शिक्षा वह हथियार है जिसके उपयोग से आप दुनिया जित सकतें हैं, शिक्षा उन्नति की वह चाभी है जिसके जरिये आप अपने बेहतर भविष्य का द्वार खोल सकतें हैं। आज के समाज में अपने जीवन में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए शिक्षा एक बुनियादी आवश्यकता है क्योंकि शिक्षा आपको बहुत सारे विकल्प और अवसर प्रदान करती है और आपको उनमें से किसी एक के लिए प्रयास करना होता है। इसलिए, शांति और विकास के लिए शिक्षा की भूमिका के महत्व के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रति वर्ष 24 जनवरी को “अंतराष्ट्रीय शिक्षा दिवस (International Education Day)” के रूप में मनाता है।
शिक्षित समाज ही व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से एक बेहतर कल की स्थापना करता है, इसलिए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों में भी लक्ष्य-04 (गुणवत्ता की शिक्षा) पर विशेष केंद्रित करता है। भारत भी शिक्षा की पहुंच को जन-जन तक सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा को पूर्ण रूप से मौलिक अधिकार घोसित कर दिया है।

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अंतराष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024 का थीम।
Antarashtriya Shiksha Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करती है, जहाँ इस बार 2024 में “स्थायी शांति के लिए सीखना (Learning for Sustainable Peace)” विषय रखा गया है, जो की इस दिवस के मूल महत्व को प्रेरित करता है।
अंतराष्ट्रीय शिक्षा दिवस का उदेश्य।
Antarashtriya Shiksha Diwas का मुख्य उदेश्य दुनिया में शिक्षा का उपयोग शांति और विकास को बढ़ावा देने और शिक्षा के महत्व के बारे में को लोगों में जागरूकता फैलाना है साथ ही सतत विकास लक्ष्य 04 के समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करता है।
अंतराष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व।
- Antarashtriya Shiksha Diwas के दौरान शैक्षणिक संस्थानों, विद्यालयों और कॉलेजों में विभिन्न प्रकार के भाषण, लेखन, सेमिनार जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
- Antarashtriya Shiksha Diwas शिक्षा की शैली को और बेहतर बनाने की कोशिश करता है साथ ही शिक्षा प्रणालि से सम्बंधित शिक्षक और छात्रों के अनुरूप बदलाव पर प्रकाश डालता है।
- Antarashtriya Shiksha Diwas सतत विकास लक्ष्य ‘गुणवत्ता वाली शिक्षा’ को 2030 तक हासिल करने के प्रयाश में कार्य करता है।
अंतराष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास।
Antarashtriya Shiksha Diwas की शुरुवात संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2018 में आधिकारिक तौर पर घोसणा करके की गयी, जिसे वैश्विक शांति और विकास के लिए शिक्षा के महत्व को चिन्हित करने के उदेश्य से 24 जनवरी, 2019 को इसे पहली बार मनाया गया और यह शिक्षा की बुनियाद को और मजबूत बनाने के साथ शिक्षा व्यवस्था को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयाश करती है।