पर्वत, इस पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, जो की प्रकृति का वह हिस्सा है जो इंसानों और जानवरों को जीवनदायी चीजें मुहैया कराता है, साथ ही नदियों का उद्गम, लकड़ी का स्रोत, खानाबदोशों को आश्रय और भोजन का माध्यम भी प्रदान करता है। लेकिन, बीतें कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक दोहन और मानव गतिविधियों के कारण पर्वतों की आपूर्ति शक्ति दिन-ब-दिन कम होती जा रही है और उनपर खतरे बढ़ते जा रहें हैं। इसलिए, पर्वतों की दोहन प्रक्रिया और उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए प्रति वर्ष 11 दिसंबर को “अंतराष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day)” के रूप में मनाया जाता है।
पर्वत प्रकृति को संतुलित बनाये रखने में बड़ी भूमिका निभाता है साथ ही यह बहुत से जिव-जंतुओं का आश्रय भी है, अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस का मुख्य उद्देश्य हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की आत्मा पर्वतों का अत्यधिक शोषण, जलवायु परिवर्तन और मानवजनित गतिविधियों से बचाने के लिए, उसके संरक्षण में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना और पर्वतों की महत्ता के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है।
Antarashtriya Parvat Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करता है, जहाँ वर्ष 2023 में “पर्वतीय पारिस्थितिकी प्रणालियों को बहाल करना (Restoring mountain ecosystems)“, इसका मुख्य विषय है, जो की पर्वतीय पारिस्थितिकी प्रणालियों की प्रासंगिकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने, प्रकृति-आधारित समाधानों और सर्वोत्तम प्रथाओं के जरिये पर्वतों को भविष्य के लिए सतत बनाने का प्रयाश है।
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अंतराष्ट्रीय पर्वत दिवस का महत्व।
- यह दिवस अपने जागरूकता कार्यक्रम के जरिये पर्वतों का मानव के जीवन में योगदान को उजागर करता है और साथ ही प्रकृति को संतुलित बनाये रखने के लिए पर्वतों की भूमिका का बखान करता है।
- यह दिवस पर्वतों के निचे आश्रय करने वाले लोगों को स्थायी पर्वतीय अभ्यास सिखातें हैं, जिससे पर्वतों को नुक्सान पहुचाएं बिना अपना जीवन यापन कर सकतें हैं, जैसे; तीव्र ढलान वाली खेती आदि।
- इस दिन बहुत से शैक्षिक संस्थानों में जारूकता के कार्यक्रम आयोजित कराये जातें हैं और बच्चों को पर्वत की महत्ता और प्रकृति में उसके योगदान के बारे में बतातें हैं।
- यह दिवस मुख्य तौर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य 15 पर अधिक केंद्रित कार्य करता है क्यूंकि उनका संरक्षण सतत विकास का एक प्रमुख कारक है।
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अंतराष्ट्रीय पर्वत दिवस का इतिहास।
Antarashtriya Parvat Diwas सबसे पहले वर्ष 1992 पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन में ‘नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र का प्रबंधन: सतत पर्वतीय विकास’ को अपनाया गया, उसके बाद पर्वत के महत्व की ओर लोगों का ध्यान बढ़ने लगा तब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर 2002 में अंतराष्ट्रीय पर्वत दिवस घोसित कर दिया और फिर 2003 से 11 दिसंबर को Antarashtriya Parvat Diwas मनाया जाने लगा।