भारत में पर्यटन का महत्व। (Importance of Tourism in India in Hindi.)

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राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीअकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों, हमारा देश भारत सदियों से संस्कृतियों, परम्पराओं, कला, त्यौहारों, रंगों और आस्थाओं का एक ऐसा अद्भुद संगम है, जो की पुरे विश्व में और कहीं नहीं है, जिसे भारत ने बहुत सिद्दत से संभाल कर अपने ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल करके रखा है, जहाँ हम भारत की उन मूर्त और अमूर्त सम्पतियों को देख सकतें हैं, जिससे भारत पुरे विश्व में विख्यात है। इसी विख्यातता के कारण “भारत में पर्यटन का महत्व (Bharat mein Paryatan ka Mahatva)” एक अहम् भूमिका निभाती है, जिसके बारे में आज हम चर्चा करेंगे।

Bharat mein Paryatan प्रणाली पुरे विश्व में सबसे अलग मानी जाती है क्यूंकि अतीत में भारत पर विभिन्न सभ्यताओं का वास था, अनेको शासकों द्वारा यहाँ अपना शासन किया गया और जहाँ विश्व के बड़े-बड़े शासक भारत को विजय करना चाहतें थें, भारत को अपना राज्य बनाना चाहतें थें क्यूंकि हमारा भारत सोने की चिड़ियाँ कहलाता था। इसलिए अतीत की सारे कारनामों की छवि आज भी भारत में जीवित है, जिसे पर्यटक दूर-दूर से देखने आतें हैं और साथ ही प्रकृति की सभी ऋतुएँ पुरे विश्व में केवल अपनी छठा भारत में बिखेरतीं हैं, जिसकी खूबसूरती का व्याख्यान मैं अपने शब्दों से नहीं कर सकता।

bharat mein paryatan
Bharat mein Paryatan

भारत में पर्यटन का महत्व।

Bharat mein Paryatan का विस्तार हम आज के समय में बड़े स्तर पर देख सकतें हैं, पर्यटन भारत की अर्थव्यवस्था में अपनी बहुत बड़ी भूमिका निभाता है, जिसके कारण पर्यटन भारत में एक बड़ा उद्योग बनकर खड़ा है। भारतीय पर्यटन अर्थव्यवस्था के राजस्व में वृद्धि करता है, देश की बुनियादी ढांचों को विकसित करता है, हज़ारों नौकरियों के अवसर प्रदान करता है, विदेशियों और नागरिकों के बिच संस्कृतियों एवं भाषाओं का आदान-प्रदान करता है और भारत की नई पीढ़ियों को अपने इतिहास के बारे में बतलाता है।

भारत पुरे विश्व में ऐसा छठा देश बन चूका है, जो की यूनेस्को की 40 विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हो चूका है और पर्यटन को बढ़ावा देने में यूनेस्को द्वारा निर्धारित विश्व धरोहर भारत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्यूंकि विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र यह विश्व धरोहर ही होतें हैं। भारत में कुल 40 विश्व धरोहरों में जिसे यूनेस्को द्वारा निर्धारित किया जाता है, उसमे 32 सांस्कृतिक विरासत स्थल, 7 प्राकृतिक विरासत स्थल और 1 मिश्रित विरासत स्थल है।

पर्यटन किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि कई गुना बढ़ाने की क्षमता रखता है और यहाँ तक की कितने ऐसे देश हैं जिनका मुख्य आय का कारण ही पर्यटन उद्योग है। भारतीय पर्यटन उद्योग ने 2020 में देश के सकल घरेलु उत्पाद में 121.9 बिलियन डॉलर का योगदान दिया था और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की वर्ष 2028 तक पर्यटन उद्योग भारत के सकल घरेलु उत्पाद में 512 बिलियन डॉलर का योगदान देगा। भारतीय अर्थव्यवस्था को पर्यटन के क्षेत्र से बड़ी मात्रा में विभिन्न प्रकार से लाभ देखने को मिलता है, जैसे:- 

