मानव सभ्यता के शुरुवात से ही हमे भाईचारे और विविधता में एकता का पाठ पढ़ाया जाता था। इसी विविधता में एकता अथवा मानव एकजुटता को समाज में बनाए रखने के लिए और इसके सम्मान में लोगों के मध्य जागरूकता बढ़ाने और गरीबी उन्मूलन के लिए प्रति वर्ष 20 दिसंबर को “अंतराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस (International Human Solidarity Day)” के रूप में मनाया जाता है। एकजुटता लोगों के बिच भाईचारा और प्रेम को बढ़ाता है साथ ही इसकी उपस्तिथि तब मालुम चलती है जब लोग एकदूसरे का सम्मान करने, जरूरतों और परिस्तिथियों को समझने लगतें हैं।
Antarashtriya Maanav Ekjuttaa Diwasv का मुख्य उदेश्य मानव एकजुटता और गरीबी उन्मूलन के सन्दर्भ में सभी सरकारों को अंतराष्ट्रीय समझौते के प्रति अपनी प्रतिबध्धताओं का सम्मान करने की याद दिलाता है।
Antarashtriya Maanav Ekjuttaa Diwas प्रति वर्ष एक अपरिवर्तिति विषय पर कार्य करता है, जिसका कार्य मानव और सामाजिक विकास और समान न्याय को बढ़ावा देना है।
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अंतराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस का महत्व।
विश्व भर में लोगों के बिच बढ़ती असमानता जैसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र के द्वारा Antarashtriya Maanav Ekjuttaa Diwas मनाने की घोसणा की गयी, जहाँ:-
- यह दिवस मुख्य तौर पर विकासशील देशों के लोगों को बढ़ती असमानता में एकता का स्मरण करवाता है और लोगों के बिच जागरूकता बढ़ाता है।
- यह दिवस शांति, मानवधिकार, सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर भी केंद्रित करता है साथ ही एकजुटता की ताकत को विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा प्रदर्शित भी करता है।
- यह दिवस गरीबी उन्मूलन पर ध्यान देने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य 01 को भी पूरा करने का कार्य करता है।
- यह दिवस लोगों के बिच सद्भावना को बढ़ाने का कार्य करता है और लोगों में एकता सुनिश्चित करता है।
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अंतराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस का इतिहास।
22 दिसंबर, 2005 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा यह निर्णय लिया गया की अगर गरीबी को समाप्त करना है तो विश्व में समानता और एकजुटता सुनिश्चित करना आवश्यक है, एकजुटता की संस्कृति को लोगों के बिच साझा करना ही Antarashtriya Maanav Ekjuttaa Diwas का उदेश्य है।
इसी मनसा के साथ संयुक्त राष्ट्र सामान्य महासभा ने 20 दिसंबर, 2002 को विश्व एकजुटता कोष की स्थापना की और इसलिए 20 दिसंबर को यह दिवस घोसित किया गया।