अंतरिक्ष मलबा : मानव जीवन के लिए खतरा। (Space Debris : Threat to Human Life in Hindi.)

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अंतरिक्ष मलबा : मानव जीवन के लिए खतरा (Antariksh Malba : Maanav Jivan ke liye Khatra.)” बन सकता है क्यूंकि प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष क्षेत्र के रुझानों में तेजी से वृद्धि के कारण पूरी दुनिया एक अविश्वसनीय युग में प्रवेश करेगी, जहां प्रौद्योगिकी और बाहरी अंतरिक्ष के आधार पर कुछ भी संभव होगा लेकिन यह हर वैज्ञानिक और शोधकर्ता के सामने एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह भी खड़ा करता है कि प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास के पीछे एकमात्र कारण बाहरी अंतरिक्ष में बड़ी संख्या में उपग्रहों का समर्थन है, जब किसी विशेष उपग्रह का जीवन काल समाप्त हो जाता है, तो वह बड़े पैमाने पर अंतरिक्ष में मलबे का निर्माण करता है, जो पुरे विश्व में चिंता और चर्चा का विषय बना हुआ है कि उन्हें कैसे खत्म किया जाए।

antariksh malba
Antariksh Malba se Khatra

अंतरिक्ष मलबा क्या होता है?

जब पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किये गए उपग्रह और रॉकेट्स का कार्य काल समाप्त हो जाता है और वह काम करना बंद कर देता है, जिसके कारण अंतरिक्ष में वह उपग्रह पृथ्वी के ग्रुत्वाकर्षण बल की मदद से बेकार घुमतें रहतें हैं और उन बेकार उपग्रहों की गति इतनी तेज होती है (27000 की.मि प्रति घण्टे) की वह और छोटे-छोटे टुकड़ों में नष्ट होकर दूसरे उपग्रह से टकराते रहतें हैं तथा अंतरिक्ष में मलबा पैदा करतें हैं।

Antariksh Malba भविष्य में मानवता के लिए बड़ा संकट पैदा कर सकता है क्यूंकि मानव प्रौधौगिकी में और तरक्की प्राप्त करने के लिए आयेदिन अनेकों उपग्रह अंतरिक्ष में भेज रहा है, जिसके पीछे बहुत से अंतरिक्ष संगठन (नासा, इसरो, रोसकॉस्मोस, सी एन एस ए,), निजी क्षेत्र संगठन (स्पेसएक्स, अमेज़न) शामिल हैं, जैसे: एलेन मस्क की कम्पनी स्पेस एक्स के द्वारा ‘स्टार लिंक प्रोजेक्ट’ के तहत अभी 3000 से भी अधिक उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में भेज दिए गएँ हैं और आने वाले समय में कुल 12000 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है, जिसे भविष्य में 42000 उपग्रहों तक बढ़ाया जा सकता है।

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अंतरिक्ष मलबे से सम्बंधित कुछ मुख्य बिंदु।

  • यूरोपियन स्पेस एजेंसी और नासा के द्वारा यह बताया गया है की अंतरिक्ष में मलबे के सैकड़ों हजारों उससे भी अधिक टुकड़े हैं जिन्हे ट्रैक नहीं किया जा सकता है और  किया भी जा सकता है तो उन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
  • यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) के अनुसार, 1950 के दशक के उत्तरार्ध से अंतरिक्ष में 5,000 से अधिक प्रक्षेपण हुए हैं, जिसमें लगभग 9,000 उपग्रह हैं और इनमे से लगभग 2000 उपग्रह तत्काल पृथ्वी के चक्कर लगा रहें हैं और बाकी के उपग्रह जिनका कार्यकाल समाप्त हो चूका है उनके अवशेष एक दूसरे से टकराकर छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित हो जातें हैं।
  • नासा के मुताबिक प्रतिदिन पृथ्वी पर अंतरिक्ष से मलबा गिरता है लेकिन वह मलबा या तो समुद्र में गिर जाता है या फिर उसकी गति इतनी अधिक होती है की वह वातावरण में ही जल जाता है और कुछ ऐसे मलबे जो धरती पर गिरतें हैं जिन्हे हम देखतें हैं।
  • संयुक्त राज्य स्पेस सर्विलांस नेटवर्क के अनुसार, अंतरिक्ष में 10 सेंटीमीटर से बड़े 23000, एक सेंटीमीटर से बड़े 500,000 तथा एक मिलीमीटर से बड़े 100,00,000 अंतरिक्ष मलबे बिखरे पड़े हैं।

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क्या अंतरिक्ष मलबा एक समस्या है।

Antariksh Malba एक बहुत ही गंभीर समस्या है, जिसका प्रभाव वाहय अंतरिक्ष के साथ मानव जीवन पर भी विशेष रूप से पड़ेगा क्यूंकि अंतरिक्ष में उपग्रहों और यानों के  कार्यकाल खत्म होने के बाद भी वह पृथ्वी की कक्षा में लगातार चक्कर लगातें रहतें हैं और भविष्य में जिस प्रकार से उपग्रहों की संख्या में वृद्धि होने वाली है इससे इसका नकारात्मक प्रभाव अपरिहार्य है, जो की विभिन्न प्रकार से हमे देखने को मिल सकता है, जैसे:- 

