भारतीय सेना जो की हमारे देश की रक्षा के लिए सदैव अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार रहता है, जिसका मकसद अपने शौर्य, पराक्रम की शक्ति का उपयोग करके अपने देश को बाहरी और आतंरिक दुश्मनों के आक्रमणों से बचाना और देश में शांति सुरक्षा स्थापित करना है साथ ही भारतीय सेना अपनी बहादुरी का परिचय देश में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की मदद करके भी देती है। इतना ही नहीं भारतीय सेना कठिन समय के दौरान अन्य देशों के प्रति भी राहत सामग्री और प्राथमिक चिकित्सा किट भेजकर अपनी मित्रता और मददगार का भाव दिखाती है। इसलिए, भारत प्रति वर्ष भारतीय सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए 15 जनवरी को “भारतीय सेना दिवस (Indian Army Day)” के रूप में मनाता है।
भारतीय सेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी सेना है, जिसका आदर्श वाक्य है ‘स्वयं से पहले सेवा’ और जो अपने बहादुरी और अनुशासन से विश्व प्रख्यात है।

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भारतीय सेना दिवस 2024 का थीम।
भारतीय सेना प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करती है, जहाँ इस बार 2024 में “राष्ट्र की सेवा में (In Service of the Nation)” विषय रखा गया है, जो की भारतीय सेना के आदर्श वाक्यों और उनके मूल सिद्धांतों से मेल खाता है।
भारतीय सेना दिवस का उदेश्य।
Bhartiya Sena Diwas का मुख्य उदेश्य उन भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करना, जिन्होंने देश की एकता, शांति, भाईचारे और अखंडता को कायम रखते हुए देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। ऐसे वीर सपूतों को हमारा भारत सत सत नमन-वंदन करता है।
भारतीय सेना दिवस का महत्व।
- Bhartiya Sena Diwas देश के लोगों को अपने वीर सपूतों के बारे में बताती है, जिन्होंने को देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने में अपना बलिदान दिया है।
- Bhartiya Sena Diwas में सभी सेना छावनियों में परेड का आयोजन किया जाता है विभिन्न प्रकार की सैन्य प्रदर्शनी दिखाई जाती है और ख़ास तौर पर दिल्ली छावनी के करियप्पा मैदान में परेड का आयोजन किया जाता है, जिसमे सेना प्रमुख बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते हैं।
- यह दिवस भारतीय सेनाओं की क्षमता और तकनिकी प्रगति को भी दर्शाता है साथ ही यह सुनिश्चित भी करता है की भारतीय सेना अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता से तैयार है।
- इस दिन बहुत से सैन्य जवानों को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित भी किया जाता है और उन्हें और बेहतर करने की प्रेरणा दी जाती है।
- Bhartiya Sena Diwas अपने देश के युवाओं को देश की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है और उन्हें भी भारतीय सेना में अपनी सेवा प्रदान करने के लिए उत्सुकता जगाता है।
भारतीय सेना दिवस का इतिहास।
भारतीय सेना की जड़ें ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना से जुडी हुई हैं, जिसे स्वतंत्रता से पहले ब्रिटिश भारतीय सेना के नाम से जाना जाता था फिर स्वतंत्रता के बाद इसे राष्ट्रीय सेना के नाम से जाना जाने लगा लेकिन इस सेना की कमान अभी भी ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसीसी बुचर के हाथों में थी। भारतीय सेना का पूर्ण नियंत्रण देश के पहले भारतीय ‘फील्ड मार्शल के एम् करियप्पा’ के हाथों में सौपी गयी, जो 15 जनवरी, 1949 को स्वतंत्र भारत के पहले सेना प्रमुख बने, इसलिए, यह दिन भारतीय सेना के लिए प्रमुख है, जिसे प्रति वर्ष Bhartiya Sena Diwas के रूप में मनाया जाने लगा।