भारत में मॉब लिंचिंग। (Mob Lynching in India.)

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राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीअकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों, हमारे देश में जब भी किसी व्यक्ति के द्वारा समाज के प्रति या देश के प्रति किसी भी प्रकार का गलत काम अथवा कोई भी अपराध किया जाता है, तो उस वक़्त आम जनता का आक्रोश उस अपराधी के प्रति बाहर निकल कर आती है, जिसके कारण “भारत में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching in India) की समस्या बढ़ते जा रही है।

हमारे देश में कानून है, न्यायालय है, कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए और समाज की गन्दगी को साफ़ करने के लिए पुलिस है लेकिन फिर भी Mob Lynching के मामले अक्सर देखने को मिल जातें हैं।

हालाँकि, भीड़ के द्वारा किसी व्यक्ति की हत्या कर देना यह एक लोकतान्त्रिक देश के लिए बिलकुल भी न्यायसंगत उदारहण प्रस्तुत नहीं करता है क्यूंकि अक्सर ऐसा पाया गया है समाज के लोगों की इस नकारात्मक व्यवहार का शिकार कोई मासूम और बेगुनाह को भुगतना पड़ता है, जिसकी सच्चाई का पता उस निर्दोष को सजा मिलने के बाद पता चलती है।

bharat mein mob Lynching
Bharat mein Mob Lynching.

मॉब लिंचिंग क्या होता है?

जब किसी आरोपित व्यक्ति पर उसके किसी अपराध के लिए या फिर कोई गलत अफवाह के कारण आक्रोशित भीड़ के द्वारा हिंसक भाव से हमला किया जाता है, जिसमे दोषी व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है, उस भीड़ के द्वारा हिंसा को Mob Lynching कहतें हैं।

भीड़ (लोगों का समूह) जिसका कोई चेहरा नहीं होता, इसलिए उसे विशिष्ट रूप से  परिभाषित नहीं किया जा सकता है और परिभाषा स्पष्ट ना होने के कारण भारत में Mob Lynching को हत्या की श्रेणी में शामिल किया जाता है, जिसके कारण गृह मंत्रालय के निकाय राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के पास भी मॉब लिंचिंग से सम्बंधित किसी प्रकार का डेटा अथवा जानकारी उपलब्ध नहीं है।

Mob Lynching भारत की सम्प्रभुता और अखंडता को बनाये रखने के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है और जो भारत के संविधान पर भी अनेकों सवाल खड़े करता है क्यूंकि:-

  • मॉब लिंचिंग मानव की गरिमा को ठेंस पहुँचाता है और जीवन जीने के अधिकार का भी उलंघन करता है, जिसे मौलिक अधिकार के ‘अन्नुछेद-21’ में बताया गया है।
  • मॉब लिंचिंग संविधान के ‘अन्नुछेद-14 एवं अन्नुछेद-15’, जहाँ समानता का अधिकार और जाती, धर्म, लिंग के आधार पर निषेध, सम्बन्धी अधिकार का भी उलंघन करती है।

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भारत में मॉब लिंचिंग के कारण।

Mob Lynching एक घृणित अपराध है, जहाँ एक अपराधी को मारने और दण्डित करने के लिए अनेको अपराधी बनने के लिए तैयार हो जातें हैं और कानून को अपने हाथों में लेकर तुरंत फैसला कर लेते हैं। मॉब लिंचिंग से सम्बंधित अनेकों कारण समाज में प्रबल रूप से हावी हैं:-

  • असहिष्णुता-> आज के युग में लोगों के भीतर असहिष्णुता की भावना कूट-कूट कर देखने को मिलती है, छोटी-छोटी बातों पर लोग हिंसक हो जातें हैं और कानून के विरुद्ध जाने के लिए तैयार हो जातें हैं।
  • गौ हत्या का आरोप-> मॉब लिंचिंग को बढ़ावा देने के प्रति यह कारण बहुत प्रचलित है, जिसने गौ अपहरण के नाम पर कितनो की जान ली।
  • गलत अफवाह-> सोशल मीडिया में गलत अफवाह समाज में दूसरे धर्मों और जातियों के लोगों के प्रति खतरा पैदा करती है, जिससे मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं के होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • बच्चा चोरी का आरोप-> ऐसे आरोप समाज के लोगों में आरोपी के प्रति हिंसक भावना पैदा करने के साथ उन्हें अनियंत्रित बना देता है, जो की आरोपी को मॉब लिंचिंग का शिकार बना देती है।
  • न्याय की प्रक्रिया में विलम्ब होना-> जब किसी अपराधी को उसके अपराध की सजा देने में न्यायालय विलम्ब करता है, जो अक्सर होता है, तो ऐसी परिस्तिथि में आम जनता का गुस्सा बढ़ता जाता है और वह कानून को अपने हाथों में लेने के लिए मजबूर हो जाता है।
  • प्रशासन की अक्षमता-> पुलिस प्रशासन की अक्षमता और उनके अप्रभावी ढंग से कार्यवाही को नियंत्रित करना समाज में लोगों की धैर्य की परीक्षा लेती है और धैर्य खत्म होने के बाद समाज से ऐसी घृणित अपराध सामने निकल कर आती है।
  • सामाजिक कुरीतियां-> आज भी देश में कुछ ऐसी सामाजिक कुरीतियों का वास है जिसके विरुद्ध जाने पर स्वयं समाज के लोग मिल कर उस व्यक्ति की जान ले लेते हैं, जैसे; अंतर्जातीय विवाह, विधवा का पुनर्विवाह, डायन घोसित करना।
  • धार्मिक मतभेद-> मॉब लिंचिंग के मामले अक्सर धर्म से जुड़े होतें हैं, जिसका मुख्य कारण होता है विभिन्न धर्मों के बिच मतभेद उत्पन्न करना।

