भारत में भुखमरी। (Starvation in India in Hindi.)

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राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीअकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों, “भारत में भुखमरी (Starvation in India)” हमारे समाज का एक ऐसा छिपा हुआ सच है, जिसे हम देख नहीं पातें हैं और ना ही लोगों को इसके बारे में बताया जाता है। भुखमरी (Starvation) हमारे देश में सरकार के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है और यह सिर्फ हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है बल्कि अनेकों ऐसे अफ्रीकी महाद्वीप देश भी हैं, जो भुखमरी (Starvation) का सामना बहुत बड़े स्तर पर कर रहें हैं, यहां तक की कई अफ्रीकी देशों में हालात इतने ख़राब हैं की लोगों को मिट्टी की रोटियाँ धुप में शेककर खानी पड़ती है।

हमारा देश भारत दुनिया का सबसे बड़ा आबादी वाला दूसरा देश है, इसलिए हमे अपने देश में इतनी बड़ी आबादी की तुलना में भुखमरी से पीड़ित लोग बहुत कम देखने को मिलते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं की हमारे देश में भुखमरी कम है। भारत की आबादी अधिक होने के कारण लोगों को पता नहीं चलता की हमारा देश भी भुखमरी (Starvation) के मामले में अफ्रीका के देशों के साथ खड़ा है क्यूंकि ‘कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्थहंगरइल्फ’ द्वारा प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्ट 2021 के “वैश्विक भूख सूचकांक”में भारत का स्थान कुल 116 देशों में 101 है, जहाँ भारत का स्थान पिछले वर्ष की तुलना में 7 पायदान निचे चला गया है।

हालाँकि, इस सूचकांक के आधार पर भारत भुखमरी के मुद्दे में पुरे एशिया में अपने पडोसी पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका इन सब देशों से भी पीछे है।

starvation and hunger in india
Starvation in India

भुखमरी क्या है?

भुखमरी (Starvation) एक ऐसी स्तिथि है जिसमे मानव और बच्चे के शरीर में बुनियादी खाद्य पदार्थों की कमी हो जाती ही, उन्हें दूषित भोजन और पानी का सेवन करना पड़ता है और कई बार उन्हें भूखा भी रहना पड़ता है, जिसके कारण शरीर की स्तिथि निष्क्रिय और अस्वस्थ होने लगती है, जिससे मानव या बच्चे की मृत्यु भी हो जाती है।

जीवन जीने के लिए भोजन और पानी मानव शरीर के लिए मौलिक आवश्यकताएं होती हैं और वह भी साफ़-सुथरा भोजन क्यूंकि दूषित भोजन का सेवन करके उसे सही मात्रा में पोषण और कैलोरी प्राप्त नहीं होगी, जिससे वह बुरी तरह से बीमार और कुपोषित हो सकता है।

इसलिए, भुखमरी को पुरे विश्व से खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के द्वारा ‘वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम’ को विनियमित किया जाता है जो की एक ऐसा मानवीय संगठन है, जिसके द्वारा अगर किसी देश में खाद्य संकट की आपात स्तिथि है तो उस देश में मानव जीवन बचाने के लिए खाद्य सामग्री की सहायता प्रदान करता है। इस संगठन के द्वारा “सतत विकास लक्ष्य के लक्ष्य-2 (Sustainable development Goals)” पर ख़ास ध्यान दिया जाता है, जिसमे बताया गया है की पुरे विश्व में 2030 तक भुखमरी को खत्म कर देना है मतलब ‘जीरो हंगर’ की कल्पना को सच करने में यह संगठन काम करती है और वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम को 2020 में ‘नोबेल शांति पुरुष्कार’ से सम्मानित भी किया गया क्यूंकि इसने युद्ध से प्रभावित क्षेत्रों में भी भूखे को भोजन प्रदान किया है और शांति स्थापित की है। वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम हमारे देश में भी 1963 से कार्यरत है और भारत भी इसका एक अहम् हिस्सा है। 

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भारत में भुखमरी के कारण।

जब भारत की आबादी सबसे बड़ी है तो देश में सबके लिए पर्याप्त भोजन भी होना चाहिए और ऐसा है भी भारत में आवश्यक भोजन और खाद्य पदार्थों की कोई भी कमी नहीं है। भारत पोषक तत्वों और खाद्य सामग्री के लिए पूरी तरह से खुद पर आश्रित है और भारत में खाद्य पदार्थों की उत्पाद इतनी होती है की भारत इसे अन्य दूसरे देशों को निर्यात भी करता है और जिस देश में खाद्य संकट है वहां मानवीय सहायता भी करता है।

