’18वीं G-20 Shikhar Sammelan, 2023′ की मेजबानी और अध्यक्षता भारत करने वाला है, जिसका थीम भारत ने “वसुधैव कुटुंबकम अथवा वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर” रखा है। भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा की “ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी (G-20)” की अध्यक्षता और मेजबानी भारत करेगा साथ ही यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है की इस बदलते युग के वैश्विक समीकरण में जब भारत वैश्विक मंच पर एक नेतृत्वकर्ता और महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। “भारत में G-20 शिखर सम्मलेन, 2023 का महत्व (Importance of ‘G-20 Summit, 2023’ in India)” भारत को विभिन्न प्रकार से लाभान्वित करेगा।
यह भारत का एक ऐसा ऐतिहासिक सम्मलेन होगा जहाँ विश्व के 19 बड़े देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ यूरोपियन संघ के प्रमुख तथा अन्य कई देशों और बड़े संगठनों के प्रमुख एक साथ भारत में उपस्थित रहकर विश्व के कल्याणकारी उपायों पर चर्चा करेंगे, जिससे विश्व का कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।
Table of Contents
G-20 शिखर सम्मलेन क्या है?
‘G-20 Shikhar Sammelan’ अंतराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है, जहाँ सभी महत्वपूर्ण अंतराष्ट्रीय मुद्दों एवं आर्थिक समस्याओं के समाधान पर चर्चा की जाती है साथ ही वैश्विक संरचना और सुशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। G-20 शिखर सम्मलेन में अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी प्रकाश डाला जाता है, जैसे; स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, भ्रस्टाचार, आतंकवाद यह सब भी शामिल किये गएँ हैं।
G-20 में कितने सदस्य हैं?
“ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी (G-20)” 19 बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) का एक समूह है साथ ही यूरोपीय संघ भी इस समूह का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत कुल 28 देश शामिल हैं। इन सब देशों के साथ G-20 Shikhar Sammelan में अन्य प्रमुख अंतराष्ट्रीय संगठन भी शामिल होतें हैं, जैसे; अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन, संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, खाद्य और कृषि संगठन, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक आदि, इन सभी की उपस्तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
G-20 Shikhar Sammelan में जिस देश के द्वारा अध्यक्ष्ता की जाती है वह देश हर वर्ष अपने कुछ अतिथि देशों को भी आमंत्रित करता है, जिनके प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति भी इस सम्मलेन में शामिल होतें हैं, जैसे; इस बार G-20 Shikhar Sammelan की अध्यक्षता भारत कर रहा है, तो भारत ने भी अपने मित्र मुल्क देश बांग्लादेश, इजिप्ट, मॉरिशस, नेदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित किया है।
G-20 का उदेश्य क्या है?
- वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं आर्थिक संचलन को सुचारु ढंग से चलाने के लिए अपने सदस्यों के बीच नीति समन्वय स्थिरता और सतत विकास पर केंद्रित करना।
- वित्तीय नियमों को बढ़ावा देना जो जोखिमों को कम करते हैं और भविष्य के वित्तीय संकटों को रोकने में सामर्थ्य हों।
- एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना का निर्माण करना जिसमें मजबूत वित्त क्षमता हो।
- कमजोर देशों अथवा वैश्विक कल्याण के लिए पहल करना।
G-20 की संगठनात्मक रचना।
G-20 का वास्तविक गठन 1999 में किया गया था इस समूह का मौलिक रूप से यह उदेश्य था की विश्व भर में वित्तीय संकट का सामना करने वाले अर्थव्यवस्थाओं को आर्थिक स्थिरता प्रदान करना, जिसके लिए इन देशों के वित् मंत्री एवं केंद्रीय बैंकों के गवर्नर साथ मिलकर अन्य देशों की वित्तीय व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
लेकिन, बाद में इन 20 देशों के समूह ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया की यह समूह विश्व भर में चल रहे सभी गंभीर मुद्दों पर चर्चा करेगी क्यूंकि ‘G-20’ पुरे विश्व मात्र ऐसा समूह है, जो:-
- विश्व के दो-तिहाई जनसंख्या से मिलकर बनता है।
- वैश्विक सकल घरेलु उत्पाद का 85% वहन करता है।
- वैश्विक निवेश का 80% हिस्सा इनसे निकल कर आता है।
- वैश्विक व्यापार का 75% हिस्सा शामिल है।
इसलिए, यह समूह का विश्व में घठित हो रहे सभी अहम् मुद्दों एवं समस्याओं पर विचार करना महत्वपूर्ण बन जाता है।
G-20 में ‘त्रायोका’ क्या है?