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भारत में मॉब लिंचिंग का प्रभाव।

Mob Lynching जैसी घटनाओं का बहुत ही नाकारात्मक प्रभाव भारत पर होता है, जिसके अनुकूल हमारा भारत बना ही नहीं है क्यूंकि हमारा भारत विविधता में भी एकता को संदर्भित करता है लेकिन दुर्भाग्य वश हमारे भारत में आज हिंसा के नाम पर मॉब लिंचिंग की जाती है, जिसका परिणाम देश पर विभिन्न प्रकार से होता है:-

  • यह समाज में धार्मिक मतभेद बढ़ाता है, देश की विविधता में एकता के विचार को प्रभावित करता है, जिससे लोगों के बिच भाईचारा और एकजुटता की भावना समाप्त हो जाती है।
  • देश के आम जनता में न्यायालय की न्याय प्रक्रिया के प्रति और पुलिस की जांच के प्रति विश्वास कम होता है और इससे समाज में अस्थिरता बढ़ती है क्यूंकि ऐसी परिस्तिथि में लोग कानून के मापदंडों को स्वयं तय करने लग जातें हैं।
  • यह देश की संविधान का उलंघन करता है और आम लोगों में संविधान की प्रतिष्ठा को भी हानि पहुँचाता है।
  • इससे हमारे देश की कानून व्यवस्था पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लग जाता है, जिसके कारण वैश्विक स्तर पर भी हमारे देश की आलोचना होती है।
  • ‘वैश्विक शांति सूचकांक, 2022’ के अनुसार आज भी भारत कुल 163 देशों की सूचि में 135वें स्थान पर है, जो की असराहनीय है क्यूंकि पुरे विश्व को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले ‘महात्मा गांधीजी’ हमारे भारत के थे।
  • मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं का फायदा दूसरे देशों की सरकार और अन्य आतंकवादी संगठन उसे और भड़काकर हमारी देश में अस्थिरता पैदा कर देतें हैं, जिससे हमारे देश की सम्प्रभुता और भाईचारे को नष्ट किया जा सके।

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मॉब लिंचिंग को खत्म करने के लिए सुझाव।

हमारे देश में Mob Lynching के मामले हालिया में बहुत अधिक देखने को मिले थें और आज भी आयेदिन मॉब लिंचिंग के मामले देखने को मिल जातें हैं, जिसके कारण हमारे भारत की वैश्विक स्तर पर बदनामी भी होती है साथ-ही-साथ देश में अमन-चैन, शांति, भाईचारे और स्थिरता को कायम रखने के लिए भी देश में इस घृणित अपराध का अंत होना आवश्यक है, जिसके लिए विधायी, न्यायपालिका, कार्यपालिका और प्रशासन को इस मामले पर विचार करके सुधार करने की जरुरत है और साथ-ही-साथ मॉब लिंचिंग जैसी संभावित घटनाओं पर तेजी से निर्णय सुनाने की आवश्यकता है।

मॉब लिंचिंग को खत्म करने के लिए आम जनता को भी सरकार के पूरी व्यवस्था प्रणाली का साथ देना होगा और इन सब के साथ आम लोगों को भी कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा, जैसे:-

  • अगर कहीं मॉब लिंचिंग जैसी कोई परिस्तिथि उत्पन्न होती है तो लोगों को इंसानियत दिखाते हुए अपराधी को कानून के हवाले कर देना चाहिए।
  • आम लोगों को हम मॉब लिंचिंग के प्रति जागरूक कर सकतें हैं की ऐसा घिनौना कार्य हमारे सभ्य समाज को शोभा नहीं देती।
  • अगर किसी व्यक्ति पर भीड़ जबरन  हमला कर रही हो तो आप व्यक्तिगत तौर पर अपना कर्तव्य पूरा करते हुए कानून को सूचित करें और उनसे अपना नाम गुप्त रखने को कहें।
  • संविधान की गरिमा को बनाये रखने के लिए सरकार आम हत्या और मॉब लिंचिंग के हत्या के बिच अंतर को परिभाषित करे और साथ ही भीड़ के द्वारा की गयी हत्या के लिए भी ‘पॉक्सो अधिनियम (POCSO Act)’ जैसा एक सख्त कानून बनाये।
  • भारत को सोशल मीडिया और टेलीविज़न की मदद से जागरूकता फैलानी चाहिए और यह भी प्रसारित करना चाहिए की अगर कोई नागरिक किसी भी मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं में संलिप्त पाया जाता है तो उसे भी अपराधी मान कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

अगर पुरे विश्व में कहीं अहिंसा की निति के बारे में बताया जाता है तो हमारे भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी का नामा अवश्य लिया जाता है, जिन्होंने अहिंसा के बल पर पुरे भारत को आज़ादी दिलवाई थी। इसलिए, अहिंसा की निति को अपना कर चलने वाले ऐसे महापुरुष के देश में हिंसा शोभा नहीं देती है।

दोस्तों, भारत में आप ऐसी घटनाओं के बारे में क्या सोचतें हैं, अपनी रे निचे कमेंट करके अवश्य बताएं।

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