  • पर्यटन के क्षेत्र में विकास होने से देश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखने को मिलती है जिसके कारण सरकार के राजस्व और विदेशी मुद्रा भण्डार में वृद्धि होती है क्यूंकि भारत में सालाना 10 मिलियन से भी अधिक पर्यटक हमारे देश में विदेशों से आतें हैं, जिनके आने से वह अपने पैसों को हमारे देश में खर्च करतें हैं, जिसके कारण अप्रत्यक्ष रूप से भारत का विदेशी मुद्रा भण्डार में भी बढ़ोतरी होती है।
  • नौकरी के अवसर उत्पन्न होतें हैं और सेवा प्रदान करने वाले क्षेत्रों में भी तेजी देखने को मिलती है क्यूंकि पर्यटकों को गाइड की आवश्यकता होती है, रोजगार के बहुत से अवसर सामने निकल कर आतें हैं और सेवा क्षेत्र में होटल वालों, ट्रांसपोर्ट वालों और एयरलाइन्स की मांग बढ़ जाती है।
  • पर्यटक अपने साथ अपनी देश की संस्कृति साथ लेकर आतें हैं, इसलिए हमे भी उनकी संस्कृतियों को समझना पड़ता है, जिसके कारण विदेशी संस्कृतियों का आदान-प्रदान होता है और साथ-ही-साथ वह भी हमारे देश में उत्साह के साथ हमारी भी संस्कृतियों को अपनाकर जातें हैं।
  • जब हमारे देश की धरोहरों, इमारतों, संस्कृतियों, कलाओं को वैश्विक स्तर पर महत्ता दी जाने लगती है तो सरकार को भी उन राष्ट्रिय धरोहरों, प्रकृति और पर्यावरण का विशेष स्तर पर संरक्षण करना पड़ता है, जिससे उसकी वैश्विक प्रसिद्धि कम ना हो जाए।
  • बुनयादी ढांचों का बड़े स्तर पर विकास किया जाता है, पर्यटन स्थलों को सरकार के द्वारा बढ़ावा दिया जाता है, उन स्थलों को आकर्षित बनाया जाता है और साथ ही यह सुनिश्चित किया जाता है कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े एवं अनेक पर्यटन स्थलों पर बहुउपयोगी अवसंरचना विकसित की जाती है, जिससे पर्यटन स्थलों को यात्री के सुगम बनाया जा सके।
  • पर्यटन विश्व स्तर पर सॉफ्ट पावर की भावना विकसित करता है क्यूंकि सॉफ्ट पावर के रूप में पर्यटन, सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देने में मदद करता है, आपस में लोगों का तालमेल बढ़ता है और इस तरह भारत और अन्य देशों के बीच सम्बन्ध और सहयोग और मजबूत हो जातें हैं।
  • कई ऑनलाइन रचनाकारों के लिए पर्यटन आय का स्रोत बन जाता क्यूंकि कई ऑनलाइन मीडिया के स्त्रोत (यु ट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम) का उपयोग रचनाकारों के द्वारा ‘पर्यटक व्लॉगस’ (घुमन्तु) बनाकर किया जाता है, जिससे उनकी आमदनी भी होती है और दूसरे पर्यटकों को इससे मदद भी मिलती है।

भारत पर्यटन के मामले में ‘वैश्विक यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक’ के अनुसार, 2021 में कुल 117 देशों में से भारत का 54वां स्थान है, जो 2019 से नीचे है, जहां भारत का 46वां स्थान था और गिरावट के पीछे का कारण कोविद -19 महामारी का प्रभाव था, लेकिन दक्षिण एशिया में भारत अभी भी शीर्ष पर है। वैश्विक स्तर पर पर्यटन के महत्व और हमारे समाज पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल ’27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा में उल्लिखित वैश्विक चुनौतियों के बारे में जागरूकता फैलाने और पर्यटन उद्योग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों को रेखांकित करने के लिए भी मनाया जाता है।

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भारत में पर्यटन के विभिन्न प्रकार।

पर्यटन का तात्पर्य केवल घूमने से नहीं होता है बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में ऐसे बहुत से कारण भी होतें हैं जिसके लिए किसी व्यक्ति को एक पर्यटक बनकर घूमना पड़ता है, जैसे:-

  • बेहतर स्वास्थ्य जांच के लिए पर्यटन-> ऐसे लोग, जो की अपने बेहतर स्वास्थ्य के जांच के लिए एक स्थान से दूसरी स्थान पर यात्रा करतें हैं। भारत में भी दक्षिण एशिया और भी कई देशों से लोग अपने लिए अच्छी स्वास्थ्य सेवा पाने के उदेश्य से आतें हैं। 
  • अध्ययन के उद्देश्य के लिए पर्यटन-> ऐतिहासिक समय में भारत से कई ऐसे दिग्गज अपनी अध्यन पूरी करने के लिए यहाँ आया करते थें और यह चलन आज भी कायम है क्यूंकि कई ऐसे छात्र अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत आतें हैं और कई ऐसे छात्र भारत से दूसरे देशों में भी जातें हैं, जिसे पर्यटन के क्षेत्र में शामिल किया जाता है। 
  • व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पर्यटन-> कई ऐसे लोग हैं, जो की अच्छी तनख्वाह, अच्छी नौकरी, अच्छा जीवन स्तर और व्यवसाय में अच्छी लाभ प्राप्त करने के लिए एक स्थान से दूसरी स्थान पर यात्रा करतें हैं। 

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भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजना।

भारत अपने पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ऐसी बहुत सी गतिविधियों और कार्यक्रमों पर काम कर रहा है जिससे पर्यटकों को सहूलियत मिल सके। पर्यटन उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके कारण सरकार भारत में पर्यटन व्यवस्था प्रणाली को प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए विभिन्न प्रकार के योजनाएँ लेकर आ रही है, जैसे:-

