‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’। (‘Clean India Healthy India in Hindi’.)

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राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीअकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों, स्वच्छता मनुष्य के जीवन का एक मूल आधार होता है और स्वच्छता एक देश को स्वस्थ बनाने में बड़ी भूमिका अदा करती है। इसलिए, आज हम इस लेख में “स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत (Clean India Healthy India) के बारे में चर्चा करेंगे क्यूंकि स्वच्छता मनुष्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसे मनुष्यों को समझने की देर है, जैसे:-

  • समाज और देश में स्वास्थ्य की स्तिथि को बेहतर बनाये रखने में मदद करता है क्यूंकि वातावरण में गन्दगी समाज में बहुत सी अनभिज्ञ बिमारियों को उत्पन्न करता है।
  • निजी आर्थिक स्तिथि और देश की स्तिथि को मजबूत बनाने में मदद करता है क्यूंकि अगर मनुष्य अपने आस-पास स्वच्छता नहीं रखेगा तो वह अक्सर बिमारियों से ग्रसित रहेगा, जिससे ना ही वह अपनी आर्थिक स्तिथि अच्छी रख पायेगा ना ही देश की।
  • एक साफ़-सुथरा वातावरण मनुष्य के मस्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और साथ-साथ उसके सोच को प्रगतिशील बनाता है। इसके परिणामस्वरूप मनुष्य का जीवन स्तर बेहतर बन पाता है।
  • अगर कोई व्यक्तिगत अस्तर पर अपने घर के आस-पास भी साफ़-सफाई रखता है तो वह व्यक्ति एक जागरूक नागरिक होने के साथ-साथ नैतिकता को भी दर्शाता है क्यूंकि वह अपने साथ अन्य प्राणियों के हित के लिए भी अप्रत्यक्ष रूप से काम कर रहा है।

हम हमेशा कहतें हैं ‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत (Clean India Healthy India)’ परन्तु कभी सोचतें नहीं हैं की कैसे स्वच्छ एवं स्वस्थ बनेगा भारत, केवल कहने से और एक दिन अपने गली-मोहल्ले में निकल कर झाड़ू लगा कर फोटो खिंचवाने से नहीं बनेगा भारत स्वच्छ और स्वस्थ। अगर हमे भारत को स्वच्छ बनाना है तो केवल एक छोटा सा काम करना होगा, हम सबको केवल अपने घरों के आस-पास स्वच्छ रखना होगा लेकिन यह कार्य सभी घरों को करना होगा, जो एक चुनौती है क्यूंकि कुछ लोग करतें हैं और कुछ लोग नहीं करतें और जो लोग नहीं करते वही ‘अस्वच्छ भारत अस्वस्थ भारत’ का कारण बनते हैं।

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Clean India Healthy India

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का सपना हमारे घरों से ही आगे बढ़ता है “जब हम सभी अपने घरों को स्वच्छ रखतें हैं तो एक गली स्वच्छ बनता है, जब सभी गालियां स्वच्छ होतीं हैं तो एक एक मोहल्ला स्वच्छ होता है, जब सभी मोहल्ले स्वच्छ होतें हैं तो एक शहर स्वच्छ होता है, जब सभी शहर स्वच्छ बनते हैं तो एक राज्य स्वच्छ बनता है और अंत में जब सभी राज्य स्वच्छ बनते हैं तो पूरा देश मतलब हमारा भारत स्वच्छ बनता है”, तो कुछ इस प्रकार की स्वच्छता कड़ी हमे बनानी है, जो कड़ी हमे स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत से जोड़ेगी।

‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’ का इतिहास। (History of ‘Clean India Healthy India.)

स्वच्छ और स्वस्थ हमारा भारत वैदिक काल के समय से ही रहा है। हालाँकि, आज भी भारत फिर से स्वच्छता एवं बेहतर स्वास्थ्य की ओर अग्रसर हो रहा है लेकिन पहले की तुलना में वह आज भी कम है क्यूंकि स्वच्छता का प्रमाण तो हमे सभी जगह मिल जायेंगे लेकिन इतिहास में कुछ ऐसे प्रमाण हैं, जो, दर्शातें हैं की भारत की स्वच्छता के अग्रसर का कारण इतिहास स्वयं है, जैसे:-

