भारत में आरक्षण।(Reservation in India.)

reservation in india

राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीअकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों, आज हम सब अपने देश के आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ मनाने जा रहें हैं, जिस स्वर्णिम अवसर को पूरा देश ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रहा है लेकिन आज़ादी के 75 साल के बाद भी हम अपने देश में पिछड़े वर्ग और दलित समाज को समान अवसर नहीं प्रदान कर पाएं हैं, जिसके कारण आज भी हमे पिछड़े वर्ग और दलित समाज को बराबरी का हक़ प्रदान करने के लिए “भारत में आरक्षण (Reservation in India)” जैसी बैसाखी का उपयोग करतें हैं।

अल्पसंख्यकों पर अत्याचार :- विश्व परिदृश्य।(Attrocities on Minorities :-World Sceneario.)

attrocities on minorities in world

“अल्पसंख्यकों पर अत्याचार :विश्व परिदृश्य(Attrocities on Minorities: World Sceneario)” के बारे में बताना चाहूँगा, हमे अपने समाज में, देश में और पुरे विश्व में सभी जगह अल्पसंख्यक देखने को मिलते हैं और आज के समय कोई समाज या कोई देश नहीं है, जहाँ ‘अल्पसंख्यकों पर अत्याचार’ नहीं होता हो, अधिकतर देशों में अल्पसंख्यक समुदाय को दूसरे समुदायों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है।

पर्यावरण प्रदूषण:- भविष्य के विनाश की कहानी।(Environmental Pollution:- The Story of Future Destruction in Hindi.)

environmental pollution is a future destruction

पर्यावरण प्रदुषण दूषित पदार्थों का वातावरण में प्रवेश करना है, जब वातावरण में रासायनिक पदार्थ, जहरीली गैसों का उत्सर्जन और ऐसे पदार्थ जो की पर्यावरण के अनुकूल नहीं होतें हैं और उनका वर्चस्व मानव गतिविधियों द्वारा बढ़ने लगता है जो की मानव और अन्य जीवित जीवों का नुकशान का कारण बनता है।

राजनीति का अपराधीकरण। (Criminalization of Politics.)

criminalisation of politics in india

राजनीति के अपराधीकरण का अर्थ है की राजनीतियों में अपराधियों की भगीदारी होना, जिसमे अपराधी संसद या विधायिका का चुनाव लड़ भी सकतें हैं और सदस्य के रूप में चुने भी जाते हैं और अपराधियों का राजनेताओं के रूप में राजनीति में आना यह सब मुख्य रूप से राजनेताओं और अपराधियों के बिच सांठ-गाँठ के कारण होता है।

भारत में ‘क्रिप्टोकरेंसी’। (‘Cryptocurrency’ in India.)

Cryptocurrency in India

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में उत्साह है और बड़े व्यापारी और निवेशक इसमें निवेश भी करना चाहतें हैं, क्रिप्टोकरेंसी वर्त्तमान में भारत में सफल रहा है और खुदरा निवेशक भी अपने उत्साह के साथ आगे निकल कर आ रहें हैं, भारत में 10 मिलियन से अधिक क्रिप्टो निवेशक होने का अनुमान है और यह संख्या हर दिन बढ़ रही है। लेकिन हमारे देश की सरकार के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करना अवैध घोषित कर दिया गया था और ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ के द्वारा भी सभी बैंको को यह निर्देश दिया गया की ‘क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले ग्राहकों को बैंकिग सेवा तक पहुंच की अनुमति नहीं दी जाएगी’।

भारत में दहेज़ प्रथा। (Dowry System in India.)

taking dowry from bride

आज मैं आप सब से “दहेज़ (Dowry)” के सम्बन्ध में समाज की वह वास्तविक सोच आप सब के साथ साझा करूँगा, जिसके कारण इस समाज से दहेज़ प्रथा समाप्त ही नहीं हो रहा है। हम सब समाज में दहेज़ के विरोध में बातें करते हैं लेकिन जब समय आता है तो अधिकतर लोग अपना असली चेहरा समाज के सामने प्रकट कर देतें हैं। दहेज़ हमारे समाज की एक ऐसी कुप्रथा है जिसने कितनी बेटियों की ज़िन्दगी बर्बाद कर दी है, जिसने कितनी बेटियों की जान ले ली है, जिसने कितने ही माँ-बाप के अरमानो को कुचल कर रख दिया, जिसने कितने माँ-बाप को खून के आसूँ रोने के लिए मजबूर कर दिया इन सब के बावजूद समाज में आज भी दहेज़ लेने का प्रचलन को लोग अपनी शान समझतें हैं