G-20 समूह बिना किसी स्थायी मुख्यालय और कर्मचारियों के काम करती है, इसका मुख्यालय उसी देश में बन जाता है जिस देश के पास इसकी अध्यक्षता होती है और इसकी अध्यक्षता चक्रीय रूप से प्रति वर्ष इसके सदस्यों के बिच घूमती रहती है, जो की ‘त्रायोका समूह’ के अंतर्गत आने वाले देशों को प्रदान की जाती है।
‘त्रायोका समूह’ G-20 के अंतर्गत उन्ही 20 देशों में तीन देशों का समूह होता है, जो देश अतीत, वर्त्तमान और भविष्य की अध्यक्षता पद ग्रहण करता है, वह त्रायोका का गठन करता है, जैसे; 2023 में त्रायोका समूह का हिस्सा ‘इंडोनेशिया, भारत और ब्राज़ील’ है और जो देश इस समूह का वर्त्तमान सदस्य होता है वही देश G-20 Shikhar Sammelan की अध्यक्षता और मेजबानी करता है।
इसलिए, 2023 में G-20 Shikhar Sammelan की अध्यक्षता भारत करेगा, जो की 2022 के दिसंबर में भारत ने इंडोनेशिया से प्राप्त की और 2023 के दिसंबर में भारत G-20 की अध्यक्षता ब्राज़ील को सौंप देगा और इस प्रकार 2024 में त्रायोका समूह का हिस्सा ‘इंडिया, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका’ बनजायेगा।
भारत के लिए G-20 शिखर सम्मलेन क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत के लिए G-20 Shikhar Sammelan की मेजबानी करना वैश्विक स्तर पर भारत को विभिन्न प्रकार से प्रमुखता प्रदान करेगा और भारत की भूमिका अंतराष्ट्रीय स्तर पर और भी मजबूत बनाएगा।
- भारत में G-20 Shikhar Sammelan विश्व स्तर पर भारतीय समाज के सांस्कृतिक महत्व को फैलाएगा, जो दुनिया के लिए भारत की सॉफ्ट पावर को और विकसित करेगा।
- भारत में G-20 Shikhar Sammelan भारत को एक वैश्विक मंच प्रदान करता है जिसके आधार पर भारत अपने वैश्विक हित को सभी महत्वपूर्ण नेताओं के बीच रखता है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- भारत में G-20 Shikhar Sammelan आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा करने और आतंकवादी गतिविधियों के जन्मदाता देशों पर अधिक जोर देने का सुनहरा मौका देता है।
- भारत में G-20 Shikhar Sammelan भारत और भारतीयों के महत्व को और बढ़ाएगा क्योंकि दुनिया के सभी महत्वपूर्ण नेताओं की उपस्थिति भारत की शक्ति और समृद्धि को जानने के साथ-साथ देख भी पाएगी।
- भारत में G-20 Shikhar Sammelan भारत को इस युग को एशियाई सदी का युग साबित करने का मौका देता है और भारत को इस एशियाई सदी का नेता साबित करने का मौका भी देता है।
निष्कर्ष।
G-20 Shikhar Sammelan भारत को एक नई पहचान देगा और उसके नेतृत्वकर्ता की शैली को वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रभावशाली बनाएगा साथ ही भारत अपनी आज़ादी का 75वां वर्षगांठ भी मना रहा है, जिसके कारण भारत के इन सुनहरे पलों को भविष्य में याद किया जायेगा।