  • वैदिक काल में ऋषिमुनियों और गुरुजनों द्वारा अपने शिष्यों से आश्रम एवं गुरुकुल में साफ़-सफाई करवाया जाता था और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता था। वातावरण की हरियाली के साथ शुद्ध हवा और साफ़-सफाई स्वास्थ्य पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते थें।
  • सिंधु घाटी की हड़प्पा सभ्यता का जल निकासी व्यवस्था पुरे विश्व में प्रचलित था, हड़प्पा सभ्यता को उनके सबसे अच्छी जल निकासी व्यवस्था के लिए जाना जाता था और जिसकी जल निकासी व्यवस्था इतनी अच्छी हो वह स्वच्छता के प्रति कितना ध्यान देता होगा, हड़प्पा सभ्यता के लोग स्वच्छता के प्रति बहुत गंभीर दृष्टि रखतें थें।
  • महात्मा गाँधीजी के द्वारा भी भारत में स्वच्छता को बहुत अधिक महत्व दिया जाता था, गांधीजी का कहना था की सभी मनुष्यों को अपनी गन्दगी खुद साफ़ करनी चाहिए, अपनी स्वच्छता का ध्यान स्वयं रखना चाहिए। इसलिए, गांधीजी अपने आश्रम और यहाँ तक की अपने स्वचालय की सफाई भी खुद किया करते थे, वह निम्न जाती के लोगों के द्वारा दूसरों की गन्दगी को साफ़ करने के विरुद्ध थें और स्वयं गांधीजी के द्वारा निम्न वर्ग के लोगों को ‘हरिजन’ नाम से सम्बोधित किया गया।
  • स्वच्छता और भारतीय संस्कृतियों का भी सीधा संपर्क हमारे भारत में देखने को मिलता है क्यूंकि हमारे देश में सभी तीज-त्यौहार में साफ़-सफाई को महत्व दिया जाता है, भारत के हर त्यौहार की शुरुवात स्वच्छता की परम्परा से होती है।

हमारे देश के प्रधानमंत्रीजी के द्वारा भी इतिहास के अधूरे सपनो को पूरा करने के लिए वर्ष 2014 में गाँधी जयंती के अवसर पर ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का संकल्प लिया और सभी देशवासियों को भी यह संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया साथ-ही-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी ने स्वच्छता को त्यौहार के रूप में सम्बोधित किया एवं स्वच्छता को देश भक्ति की भावना से अपनाने के लिए कहा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने महात्मा गाँधी जी को स्वच्छता के प्रति अपना आदर्श माना है क्यूंकि गाँधी जी के ‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’ के अधूरे सपने को पूरा करना प्रधानमंत्रीजी का उदेश्य है।

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‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’ का उद्देश्य। (Objectives of ‘Clean India Healthy India’.)

भारत अगर स्वच्छ बनेगा तो अप्रत्यक्ष रूप से भारत स्वस्थ बनेगा क्यूंकि भारत में आज अधिकांश बिमारियों का कारण अस्वछता, गन्दगी और प्रदुषण है। इसलिए, इसके उदेश्य निम्नलिखित प्रकार से है:-

  • देश में लोगों की मानसिकता और व्यवहार में परिवर्तन करना, जिससे लोग स्वच्छता को अपना कर्त्वय समझें।
  • जो लोग खुले में शौच करते हैं उन्हें रोकना और उनके खुले में शौच करने से उत्पन्न होने वाले नकारात्मकता से परिचित करवाना और खुले में शौच मुक्त गावँ बनाना।
  • गाँवों में सार्वजनिक शौचलय का निर्माण करवाना, जिससे लोगों की आदत में सुधार हो सके और स्वच्छता के साथ सेहत की गुणवत्ता बरक़रार रहे।
  • स्वच्छता के प्रति सार्वजनिक जागरूकता शुरू करना एवं स्वच्छता को त्यौहार के रूप में सम्बोधित करना।
  • देश के सभी घरों में पाइपलाइन के जरिये पानी की आपूर्ति करवाना।
  • तरल एवं ठोस अपशिस्ट पदार्थ को ग्राम पंचायत के द्वारा उसके प्रबंधन व्यवस्था सुनिश्चित करना।

स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा सरकार संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के लक्ष्य-6 को भी 2030 तक प्राप्त करना चाहती है, जो की स्वच्छता, खुले में शौच को समाप्त करना, प्रदुषण को कम करना, खतरनाक रसायनों और सामग्रियों के डंपिंग को समाप्त करना इन सभी चीजों के बारे में बात करती है।

भारत में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा भी अपने राज्यों का ‘स्वच्छता सर्वेक्षण’ किया जाता है, जिससे स्वच्छता की स्तिथि में कितना सुधार हुआ है इसका आकलन किया जा सके और स्वच्छता के प्रति शहरों में नागरिकों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जा सके, स्वच्छ सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण है।

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निष्कर्ष। (Conclusion)

मनुष्य के जीवन में स्वच्छता का महत्व उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है और स्वच्छता मनुष्य के तन को बेहतर बनाने के साथ-साथ मन को भी सुन्दर बनाता है। स्वच्छता देश में केवल सफाईकर्मियों का ही काम नहीं है बल्कि एक देश के नागरिक होने के नाते यह हर देशवासी का कर्त्वय बन जाता है की वह अपने देश को अपना घर समझ कर खुद की भागीदारी सुनिश्चित करे।

सफाईकर्मी पुरे देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में एक बड़ी भूमिका निभातें हैं और जब वह हमारी गन्दगी साफ़ कर सकतें हैं तो क्या हम खुद अपनी गन्दगी, अपने आस-पास की गन्दगी की साफ़-सफाई करके उनका साथ नहीं दे सकतें हैं। दोस्तों, आइये मेरे साथ आपभी यह प्रण लीजिये खुद से, की अबसे देश की स्वच्छता में हमभी अपनी भूमिका अवश्य निभाएंगे।

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