राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीअकाल, हैलो, तो कैसे हो आप सब, दोस्तों आज मै आपसे कुछ पूछना चाहता हूँ की आज हमारा समाज और देश बहुत तरक्की कर रहा है फिर क्यों न वो अच्छी शिक्षा हो, कृत्रिम बुद्धिमता हो, 5G नेटवर्क हो या मंगल पे जाना हो, मै चाहता हूँ की और तरक्की की सीढियाँ हम चढ़े, लेकिन इन अच्छे चीजों मे आगे बढ़ने के साथ हमारा देश गलत कामों और अपराध मे भी क्यों आगे बढ़ते जा रहा है फिर चाहे वो किसी भी क्षेत्र मे हो? दोस्तों मेरा मानना है की हम तरक्की कर आगे बढ़ रहे हैं अच्छी बात है लेकिन हमे नहीं भूलना चाहिए की हर सिक्के के दो पहलु होते हैं, इसी तरह हम आगे बढ़ने के साथ-साथ सभी स्तर पर फिर वो कुछ भी क्यों न हो अगर “नैतिक शिक्षा(Moral Education)” प्रदान करने लगें तो हम और अच्छा कर सकते हैं।
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“नैतिक शिक्षा” क्या होती है? (What is Moral Education?)
->नैतिक शिक्षा (Moral Education) एक ऐसी शिक्षा विधि है जो की विद्यार्थियों को उनके कामकाजी जीवन में उन्हें कौशल हासिल करने में मदद करती है और उनके अंदर के मानवता को प्रेरित करती है, जो स्वयत्तता और जिम्मेदारी के साथ अपने व्यवसायों को पूरा करने की अनुमति देता है, फिर चाहे वो किसी भी स्तर का विद्यार्थी हो और कोई सा भी काम क्यों न कर रहा हो।
जिस तरह कक्षा में वृद्धि होने से हम विषय में नवीनीकरण करते हैं ठीक उसी प्रकार हमे छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक, जबतक एक मनुष्य सीखता है उसे नैतिक शिक्षा (Moral Education) देनी चाहिए और उसके स्तर की भी नवीनीकरण करते रहनी चाहिए। मैं आपको एक उदहारण देकर समझाता हूँ:-
“जिस प्रकार कुम्हार गीली मिट्टी को शुरू से आकार देता है जैसा उसे चाहिए होता है और फिर धुप में तपने के बाद वो मिट्टी उसी आकार का बन जाता है जिसे फिर कितनी भी कोशिश कर लो बदल नहीं सकते क्यूंकि उस मिट्टी को कुम्हार ने शुरुआत मे जैसा बनाया था वो बन गया अब किसी प्रकार से उसे दूसरा आकर नहीं दे सकतें”।
ठीक इसी प्रकार से अगर हमारे देश, समाज मे बच्चों को शुरुआत से हीं नैतिक शिक्षा (Moral Education) मिले तो ये समाज में गलत काम करने से पहलें हर मनुष्य सोचेगा क्यूंकि उसका आकार उसे वो गलत काम करने नहीं देगी। आज के समय में ये बहुत जरुरी है ऐसा महसूस होता है मुझे फिर वो पुलिस, डॉक्टर, वकील, नेता, वैज्ञानिक, कोई भी क्यों न हो। ऐसे हम अपने समाज को और आगे बढ़ा पाएंगे जहा अपराध जैसी कोई नाम ही नहीं होगी।
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नैतिक शिक्षा का महत्व। (Importance of Moral Education.)
नैतिक शिक्षा (Moral Education) का महत्त्व हमे अपने समाज और देश में किसी विशेष क्षेत्र में देखने को नहीं मिलता है बल्कि इसका महत्त्व हमे सभी क्षेत्रों में देखने को मिल सकता है क्यूंकि आज के समय नैतिकता की जरुरत समाज के हर क्षेत्र में है जो की समाज के लोगों को फायदा पहुचायेगी।
क) नैतिक शिक्षा से जीवन में अनुशासन देखने को मिलती है, जिससे लोगों के विचारों में बदलाव आता है।
ख) नैतिक शिक्षा से समाज के लोगों के प्रति दया और समर्पण भाव प्रकट होती है।
ग) नैतिक शिक्षा से अच्छे समाज की उत्पत्ति होती है, जिससे एक प्रगतिशील समाज की स्थापना होती है।
घ) नैतिक शिक्षा से समाज में हिंसा में कमी देखने को मिलती है, जिससे एक शांत और मिलनशील समाज का गठन होता है।
ङ्ग) नैतिकता से जीवन में सदभावना के भाव, उदारता, संस्कार, विनम्रता और शांत व्यवहार देखने को मिलती है।
च) नैतिकता के होने से व्यक्ति जिव-जंतु के प्रति, पर्यावरण के प्रति, जलवायु परिवर्तन में, सामाजिक कार्यों में अपनी अच्छी भावना रखता है।
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नैतिक शिक्षा के सिद्धांत क्या होतें हैं? (What are the principles of Moral Education?)
