दुनिया भर के सभी क्षेत्रों में आज महिलाएँ अपना परचम लहरा रहीं हैं और किसी भी प्रकार से वह पुरुषों से पीछे नहीं हैं। महिलाओं को समाज में धीरे-धीरे भेदभाव और असमानता जैसी विकृतियों से छुटकारा मिल रहा है, जिसके कारण महिलाएँ समाज में अपनी एक नयी पहचान बना पाने में सक्षम हो रहीं हैं और परस्पर अपनी काबिलियत के दम पर अपनी मंज़िल को हासिल करते जा रहीं हैं। समाज में महिलाओं के सम्मान, लैंगिक समानता, उनकी प्रगति का जश्न मनाने और उनके अधिकारों की वकालत करने के लिए प्रति वर्ष 08 मार्च को “अंतराष्ट्रीय महिला दिवस (International women’s Day)” के रूप में मनाया जाता है, जो की महिलाओं के खिलाफ होने वाली सामाजिक भेदभाव और बुराइयों को खत्म करके सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने का प्रयाश करता है।
Antarashtriya Mahila Diwas विश्व भर में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को लेकर जागरूकता फैलाती है और महिला को आगे बढ़ने और अपनी क्षमता को पूरा करने का अवसर प्रदान करती है।
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Antarashtriya Mahila Diwas 2024 का थीम।
Antarashtriya Mahila Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करता है, जहाँ इस बार 2024 में “महिलाओं में निवेश: प्रगति में तेजी लाएं (Invest in Women: Accelerate Progress)” विषय निर्धारित की गयी है, जो की महिलाओं की काबिलियत महत्ता को दर्शाता है और अर्थव्यवस्था की प्रगति में महिलाओं की भूमिका को चिन्हित करता है।
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अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य क्या है?
Antarashtriya Mahila Diwas का मुख्य उदेश्य महिलाओं के प्रति होने वाली भेदभाव और असमानता को समाज से खत्म करके एक समावेशी समाज की स्थापना करना साथ ही महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाना है और साथ ही उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
Antarashtriya Mahila Diwas का महत्व।
- Antarashtriya Mahila Diwas विश्व भर में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक, जागरूकता, निबंध लेखन कार्यक्रमों के जरिये महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है और सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करती है।
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और असमानताओं, जैसे लिंग आधारित हिंसा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक असमान पहुंच और सीमित आर्थिक अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक शक्तिशाली मंच है साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य 05 (लैंगिक समानता) पर केंद्रित होकर 2030 तक उसे प्राप्त करने का प्रयाश करती है।
- अंतराष्ट्रीय महिला दिवस एक ऐसी दुनिया का आह्वान करता है जहां पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान अवसर प्राप्त हों और उनके साथ समान स्तर का सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार किया जाए।
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अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास।
Antarashtriya Mahila Diwas 20वीं सदी के जड़ों से जुड़ा हुआ है, जब संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के न्यूयार्क शहर में महिलाएं बेहतर कामकाजी परिस्थितियों, कम घंटों, बेहतर वेतन और मतदान के अधिकार की मांग के लिए सड़कों पर उतर आई थीं, तब यह एक आंदोलन का प्रारूप बनकर अन्य देशों में भी उठने लगा, जो की फिर महिलाओं को लैंगिक समानता और समान अधिकार प्रदान करने के लिए जिम्मेदार बना, जिसे आगे चल कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर 08 मार्च, 1977 को ‘अंतराष्ट्रीय महिला दिवस’ के रूप में घोसित कर दिया, जिसे प्रति वर्ष महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के लिए मनाया जाने लगा।