हमारे समाज में दहेज़ लेने वालों की सोच इस हद तक गिर गयी है की वह अधिकतम दहेज़ की मांग को अपनी शान समझतें हैं, लेकिन यहाँ मैं गुजारिस करूँगा उनसे जो दहेज़ लेना अपनी शान समझतें हैं की वह खुद एक बाप के नाते यह सोच कर देखे  बेटी के पिता ने अपनी पूरी ज़िन्दगी की कमाई, अपने घर की किलकारी और अपने घर का रौनक ही तुम्हे सौंप रहा हो, यह सोच कर की उसकी बेटी अब तुम्हारे घर को रौनक करे और तुम्हारे घर के वंश को आगे बढ़ाये तो तुम ऐसे पिता से दहेज़ की क्या मांग करते हो जो तुम्हे अपने घर की सारी खुशियां ही दे रहा हो

“आज़ादी का अमृत महोत्सव: 75वां स्वतंत्रता दिवस”(“Azadi ka Amrit Mahotsav: 75th Independence Day”)

75th Independence of india flag

यह आज़ादी का अमृत महोत्सव देश के प्रधानमंत्री जी के द्वारा 12 मार्च,2021 को दांडी से शुरू की गयी, इसे भारत के आज़ादी के 75 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जाने वाली कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है, जिसमे जन-भागीदारी की भावना से आज़ादी को जन-उत्सव के रूप में मनाया जायेगा।
दोस्तों आज़ादी का यह अमृत महोत्सव एक ऐसा महोत्सव है जिसमे पूरा देश एक हो जाता क्यूंकि यह पर्व बिना किसी भेद-भाव के सब जाती, धर्म, भाषा, रंग, मजहब से ऊपर उठकर मिलजुल कर मानते हैं और इसे इतने धूम-धाम से मानाने का हक़ हम भारतवासियों को 75 वर्ष पहले हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने प्रदान किया है, इसलिए “यह दिन है उनको याद करने का, यह दिन है उनसे प्रेरणा लेने का, यह दिन है अपने देश के प्रति समर्पित होने का, यह दिन है उन शहीद वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनको धन्यवाद करने का”।

भारत में गरीबी। (Poverty in India.)

poverty in society

दोस्तों आज मैं आप सब के साथ चर्चा करूँगा हमारे समाज के सबसे बड़े वर्ग “गरीबी (Poverty)” के बारे में, “भारत में गरीबी (Poverty in India)” तिस करोड़ से भी ज्यादा है और जिसे समाज के द्वारा भी नज़रअंदाज़ किया जाता है। दोस्तों ‘गरीबी’ एक ऐसा दर्द है जो दुखता तो है लेकिन उससे कभी आह नहीं निकलती, ‘गरीबी’ एक ऐसी मासूमियत है जहाँ एक मासूम से मन के पीछे अनगिनत चाह हैं, ‘गरीबी’ हमारे समाज के द्वारा उत्पन्न किया गया वह एहसाँस है जहाँ एक गरीब इस समाज को देखने के बाद सोचता है की वह अपने माँ के कोख में ही अच्छा था।

जलवायु परिवर्तन: मानवजनित गतिविधियों के परिणाम। (Climate Change :Results of Anthropogenic Activities.)

climate change in environment

आज मैं आप सब से हमारे समाज,  दुनिया में बढ़ते “जलवायु परिवर्तन (Climate Change)” पर बातें करने जा रहां हूँ जो की आज पूरी दुनिया का एक सबसे अहम् मुद्दा बना हुआ है, वैश्विक लीडर्स के द्वारा अपने देशों में इस मुद्दे पे नीतियां भी बनाई जा रहीं हैं, सभी वैश्विक मंच पर ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले जलवायु परिवर्तन को रोकने की भी बात की जा रही है, पुरे विश्व में अनेको विश्व संगठन, सामाजिक संस्थाओं, गैर सरकारी संस्था इन सभी के द्वारा अपने-अपने स्तर पर काम किया जा रहा है।

सोशल मीडिया: 21वीं सदी में क्रांति।(Social Media :The Revolution in 21st Century.)

Social Media Thumbnail

‘सामाजिक मीडिया’ (social media) आज के इंटरनेट का एक अभिन्न अंग है जो दुनिया में एक अरब से अधिक लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है। यह एक ऐसा ऑनलाइन मंच है जहाँ सामाजिक मीडिया उपयोग करने वाले लोग अपनी पहुँच और पहचान को समाज में विस्तार करतें हैं और उनके द्वारा बनाये गए अपने प्रोफाइल (निजी सूचनाएं प्रदान करना) को सामाजिक मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सप्प, इंस्टाग्राम) पर प्रसारित करतें हैं, जिससे वह समाज के लोगों के साथ और विस्तार से जुड़ सकें और उनसे बात कर सकें।