भारत में गरीबी। (Poverty in India.)

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राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों तो कैसे हो आप सब? दोस्तों आज मैं आप सब के साथ चर्चा करूँगा हमारे समाज के सबसे बड़े वर्ग “गरीबी (Poverty)” के बारे में, “भारत में गरीबी (Poverty in India)” तिस करोड़ से भी ज्यादा है और जिसे समाज के द्वारा भी नज़रअंदाज़ किया जाता है। दोस्तों ‘गरीबी’ एक ऐसा दर्द है जो दुखता तो है लेकिन उससे कभी आह नहीं निकलती, ‘गरीबी’ एक ऐसी मासूमियत है जहाँ एक मासूम से मन के पीछे अनगिनत चाह हैं, ‘गरीबी’ हमारे समाज के द्वारा उत्पन्न किया गया वह एहसाँस है जहाँ एक गरीब इस समाज को देखने के बाद सोचता है की वह अपने माँ के कोख में ही अच्छा था।

हालाँकि हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग और बहुत सी ऐसी संस्थाएं हैं, जो गरीबों की सहायता के लीए आगे निकल कर आतें हैं और बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने गरीबी को अपना व्यापार ही बना लिया है, इसकी चर्चा आगे हम करेंगे। हमारे देश में गरीबी आज़ादी के समय से ही एक विवादित मुद्दा बना आ रहा है, जहाँ आज तक गरीबी को सही मायने में प्रभासित ही नहीं गया है क्यूंकि गरीबी खुद में कमियों का एक बहुत बड़ा भंडार है लेकिन मूल रूप से इसकी परिभाषा:

poverty in Indian society
poverty in society

भारत में गरीबी की परिभाषा।

जो व्यक्ति और परिवार अपनी आजीविका की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ होता है, जैसे भोजन, वस्त्र और आश्रय उसे हम गरीबी कहतें हैं, यह परिभाषा हम सब जानतें हैं जो की मूल रूप से अपने समाज में देखने भी मिलता है।

भारत प्रभषित करता है की गरीबी एक सामाजिक घटना है जिसमे किसी व्यक्ति या वर्ग के पास न्यूनतम जीवन स्तर के लिए वित्तीय संसाधन और आवश्यक चीजों का अभाव होता है।

गरीबी को शब्दों में प्रभाषित करना आसान नहीं है क्यूंकि गरीबी का आकलन शब्दों से किया ही नहीं जा सकता। एक गरीब व्यक्ति जिसे एक वक़्त का खाना नसीब होने के बाद दूसरे वक़्त का खाना मिलेगा भी या नहीं यह पता भी नहीं रहता है, जो अपनी हर सुबह बस यही सोच कर उठता है की दो वक़्त कुछ खाने को मिल जाये।

हमारे भारत देश की जनसँख्या पुरे विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसँख्या है, जो की कुछ सालों के बाद विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जायेगा, जहाँ की गरीबों की बस्ती धारावी, मुंबई विश्व की सबसे बड़ी गरीबों की बस्ती में से एक है और जहाँ गरीबी एक अहम् मुद्दा है जिसके कारण ना तो देश का आर्थिक विकाश अच्छे स्तर पर हो पाता है और ना तो सामाजिक विकाश हो पाता है और इतने बड़े देश में गरीबी होने के कारण भी अनेक हैं।

भारत में गरीबी के कारण।

  • सिमित स्त्रोत ->भारत में संसाधन सिमित होने के कारण उनकी कीमतों में वृद्धि देखने को मिलती है, इसके परिणामस्वरूप वह गरीब लोगों के पहुंच से बाहर होती है।
  • कमजोर संसथान ->हमारे देश के अधिकतर सरकारी संस्थानों में बहुत सी कमियां देखने को मिलती है, जहाँ पर गरीब लोगों की कोई सुनता ही नहीं है और सुनता भी है तो उसपर काम की कोई गारंटी नहीं होती है।
  • भ्रस्टाचार ->यह भी गरीबी का मुख्या कारण है और जैसा की आप सब जानते हैं की हमरे देश में भ्रस्टाचार किस स्तर पर किया जाता है बिना पैसे के कोई काम नहीं होता, तो गरीबों तक पहुंचने वाले पैसे को अफसर उनतक पहुंचने नहीं देतें हैं और “राजीव गाँधी जी के द्वारा भी यह बोलै गया था की अगर सरकार ऊपर से एक रूपया भेजती है आम जनता के पास केवल सोला पैसे ही पहुंचते हैं।
  • शिक्षा और साक्षरता की कमी ->इसके कमी के कारण गरीब अपने अधिकार से वंचित रह जाता है, जिसके परिणामस्वरूप उसे समाज के ठोकरें खानी पड़ती है और वह अपने अधिकार का उपयोग नहीं कर पाता है।
  • पिछले ब्रिटिश कॉलोनीज का प्रभाव ->हमारा देश दो सौ साल तक अंग्रेज़ो का गुलाम रहा, तो उस गुलामी का प्रभाव आज भी हमारे समाज में सक्रीय है जो की गरीबी के रूप में देखने को मिलती है।
  • जनसँख्या विस्फोट ->बढ़ती जनसँख्या भारत देश के लिए गरीबी को प्रेरित करने वाली एक बहुत बड़ी समस्या निकल कर आ रही है क्यूंकि सबकी मांग को पूरी करना सरकार के लिए भी कठिन हो रहा है।