  • अंतरिक्ष में उपग्रहों और यानों के बचे अवशेष लगभग 27000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से पृथ्वी का चक्कर लगातें हैं, जो की एक दूसरे से टकराकर और छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित होतें चले जातें हैं, जिससे कार्य कर रहे उपग्रह को नुक्सान पहुँच सकता है और नष्ट होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
  • अंतरिक्ष में बिखरा मलबा बिना पूरी तरह से नष्ट हुए अगर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाता है, तो यह बुरी तरह से धरती पर आकस्मिक विनाश कर सकतें हैं और अगर इन्हे अंतरिक्ष में नष्ट नहीं किया गया तो इनकी बढ़ती संख्या के कारण आयेदिन पृथ्वी पर यह विनाश लेकर आएगें, जो की पृथ्वी पर जीवन को बुरी तरह से नुक्सान पहुचायेगी।
    • उदारहण के लिए, अभी हाल ही में महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में अंतरिक्ष से मलबा गिरा जो की चीन के राकेट का था, ठीक ऐसे ही गुजरात के एक क्षेत्र में भी अंतरिक्ष से मलबा गिरा वह भी चीन का था, इंडोनेशिया और मलेशिया में भी ऐसी घटनायें देखि गयीं और भी ऐसा कई बार अतीत में हुआ है जब अंतरिक्ष का मलबा पृथ्वी पर गिरा है।
  • भविष्य में जब पृथ्वी की कक्षा भारी संख्या में उपग्रहों और प्रक्षेपण वाहनों के मलबे से भर जाएगी, तो यह सूर्य के प्रकाश को हमारी पृथ्वी के वायुमंडल तक पहुँचने में बाधा डालेगी, जो पृथ्वी पर पर्यावरण और मानव-जानवरों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करेगी, इससे पृथ्वी पर जीवन को खतरा हो सकता है।
  • अंतरिक्ष मलबा उपग्रहों के प्रदत्त सेवाओँ और उनके प्रक्षेपण को प्रभावित करता है और उनकी संचार प्रक्रिया व्यवस्था को भी बाधित करता है।

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समाधान और निष्कर्ष।

Antariksh Malba मानवता और पृथ्वी के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है, जिसका समाधान ढूंढ़ना अतिआवश्यक हो गया है और विश्व के अनेकों अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा इसपर कार्य भी किया जा रहा है, जैसे:-

  • भारत के इसरो द्वारा “स्पेस ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग एंड एनालिसिस (नेत्रा)”  प्रक्षेपण किया गया है, जिसका कार्य भारतीय उपग्रहों के लिए मलबे और अन्य खतरों का पता लगाना और उन्हें ट्रैक करके चेतावनी प्रदान करना।
  • 2025 में, यूरोपियन स्पेस एजेंसी द्वारा “क्लीअर स्पेस-1″ अंतरिक्ष मलबे से निपटने के लिए पहला सक्रिय मिशन प्रक्षेपण करेगा।
  • रिमूव डेब्रिस” प्रौधौगिकी अंतरिक्ष से मलबा हटाने का एक प्रमुख सक्रीय तरीका है। जिसका उद्देश्य पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे अंतरिक्ष मलबे के अनुमानित 40,000 टुकड़ों को पकड़ने का है।

इन सभी समाधान के अलावा भी कुछ ऐसे तकनीक है जिसे विश्व के सभी अंतरिक्ष एजेंसीयों द्वारा उपयोग किया जाना चाहिए, जैसे:-

  • नष्ट करने के लिए डिज़ाइन:- किसी भी उपग्रह का डिज़ाइन वैज्ञानिकों को इस प्रकार करना चाहिए की वह उपग्रह अपना पूरा कार्यकाल समाप्त करने के बाद स्वयं को अंतरिक्ष में नष्ट कर सके अथवा जल जाए।
  • डीओरबिटिंग सिस्टम स्थापित करें:- अंतराष्ट्रीय दिशा-निर्देश के तहत किसी भी मिशन को 25 वर्षों के भीतर पृथ्वी पर निचे लाना जिसके लिए वैज्ञानिकों को उपग्रहों के अंदर एक ऐसा डिवाइस या सिस्टम स्थापित करना चाहिए जो उपग्रह को अपना कार्यकाल समाप्त करने से पहले यह आज्ञा दे सके की उसे पृथ्वी पर वापस जाना है।
  • पूर्व चेतावनी प्रणाली को और अधिक सक्रिय बनाना, जिससे अंतरिक्ष से गिर रहे किसी भी प्रकार का मलबा मानव जीवन को नुक्सान ना पंहुचा पाए और नुक्सान पहुंचने से पहले उसे सचेत कर दिया जाए।

तो कुछ इस प्रकार से हम अंतरिक्ष या फिर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर काट रहे मलबे से मानव जीवन और पृथ्वी को बचा सकतें हैं क्यूंकि इलाज से बेहतर है की हम उसका रोकथाम कर लें।

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