भ्रस्टाचार किसी भी बड़ी-से-बड़ी अर्थव्यवस्था को खोखला करने वाला दीमक है, भ्रस्टाचार एक प्रगतिशील अर्थव्यवस्था के लिए ग्रहण का कार्य करती है, जहाँ अमीर व्यक्ति और अमीर होता चला जाता है और गरीब व्यक्ति और गरीब। यह एक बराबरी के समाज की स्थापना नहीं करता है साथ ही भ्रस्टाचार करने वाला और भ्रस्टाचार कराने वाला दोनों ही बराबर के दोषी होतें हैं। इसलिए, इस नकारात्मक रवैये को खत्म करने के लिए प्रति वर्ष 09 दिसंबर को “अंतराष्ट्रीय भ्रस्टाचार विरोधी दिवस (International Anti-Corruption Day)” के रूप में मनाया जाता है।
Antarashtriya Bhrastachaar Virodhi Diwas को मनाने का मुख्य उदेश्य भ्रस्टाचार मुक्त समाज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और समाज में लोगों को भ्रस्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलाने के साथ भ्रस्टाचार को खत्म करने में अपनी भूमिका का चयन करना। भ्रस्टाचार अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करता है, जिसके कारण इसका बुरा प्रभाव समाज के निम्न वर्ग के व्यक्ति पर ज्यादा पड़ता है। इसलिए, यह दिवस समाज भ्रस्ट आचरण करने वालों से यह विनम्र निवेदन कर उन्हें नैतिक आचरण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
Antarashtriya Bhrastachaar Virodhi Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करता, जहाँ इस बार 2023 का विषय “20 पर यूएनसीएसी: भ्रष्टाचार के खिलाफ विश्व को एकजुट करना (UNCAC on 20: Uniting the World against Corruption)” करना है क्यूंकि हम सब मिलकर ही इस भ्रस्टाचार को इस समाज से खत्म कर सकतें हैं और एक अच्छे नागरिक होने का प्रमाण दे सकतें हैं।
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अंतराष्ट्रीय भ्रस्टाचार विरोधी दिवस का महत्व।
विश्व भर में भ्रस्टाचार बढ़ता ही जा रहा है और ऐसे में यह दिवस भी उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है:-
- इस दिन विश्व भर में लोगों को देश के प्रति उनके नैतिक कर्तव्य का स्मरण कर भ्रस्टाचार को खत्म करने के प्रति उनसे उनकी सहभागिता ली जाती है।
- इस दिन सरकार अथवा गैर-सरकारी संगठनों के द्वारा मिलकर भ्रस्टाचार के विरुद्ध बहुत से कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जाता है, जैसे: विज्ञापन प्रकाशित करवाना, भाषण देना, सरकारी कर्मचारियों को भ्रस्टाचार के खिलाफ प्रेरित करना और उन्हें संकल्प दिलवाना आदि।
- भ्रस्टाचार विरुद्ध आचरण अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के साथ लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर सकती है और ऐसी व्यवस्था को स्थापित कर सकती है जो सबके लिए न्यायसंगत हो।
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अंतराष्ट्रीय भ्रस्टाचार विरोधी दिवस का इतिहास।
भ्रस्टाचार हमारे समाज में एक ऐसी कुप्रथा है जो सदियों से चली आ रही है, पहले भ्रस्टाचार समान के बदले, लड़कियों-औरतों के साथ नाजायज सम्बन्ध बना कर किया जाता था और अब पैसों के बदले किया जाता है। इतनी बड़ी कुप्रथा पर लगाम लगाने के लिए विश्व ने दिसंबर 2003 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीएसी) पारित करके अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए पहला कदम उठाया, जहाँ महासभा ने भ्रस्टाचार से निपटने और इसे रोकने के लिए 09 दिसंबर को Antarashtriya Bhrastachaar Virodhi Diwas के रूप में घोसित किया जो की आगे चल कर 2005 से प्रभावी हुआ।