भारतीय संविधान दिवस। (Indian Constitution Day in Hindi.)

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संविधान, जिसके आधार पर एक लोकतांत्रिक देश आगे बढ़ता है और अपने तय किये गए गंतव्यों को हासिल करता है। संविधान केवल एक लिखी गयी पुस्तक मात्र नहीं होती है बल्कि यह एक लोकतांत्रिक देश की आत्मा होती है कुछ इसी प्रकार भारत ने भी अपने संविधान को सभी धार्मिक ग्रंथों से ऊपर मान्यता प्रदान की है। भारतीय संविधान को भारत ने 26 नवंबर, 1949 को भारतियों को समर्पित किया था, हालाँकि पूरा संविधान 26 जनवरी, 1950 को देश हित में लागू कर दिया गया था। इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए प्रति वर्ष भारत 26 नवंबर को “भारतीय संविधान दिवस (Indian Constitution Day)” के रूप में मनाता है।

bhartiya samvidhaan diwas
Bhartiya Samvidhaan Diwas

Bhartiya Samvidhaan Diwas का मुख्य उद्देश्य देश के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देना और संविधान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना साथ ही बाबासाहब अंबेडकर की देश के लिए इस निस्वार्थ योगदान को स्मरण करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। भारत के संविधान को रचने में भीमराव अंबेडकर जी की अहम् भूमिका को यह दिवस दर्शाती है, जो की संविधान सभा के अध्यक्ष भी थें और साथ ही संविधान सभा से जुड़े हर सदस्य को यह दिन समर्पित है।

भारतीय संविधान दिवस का महत्व।

  • हमारा भारत विविधता से भरा देश है, जहाँ विभिन्न प्रकार के भाषाओं, धर्मों, जातियों, वेश-भुसा वाले लोग रहतें हैं और कई ऐसे विभिन्न प्रकार के विचारधाराओं के बावजूद भी हमारा देश पहले संविधान की महत्ता को ऊपर रखता है और जब बात हो देश की तो सभी लोग संविधान के अनुरूप एक हो जातें हैं।
  • इस दिन हमारे देश के सभी संविधान निर्माणकर्ताओं के देश के प्रति विचारधाराओं को लोगों में, देश के नेताओं एवं अधिकारियों में प्रसारित किया जाता है, जिससे देश की प्रगति और शांति में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो। 
  • Bhartiya Samvidhaan Diwas देश में लोगों को उनके अधिकारों एवं देश के प्रति उनके कर्तव्यों का स्मरण करवाती है।
  • इस दिन सभी सरकारी दफ्तरों और विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे; भाषण प्रतियोगिता, लेखन प्रतियोगिता, सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है।

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भारतीय संविधान दिवस का इतिहास।

भारतीय संविधान के रचना का विचार सबसे पहले एम् एन रॉय जी के द्वारा दिया गया था, सन 1946 में भारत आज़ाद होने के बाद एक संविधान सभा का गठन किया गया जिसके अध्यक्ष बाबासाहब भीमराव अंबेडकर जी को बनाया गया था। 26 नवंबर, 1949 को संविधान बनकर तैयार हो गया और इसके कुछ अनुच्छेदों को अपनाया गया जबकि 26 जनवरी, 1950 को संविधान पूरी देश में लागू कर दिया गया था।

2015 तक 26 नवंबर को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन 19 नवंबर, 2015 से बाबासाहब अंबेडकर की 125वीं जयंती पर भारत सरकार ने 26 नवंबर को “संविधान दिवस” के रूप में घोसित कर दिया और तब से यह दिन Bhartiya Samvidhaan Diwas के रूप में मनाया जाता है।

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