लेकिन, फिर भी भारत भुखमरी (Starvation) के मामले में इतना पीछे अफ्रीकी देशों के साथ खड़ा है क्यूंकि हमारे देश में सबके लिए पर्याप्त खाद्य सामग्री तो है लेकिन वह सभी जरुरतमंदो तक पहुँच नहीं पाता है या फिर सरकार सबका ध्यान रखने में असक्षम है, ऐसे और भी कुछ भारत में भुखमरी के प्रमुख कारण हैं, जैसे:-

  • गरीबी-> गरीबी को भुखमरी क एक प्रमुख कारण बोलतें हैं और जो गरीबों में भी सबसे गरीब है वह भुखमरी का शिकार ज्यादातर होतें हैं, इसलिए हमारे 17 प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों में भी सबसे पहले स्थान पर गरीबी को रखा गया है और फिर जीरो हंगर को क्यूंकि गरीबी नहीं होगी तो भुखमरी भी नहीं होगा।
  • खराब स्वास्थ्य व्यवस्था-> हमारे देश में स्वास्थ्य सेवाएं सरकारी अस्पातलों में बिलकुल निम्न स्तर का है और भुखमरी से अस्वस्थ शरीर के मामलें गरीब लोगों को ही देखने को मिलते हैं और अच्छी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध ना होने के कारण, भुखमरी के मामलें बाहर निकल कर आतें हैं।
  • आवश्यक खाद्य सामग्री तक पहुँच का अभाव-> कइयों बार ऐसा भी देखा गया है की कितने गरीब लोगों को खाद्य सामग्री तक पहुँच के अभाव के कारण भुखमरी का शिकार होना पड़ता है, जबकि देश में पर्याप्त खाद्य सामग्री उपलब्ध होतें हैं लेकिन सरकार का ध्यान उन सभी गरीबों तक नहीं पहुँच पाता है।
  • भ्रस्टाचार-> भ्रस्टाचार हमे अक्सर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आने वाली दुकान में देखने को मिलते हैं, जहाँ पर खाद्य सामग्री को बड़ी मात्रा में मालिक के द्वारा भण्डार में छिपा कर रखा जाता है, जिसे वह उस भण्डार किये गए सामग्री की काला बाज़ारी कर दूसरों को बेच सके और ऐसा करने से जो जरूरतमंद होतें हैं जिसके लिए सरकार वह खाद्य सामग्री मुहैया कराती है वह उनसब तक नहीं पहुँच पाता है।
  • सरकारी योजनाओं की जानकारी का अभाव-> सरकार अपने स्तर पर भुखमरी खत्म करने के लिए गरीबों और जरूरतमंदों के लिए योजनाएं तो बना देती है लेकिन सही मायने में उस योजना का लाभ अधिकतर लोग नहीं उठा पातें हैं क्यूंकि सरकार के द्वारा बनाये उस योजना की जानकारी सरकार उसके लाभार्थी तक पहुंचाने में असमर्थ रहती है, जिससे भूखे और गरीब लोग अपनी योजना का लाभ जानकारी के अभाव में नहीं ले पातें है।
  • झुगी-बस्तियों में साफ़-सफाई की खराब व्यवस्था-> झुग्गी-बस्तियों में साफ़-सफाई ना होने के कारण लोगों और बच्चों को सही पोषण और कैलोरी नहीं मिल पाती है क्यूंकि खाद्य पदार्थ और पानी भी वहाँ दूषित हो जाता है, जिससे लोगों और बच्चों में कुपोषण और अन्य बीमारियां देखने को मिलती हैं।

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भारत में भुखमरी के प्रभाव।

भारत में भुखमरी (Starvation in India) का प्रभाव हम आम जनता अपनी आँखों से नहीं देख सकतें हैं लेकिन जब हम सरकार के द्वारा प्रस्तुत किये गए आकड़ों को देखेंगे तब हम समझ पाएंगे की भुखमरी कितने बड़े स्तर पर भारत में है, ‘राष्ट्रिय स्वास्थ्य सर्वेक्षण’ द्वार प्रस्तुत किये गए 2017 के रिपोर्ट में यह बताया की भारत में 19 करोड़ लोग हर रात बिना भोजन किये सोने को मजबूर हैं और भारत में हर दिन 4500 पांच साल से कम उम्र के बच्चे भूख और कुपोषण के कारण मर जातें हैं, भुखमरी का इससे बुरा प्रभाव और क्या हो सकता है भारत के लिए।

  • भुखमरी से भारत की छवि अंतराष्ट्रीय अस्तर पर प्रभावित होती है और इससे भारत को सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में भी कठिनाई होगी, जो की भारत को समृद्ध और विकसित देश होने से रोकता है।
  • भुखमरी भारत को ‘मानव विकास सूचि’ में आगे बढ़ने से रोकती है भारत इस सूचि में 131वें स्थान पर खड़ा है, जो की पहले के मुकाबले दो पायदान निचे आ गया है।

