि इनके संरक्षण से ही देश के वन-उपवन और प्रकृति जीवित है।

स्टार्टअप्स: भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़। (Startups: Backbone of Indian Economy.)

different startups in india

भारत की इस बढ़ती अर्थव्यवस्था में आज के समय युवाओं के पास अपनी एक नई पहचान बनाने के लिए सबसे अच्छा विकल्प स्टार्टअप्स को माना जा रहा है क्यूंकि भारत अभी आर्थिक विस्तार की स्तिथि में है और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। इसलिए, विश्व बैंक एवं अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के द्वारा भी भविष्यवाणी करके यह बताया गया है की, भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगी, जिसके कारण “स्टार्टअप्स भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ (Startups Backbone of Indian Economy)” के रूप में सामने निकल कर आ रहें हैं।

भारत में भाई-भतीजावाद। (Nepotism in India.)

nepotism in india

आज के समय अधिकांश युवा पीढ़ी दूसरे के बल पर आगे बढ़ना और नाम कमाना चाहती है और यह चलन भारत में आम तौर पर देखने को मिल जाता है “भारत में भाई-भतीजावाद (Nepotism in India)” हमारे देश के हर एक क्षेत्र में शामिल है, फिर क्यों न वह राजनितिक क्षेत्र, फिल्म उद्योग, कॉर्पोरेट्स या आर्थिक क्षेत्र, खेल जगत, धार्मिक क्षेत्र और प्रशासनिक क्षेत्र कुछ भी हो।

‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’। (‘Clean India Healthy India in Hindi’.)

clean india and healthy india

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का सपना हमारे घरों से ही आगे बढ़ता है “जब हम सभी अपने घरों को स्वच्छ रखतें हैं तो एक गली स्वच्छ बनता है, जब सभी गालियां स्वच्छ होतीं हैं तो एक एक मोहल्ला स्वच्छ होता है, जब सभी मोहल्ले स्वच्छ होतें हैं तो एक शहर स्वच्छ होता है, जब सभी शहर स्वच्छ बनते हैं तो एक राज्य स्वच्छ बनता है और अंत में जब सभी राज्य स्वच्छ बनते हैं तो पूरा देश मतलब हमारा भारत स्वच्छ बनता है”, तो कुछ इस प्रकार की स्वच्छता कड़ी हमे बनानी है, जो कड़ी हमे स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत से जोड़ेगी।

भारत में इ-कचरा प्रबंधन। (E-Waste Management in India.)

e-waste management

आज के आधुनिक डिजिटल युग में मानव द्वारा उत्पन्न किया गया कचरा सभी जीवित प्राणियों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनते जा रही है और कचरों में भी बात करें तो ‘इ-कचरा (इलेक्ट्रॉनिक कचरा)’ जिसमे दिन-प्रतिदिन तेजी से वृद्धि होते जा रही है, जिसका मुख्य कारण है भारत में अग्रिम डिजिटल प्रौधौगिकी का समावेश, पुरे ब्रह्माण्ड में अंतरिक्ष से लेकर समुद्र के निचली सतह तक कोई भी ऐसी जगह नहीं बची है जहाँ मानव ने इ-कचरा (e-Waste) ना फैलाया हो, इससे यह बात स्पष्ट हो जाता है की हम जितना आगे बढ़ रहें हैं उतना ही अपने पीछे अपने लिए समस्या छोड़तें जा रहें हैं। इसलिए “भारत में इ-कचरा प्रबंधन (e-Waste management in India)” मानव, सभी जीवित प्राणियों, पर्यावरण के हित के लिए अति आवश्यक हो जाता है।

भारत में खाद्य सुरक्षा का महत्व। (Importance of Food Safety in India.)

food safety in india

खाद्य सामग्री मनुष्य स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है खाद्य सुरक्षा एवं खाने की गुणवत्ता, जो की एक मनुष्य के बेहतर और निरोग स्वास्थ्य की सुनिश्चितत्ता का प्रमाण देता है। हमारे “भारत में खाद्य सुरक्षा का महत्व (Importance of Food Safety in India)” एवं उसकी गुणवत्ता की भूमिका आज के इस युग में कितना आवश्यक है, उसके बारे में चर्चा करेंगे क्यूंकि आज के समय मनुष्य को यह जानना अति आवश्यक है की वह जिस भोजन का सेवन कर रहा है वह कितना सुरक्षित है।

भारत में साम्प्रदायिकता। (Communalism in India.)

different types of communalism in india

‘साम्प्रदायिकतावाद (Communalism)’ भारत में एक बहुत ही अहम् और गंभीर मुद्दा बन चूका है और इसका प्रभाव हमारे समाज को अलग दिशा की तरफ मोड़ रहा है और साथ-ही-साथ हमारी भविष्य की पीढ़ियां भी इस साम्प्रदायिकता के पाठ को पढ़ रहीं हैं और अपने आँखों से देख रही है जिसका परिणाम आने वाले समय में इससे भी बुरा देखने को मिल सकता है, जिससे भारत के धर्मनिरपेक्ष होने पर प्रश्नचिन्ह लग जायेगा, हमारे अखंड भारत को खंडित नहीं कर सकता ऐसा कहने पर प्रश्नचिन्ह लग जायेगा और जिससे हमारे देश भक्ति एवं भारतीय होने पर भी प्रश्नचिन्ह लग जायेगा, “भारत में साम्प्रदायिकता (Communalism in India)” लोगों के बिच भाईचारे को समाप्त कर एक दूसरे के प्रति मन में नफरत के बीज बो रही है।

भारत में महंगाई की समस्या। (The Problem of Inflation in India.)

problem of inflation in india

महंगाई या मुद्रास्फीति एक विकाशील समाज और देश के प्रगति के लिए बहुत बड़ी बाधक होती है, जो अधिकतर लोगों के कल्पनाओं के और योजना के विरुद्ध कार्य करती है, जिसके कारण मनुष्य के प्रगतिशील जीवन में ठहराव आ जाता है। “भारत में महंगाई (मुद्रास्फीति) की समस्या (The Problem of Inflation in India.)” एक ऐसी कारण है जो भारत को विकसित अर्थव्यवस्था वाला देश होने से रोकता है क्यूंकि भारत में महंगाई की सबसे अधिक मार गरीब वर्ग के लोग झेलते हैं और भारत में गरीबी का विस्तार आज भी बहुत बड़ी मात्रा में देखने को मिलता है।

डिजिटल साक्षरता का महत्व। (Importance of Digital Literacy.)

importance of digital literacy in india

डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) का तात्पर्य यह है की जब किसी व्यक्ति को समाज में हो रहे तकनिकी विकास और कौशल के बारे में जानकारी होना, जिससे वह इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स, सोशल मीडिया, मोबाइल फ़ोन का उपयोग अच्छे प्रकार से करने में सक्षम हो, जिससे वह समाज के साथ अपने आवश्यकता को भी डिजिटल उपकरणों के माध्यम से करने में सामर्थ्यवान हो।