विश्व स्तर पर आतंकवाद सबसे बड़ा अभिशाप है जो समग्र मानवता के लिए खतरा है, विभिन्न देशों की संप्रभुता को परेशान करता है और एकता की नैतिक संस्कृति को नष्ट कर रहा है। इसलिए, आतंकवाद के विनाशकारी प्रभाव से समाज को बचाने, लोगों को आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित करने और आतंकवाद के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने, के लिए भारत द्वारा प्रति वर्ष 21 मई को “राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस (National Anti-Terrorism Day)” के रूप में मनाया जाता है, जिससे लोगों के बिच एकता और शांति स्थापित की जा सके और आतंकवाद के गंभीर खतरों से मुकाबला करने के लिए सामूहिक प्रयास को बढ़ावा दे सके।
राष्ट्रीय Aatankwaad Virodhi Diwas श्री राजीव गाँधी जी के मृत्यु के याद में मनाया जाता है, जिनकी हत्या सन 1991 में कर दी गयी थी, आतंकवाद के खिलाफ लोगों को सतर्क रहने, किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचित करने और सुरक्षित रहने का आह्वान किया जाता है।
Aatankwaad Virodhi Diwas पर, समाज के विभिन्न वर्गों को शामिल करने के लिए पूरे भारत के शैक्षणिक संस्थान, सरकारी कार्यालय और गैर-सरकारी संगठन सेमिनार, कार्यशालाएँ और सार्वजनिक रैलियाँ आयोजित की जाती हैं। ये आयोजन आतंकवाद के प्रभाव और इसे रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में जागरूकता फैलाने पर केंद्रित करते हैं।
इस उत्सव की एक महत्वपूर्ण विशेषता आतंकवाद विरोधी प्रतिज्ञा है, जहां प्रतिभागी शांति और अहिंसा को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रतिज्ञा एक प्रतीकात्मक संकेत है जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने के सामूहिक संकल्प को मजबूत करता है।
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Aatankwaad Virodhi Diwas का महत्व।
- Aatankwaad Virodhi Diwas की महत्ता को विभिन्न तरीके से उजागर किया जाता है, जिसे शांति और एकता का सन्देश देकर बढ़ावा दिया जाता है, आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है और आतंकवाद से पीड़ितों को सम्मान और उन्हें समर्थन दिया जाता है।
- आतंकी गतिविधियों के प्रति लोगों को जागरूक और शिक्षित किया जाता है, जो की उन्हें किसी भी संदिग्ध वस्तु और लावारिस वस्तु को बिना छूए सूचित करने की सालाह देता है।
- आतंकवाद विरोधी दिवस का आयोजन एक मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे के महत्व को भी रेखांकित करता है। यह आतंकवाद से निपटने के लिए प्रभावी नीतियों, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और उन्नत तकनीकी उपायों की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
आतंकवाद विरोधी दिवस का इतिहास।
राष्ट्रीय Aatankwaad Virodhi Diwas को देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी के मृत्यु की याद में मनाई जाती है, जो की सन 1991 में तमिलनाडु में एक चुनावी प्रचार रैली के दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने अपने शरीर में विस्फोटक पदार्थ बाँधकर उनके पैरों को छूने की कोशिश की और तभी धमाका हो गया, इस हमले का श्रेय लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल एलम (LTTE) के द्वारा लिया गया।
इस दुखद घटना के जवाब में, भारत सरकार ने राजीव गांधी की विरासत का सम्मान करने और आतंकवाद के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 21 मई को Aatankwaad Virodhi Diwas के रूप में नामित किया।