क) नीतिशास्त्र पर विचार विमर्श करना ताकि ये शिक्षा औरो तक पहुँच सके।
ख) हमेशा दुसरो के प्रति हमदर्दी दिखाना और एक जागरूक नागरिक का फर्ज अदा करना।
ग) कोई भी काम विचार करके करना जिससे औरो को नुक्सान न पहुँचे।
घ) हमेशा अपने काम को महत्व देना और अपने काम के प्रति ईमानदार रहना।
ङ्ग) पहले दुसरो की बातें सुनना फिर उसपे अपनी प्रतिक्रिया सामने रखना।
च) हमेशा जरुरतमंदो की मदद करना खास तौर पर बच्चे, महिलायें और बजुर्ग।
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नैतिक शिक्षा में शिक्षक की भूमिका क्या होती है? (What is the role of teacher in Moral Education?)
->जब बात की जाए शिक्षक की वो भी नीतिशास्त्र में तो उनकी भूमिका का वर्णन मैं शब्दों मे तो कर नहीं सकता लेकिन कोशिश जरूर करूँगा आपको बताने की, नीतिशास्त्र मे शिक्षक यानि गुरु की भूमिका अहम् इसलिए मानी जाती है क्यूंकि जो भी काम हमारे द्वारा किया जाता है उसमे क्या सही है और क्या गलत है और उस काम को कैसे ईमानदारी से करना है जिससे समाज के लोगों का भला हो सके ये शिक्षक हमे नीतिशास्त्र मे बतलाते हैं और अगर शिक्षक के द्वारा ये न सिखाया जाए तो हम सही-गलत, अच्छा- ख़राब में कभी अंतर समझ ही नहीं पाएंगे।
दोस्तों मैं ये भी बताना चाहूँगा की निति शास्त्र में हमारे गुरु जरुरी नहीं है की जिनसे हम शिक्षा का अध्यन करते हैं वो ही हो क्यूंकि नैतिकता (Morality) हमे गुरु के रूप में हमारे “माता-पिता, हमारे बड़े-बुजुर्ग, कोई ज्ञानी व्यक्ति, या आपका धर्म”, इनमे से कोई भी आपको नैतिकता सीखा सकता है। तो दोस्तों मैं आशा करता हूँ की आप समझ पाए होंगे की शिक्षक की भूमिका नीतिशास्त्र में क्या होती है मैंने अपने शब्दों में आपको बताने की कोशिश की।
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तो दोस्तों आप निचे कॉमेंट करके अपनी प्रतिक्रिया बताएं की आज के समय मे नैतिक शिक्षा का हमारे जीवन में महत्व है की नहीं।
“अगर किसी के जीवन में नैतिकता नहीं है तो वो जीवन आगे तो बढ़ेगा लेकिन सिर्फ अपने मतलब के लिए”
Keep going, nice post 👍👍👍
राधा रानी मोर मुकुट बंशी वाले के आशीष से बच्चे ने हर वो कोशिश की है जिससे आज के नए पीढ़ी को एक मार्ग दर्शक के रूप में देने की कोशिश की है जिससे आज के पीढ़ी को पता चले कि इंसान को अपने माता पिता और गुरु से अच्छा कोई मित्र नहीं है क्योंकि नैतिकता का पाठ हर किसी के पास नहीं है शाबास उदहारण के रूप में जो प्वाइंट दिया गया है वो सराहनीय योग्य है मोर मुकुट बंशी वाले आपके हर इच्छा को पूरा करे राधे राधे
This article reminded me about my school days when we used to read “moralvalues” as a subject, in today’s teaching this has been totally dissapeared,..really there is need to include ethics from childhood till we reach at the age of an adult…..it’s not necessary that we read ethics for competitive exams, this is the thing that builds your personality.
Radhe radhe 🙏
Ehical education is of utmost important in today’s life as most of the professionals or leaders are corrupted or money minded due to lack of ethical education in them..
We really need this type of articles to promote ethical education in everyone’s life as a priority.
Yes I agree. Ethical education is very important for growth of overall development.
Life without moral education is waste.