समय का महत्व। (Importance of Time.)

time

दोस्तों अगर हम सब अपने जीवन में समय को अहमियत देने लगे तो फिर वो समय को दी हुई अहमियत, एक दिन समय हमे अहमियत के काबिल बना देगा। अगर आप चाहें तो वास्तव में ये करके देख सकते हैं, आप कुछ समय लिए अपना कोई भी छोटा सा लक्ष्य बनाईए और उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आप कुछ तो करेंगे ही और अपने नियमित समय से प्रतिदिन उस काम को कीजिये तो वो लक्ष्य अवस्य ही आपको प्राप्त हो जायेगा और अगर आप एक दिन भी उस काम को नहीं कर पाएं जो आप प्रतिदिन कर रहें थे,तो अपना लक्ष्य आपको निर्धारित समय से प्राप्त नहीं होगा।

नैतिक शिक्षा का महत्व। (Importance of Moral Education in Hindi.)

Ethical learning

। दोस्तों आज मै आपसे कुछ पूछना चाहता हूँ की आज हमारा समाज और देश बहुत तरक्की कर रहा है फिर क्यों न वो अच्छी शिक्षा हो, कृत्रिम बुद्धिमता हो, 5G नेटवर्क हो या मंगल पे जाना हो, मै चाहता हूँ की और तरक्की की सीढियाँ हम चढ़े, लेकिन इन अच्छे चीजों मे आगे बढ़ने के साथ हमारा देश गलत कामों और अपराध मे भी क्यों आगे बढ़ते जा रहा है फिर चाहे वो किसी भी क्षेत्र मे हो? दोस्तों मेरा मानना है की हम तरक्की कर आगे बढ़ रहे हैं अच्छी बात है लेकिन हमे नहीं भूलना चाहिए की हर सिक्के के दो पहलु होते हैं, इसी तरह हम आगे बढ़ने के साथ-साथ सभी स्तर पर फिर वो कुछ भी क्यों न हो अगर “नैतिक शिक्षा(Ethical Learning)” प्रदान करने लगें तो हम और अच्छा कर सकते हैं।

मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। (Humanity is the Biggest Religion in Hindi.)

peoples practicing their religion with humanity

मानवता हमेशा धर्म से बड़ी होती है क्यूंकि जब हम अपने धर्म को मानते है तो उससे हमारे मन को शांति मिलती है जो की अच्छी बात है लेकिन जब हम मानवता की बात करते है तो हम अपने साथ-साथ दूसरे के मन को भी खुश और शांत कर देते हैं और एक बात हमे पता है की सभी प्राणी के अंदर ईश्वर होते हैं, तो मानवता के चलते अपने साथ उस प्राणी के ईश्वर को भी खुश कर दिया न, तो हुआ ना मानवता धर्म से बड़ा।

समाधान उन्मुख व्यक्ति कैसे बनें? [How to Become a Solution Oriented Person?]

how to become solution oriented person

इस संसार मे जिस मानव ने  जनम लिया है वो अपने साथ अपनी सुख और दुःख दोनों लेकर आया है अंतर बस इतना है की इंसान  सुख प्राप्त होता है तो उसे वो अच्छा  लगता है और जब दुःख प्राप्त होता है तो उसे वो ख़राब लगता है लेकिन सच्चाई यही है की दुःख भी मनुस्य की ज़िन्दगी के साथ चलने वाला है इसलिए मनुस्य को इसे या तो स्वीकार करना चाहिये, या तो इसका समाधान करना चाहिए, या फिर इसे नज़रअंदाज़ कर आगे बढ़ना चाहिए क्यूंकि दुःख या फिर समस्या हमे हमारी ज़िन्दगी मे  ये सिखाने आती है की आगे  ज़िन्दगी मे और और कठीनाइयाँ आएंगे उसे कैसे हमे पार करना है और समसयाओ को  अपनी ज़िन्दगी की चुनौती समझ कर धीरे-धीरे उसपे विजय  विजय प्राप्त कर लेनी चाहिए,