भारत में भुखमरी पर सरकार की पहल।

सरकार के द्वारा भुखमरी (Starvation) की इस समस्या का निवारण करने के लिए बहुत सारी योजनाएँ बड़े स्तर पर चलाई जा रही हैं, जिसमे:-

  • “सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ जो की सरकार के द्वारा 1997 में शुरू किया गया एक कार्यक्रम है, जिसमे गरीबी रेखा के निचे आने वाले सभी लोगों को ‘उपभोगता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय’ द्वारा उचित मूल्य की दुकानों पर आवश्यक खाद्य पदार्थ वितरित किया जायेगा।
  • “एकीकृत बाल विकास सेवा योजना”, जो की नवजात शिशु से लेकर 6 वर्ष की आयु तक के बच्चे को, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को छह प्रकार की सेवाएँ प्रदान करती है।
  • “मिशन इंद्रधनुष” एक टीकाकरण योजना है, जो की 2 वर्ष से कम आयु के बच्चे और गर्भवती महिला को 12 प्रकार के वैक्सीन निवारक रोगों के खिलाफ लड़ने के लिए टीकाकरण करती है।
  • “फ़ूड एनरिच्मेंट कार्यक्रम” भारत सरकार के द्वारा आवश्यक खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में प्रमुख पौष्टिक तत्व और विटामिन को मिलाकर उस खाद्य पदार्थ (चावल, गेहूँ, दाल) को और समृद्ध बनाना।
  • प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना” के अंतर्गत सरकार गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बच्चे के जन्म लेने से पहले और जन्म लेने के बाद तक उन्हें नगद प्रोत्साहन देती है ताकि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।
  • “प्रधानमंत्री पोषण अभियान” जिसे हम पहले ‘मिड-डे-मिल योजना’ बोलतें थें जिसके अंतर्गत प्राथमिक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे को भोजन प्रदान किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्टंटिंग, अल्पपोषण और एनीमिया का शिकार होने से बचाना है।
  • “इट राइट इंडिया मूवमेंट” जिसे भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के द्वारा शुरू किया गया एक ऐसा पहल है जो की भारतीय नागरिकों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन को सही तरीके से ग्रहण करने के लिए जागरूकता फैलाता है।

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भारत में भुखमरी खत्म करने के लिए सुझाव।

भारत में भुखमरी (Starvation in India) को सरल तरीके से खत्म किया जा सकता है लेकिन उसके लिए सरकार को सिर्फ योजनाएँ बना कर उन्हें लागू करने से नहीं होगा बल्कि उस योजना को सही तरीके से उसके लाभार्थी तक पहुँचाना होगा, जिससे वह उसका लाभ पूर्ण रूप से प्राप्त कर सके क्यूंकि हमारे देश में खाद्य पदार्थ भरपूर मात्रा में उपलब्ध है बस जरुरत है उसे सभी जरुरतमंदो तक पहुँचाने की, जिसके लिए सरकार को कुछ छोटी बातों का ध्यान रखना होगा, जैसे:-

  • खाद्य प्रणाली वितरण में पूरी तरह से पारदर्शिता होनी चाहिए, जिसके लिए सरकार स्पेशल अफसर को नियुक्त करना चाहिए, फिर चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार सबकी जवाबदेही सुनिश्चित करे।
  • सरकार के द्वारा बनाई गयी योजनाओं के बारे में उनके लाभार्थी को भली-भांति सूचित करना और उससे समबन्धित पूरी जानकारी उन्हें प्राप्त करवाना और उस योजना का लाभ वह कैसे प्राप्त कर सकता है उसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में बताना।
  • ग्राम पंचायत और मुन्सीपाल्टी को जिम्मेदारी प्रदान करना और उनका सीधा संपर्क राज्य सरकार के हाथों में सौपना, जिससे भुखमरी की समस्या का निम्न स्तर पर पता लगाया जा सके।
  • निम्न स्तर के शहरों और गाँवों में जाकर समय-समय पर सही भोजन और पोषण के बारे में जागरूकता के कार्यक्रम करना और भुखमरी की समस्या से लोगों को अवगत करवाना।

भारत के जागरूक और कर्मठ नागरिक होने के नाते से हमे भी यह ध्यान रखना चाहिए की कोई व्यक्ति देश में एक वक़्त के भोजन के लिए मोहताज है, तो हमे भी भोजन को बर्बाद किये बिना अपनी जिम्मेदारी निभानी है।   

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