  • स्वदेश दर्शन स्कीम-> यह स्कीम भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पर्यटन क्षेत्र में राज्य सरकारों को वित्तीय सहयोग प्रदान करने के लिए शुरु की गयी है, जिससे राज्य सरकार अपने राज्य में केंद्र के द्वारा चिन्हित की गयी 13 थीम आधारित सर्किटों का बुनियादी ढांचे का विकास कर सके।
    • 13 सर्किट्स हैं: भारत का नार्थ-ईस्ट सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, हिमालयन सर्किट, तटीय सर्किट, कृष्णा सर्किट, डेजर्ट सर्किट, ट्राइबल सर्किट, इको सर्किट, वाइल्डलाइफ सर्किट, रूरल सर्किट, स्पिरिचुअल सर्किट, रामायण सर्किट, हेरिटेज सर्किट।
  • तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन (प्रसाद) स्कीम-> यह योजना भी भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा शुरू की गयी है, जिसका उद्देश्य संपूर्ण धार्मिक पर्यटन में अनुभव प्रदान करने के लिए तीर्थ स्थलों के एकीकृत विकास को प्राथमिकता, नियोजित और टिकाऊ तरीके से विकास करना है।
  • ‘देखो अपना देश’-> यह कार्यक्रम भारत सरकार के द्वारा 2019 में ‘पर्यटन पर्व’ के अन्तर्निहित लांच की गयी थी, जिसका मुख्य उदेश्य पर्यटन के लाभ पर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्हें विभिन्न पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करना, इसका उदेश्य ‘सभी के लिए पर्यटन’ को फैलाना था।
  • अतुल्य भारत वेबसाइट-> यह वेबसाइट का मुख्य उदेश्य भारत के पर्यटन को बढ़ावा देना और साथ ही पर्यटकों को देश के विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान करना, जिससे उनकी रूचि भारत के पर्यटन क्षेत्र में बढे।
  • भारत के द्वारा पर्यटकों को इ-वीजा लांच करना-> गृह मंत्रालय के द्वारा विदेशी पर्यटकों की यात्रा को भारत में आसान बनाने के लिए ‘इ-वीजा’ का अनावरण किया गया, जहाँ पर्यटक को भारत में किसी भी प्रकार के पर्यटन में कोई दिक्कत नहीं आएगी और ऐसा करने से Bharat mein Paryatan क्षेत्र को बड़ी मात्रा में बढ़ावा मिलेगा।    

विभिन्न अभिनेताओं और प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा केंद्र और राज्य सरकारें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विज्ञापन का सहारा लेतें हैं, जिसका प्रभाव पर्यटन क्षेत्र में बखूबी देखा जा सकता है।

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भारत में पर्यटन के क्षेत्र में सरकार के सामने चुनौतियां।

Bharat mein Paryatan को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी बहुत अच्छा काम कर रहीं हैं लेकिन कुछ ऐसी चुनौतियां हैं जिसपर सरकारों को ध्यान देना होगा, जिसपर काम करके सरकार भारत में पर्यटकों की संख्या को और बढ़ा सकती हैं और साथ ही वैश्विक यात्रा और पर्यटन सूचकांक में अपनी स्थान को बेहतर कर सकती है, जैसे:-

  • सरकार को पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए क्यूंकि आज भी भारत में कई जगह विदेशी पर्यटकों के साथ बदसलूकी की जाती है, विदेशी लड़कियों के साथ छेड़खानी के मामले सामने आतें हैं, उनकी सामान चोरी कर ली जाती है, इन सबसे भी भारत की छवि दूसरे देशों में ख़राब होती है। 
  • बहुत से पर्यटकों को भारत में वस्तुएँ खरीदने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्यूंकि भारत में र्अंतरराष्ट्रीय कार्ड की स्वीकृति नहीं है, जिसके कारण विदेशी पर्यटक मुक्त रूप से खर्च नहीं कर पातें हैं क्यूंकि भारतीय बाजार उनके लिए सुगम नहीं है।
  • भारत सरकार पर्यटकों के साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए भारतीय निवासियों को प्रेरित करें, जागरूकता फैलाए की हमारे देश में बाहर से आया हुआ कोई भी पर्यटक हमारे लिए अतिथि समान है। 
  • सरकार को पर्यटकों के लिए अनुकूल बुनियादी ढांचे का विकास करना चाहिए क्यूंकि भारत में पर्यटकों को अभी भी कई बुनियादी सुविधाओं से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे अपर्याप्त सड़कें, पानी, सीवर, होटल और दूरसंचार साथ ही पर्यटन स्थलों पर पेयजल, सुव्यवस्थित शौचालय, प्राथमिक उपचार, कैफेटेरिया आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव।
  • सरकार अपने देश में अन्य प्रकार के पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा देना चाहिए जैसे; चिकित्सा पर्यटन, साहसिक पर्यटन, अध्यन पर्यटन और व्यवसाय पर्यटन।

निष्कर्ष।

भारत और भारतीय हमेशा से ‘अतिथि देवो भवः’ के इस सुन्दर से संस्कृति को मानते आएं हैं, जिसके कारण हमारे भारतीय संस्कृति की अतिथि सत्कार विष्वविख्यात है और भारत में आया हुआ हर पर्यटक देश के लिए अतिथि समान ही है इसलिए दुनिया का हर नागरिक एक बार भारत में पर्यटक बनकर जरूर आना चाहता है, भारतीय संस्कृति की पर्यटन स्थल पर्यटकों को एक अलग ही एहसाँस का अनुभव करवाती है।

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