दोस्तों देश में आये इस कोरोना माहमारी की संकट भी हमारे देश में गरीबी को प्रेरित किया है जहाँ गरीब लोगों की संख्या बढ़ कर दोगुना हो गयी है और इस महामारी ने हमे गरीबी के उन सभी कारणों से परिचित भी करवाया जिसके बारे में हमने चर्चा किया। अगर इस महामारी के दौरान कोई सबसे ज्यादा दुखी और समस्या से परेशान था या फिर है, तो वो गरीब लोग जो की इस महामारी में पल-पल अपनी ज़िन्दगी से लड़ रहा था।

गरीबों का शोषण हर प्रकार से किया जाता है उन्हें समाज में हमेशा दबाने की कोशिश की जाती है, उनकी ना तो प्रशासन सुनता है, ना तो सरकार सुनती है और उच्च न्यायालय भी गरीब की पहुंच से बाहर हैं, जबकि हमारे देश में सभी नियम और कानून बने हुए हैं लेकिन उसका उपयोग कितना होता है यह हम और आप अच्छी तरह से जानते हैं।

सबसे ज्यादा दुष्कर्म और समस्या का शिकार भी हमेशा गरीब ही होता है, चुनाव के समय भी नेताओं के द्वारा गरीब लोगों को बहला-फुसला कर उनको लालच देकर उनसे अपने लिए वोट मांगते हैं और फिर उन्ही नेताओं के द्वारा उन गरीबों का हक़ भी छीन लिया जाता है, हालाँकि सभी नेता ऐसे नहीं होतें हैं।

भारत में गरीबी का प्रभाव।

भारत में गरीबी का प्रभाव इतने बड़े स्तर पर देखा जा सकता है की जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकतें  हैं और इसलिए गरीबी सिर्फ भारत का ही है बल्कि पुरे विश्व का एक सबसे अहम मुद्दा है ऐसा इसलिए क्यूंकि “संयुक्त राष्ट्र” द्वारा बनाये गए “17 सतत विकाश लक्ष्यों” में सबसे पहला लक्ष्य गरीबी को हटाना है। जिसका प्रभाव हमे समाज के हर क्षेत्र में नज़र आता है:-

  • गरीबी के कारण भुखमरी तेजी से बढ़ रही है, जहाँ “वैश्विक भूख सूचकांक” में भारत का स्थान कुल 107 देशो में 94 है।
  • गरीबी के कारण गरीब लोगों के पास अच्छी स्वास्थ्य नहीं है, रहने के लिए अस्वच्छ स्थान है।
  • गरीबी के कारण गरीब अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाता है।
  • गरीबी के कारण हमे हमारे देश में बाल विवाह जैसे अपराध देखने को मिलतें हैं।
  • गरीबी के कारण हमे अपने देश में भिखारियों की संख्या इतनी ज्यादा देखने को मिलती है।
  • गरीबी कहीं न कहीं देश में मानव तस्करी को भी बढ़ावा देती है, जिसके कारण गरीबी समाज में एक व्यपार बनता जा रहा है।
  • गरीबी हमारे देश में बाल श्रम को भी बढ़ावा देती है।
  • गरीबी के कारण देश में बीमारियां, कुपोषण, अस्वच्छ स्तिथि जैसे मामलें भी बढ़ते जा रहें हैं।

देश में गरीब वर्ग के लोग हर प्रकार से समस्याओं घिरा होता है जिसका असर हमारे समाज में भी देखने को मिलता है क्यूंकि वह भी हमारे समाज का ही हिस्सा होता है और अगर समाज के योग्य व्यक्ति, गैर-सरकारी संस्थाएँ और देश की सरकार चाहे तो गरीबी को समाज से कम कर सकती है, जो की देश में बहुत से गैर-सरकारी संस्थाओं के द्वारा किया भी जाता है और सरकार भी इसपर अपना काम कर रही है।

गरीबी उन्मूलन के लिए भारत की पहल और कार्यक्रम।

भारत सरकार के द्वारा गरीब वर्ग के लोगों को पहचानने के लिए “गरीबी रेखा के निचे” पैरामीटर जैसे मानक का उपयोग किया जाता है। यह पैरामीटर एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न हो सकता है और ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में भी भिन्न हो सकता है, वर्ष 2011 में सुरेश तेंदुकार समिति द्वारा गरीबी रेखा को प्रभाषित किया गया था, जो की भोजन, शिक्षा, स्वास्थय, परिवहन और बिजली पर मासिक खर्च के आधार पर निर्धारित किया गया था, जिसके अनुसार एक व्यक्ति जो दिन के 33 रुपये शहरी क्षेत्र में और केवल 27 रुपये ग्रामीण क्षेत्र में कमाता है वह व्यक्ति ‘गरीबी रेखा के निचे आता है और वह गरीब है’।

गरीबी दूर करने के लिए विकसित किये गए कार्यक्रम:-

  • एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP)1978
  • प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना (1985)
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (एनओएपीएस) 1995
  • राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस) 1995
  • जवाहर ग्राम समृद्धि योजना (जेजीएसवाई) 1999
  • अन्नपूर्णा (1999-2000)
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (2007)
  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (2011)
  • राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (2013)
  • प्रधानमंत्री जन धन योजना (2014)
  • प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (2015)
  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (2015)
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (2015)
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) 2016
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) 2016
  • प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) 2019
  • प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मा निर्भार निधि (पीएम एसवनिधि) 2020

सरकार के द्वारा एक और मुहीम पूरी देश में चलाई जाती है, “सार्वजनिक वितरण प्रणाली” जो की पुरे विश्व में खाद्य प्रणाली की सबसे बड़ी योजना है, जिसमे भारत सरकार के द्वारा गरीबों को रियायती दरों पर खाद्य और गैर-खाद्य वस्तुओं को वितरित करने के लिए कई राज्यों में स्थपित उचित मूल्य की दूकानो के माध्यम से मुहैया करवाई जाती है, जैसे गेहूं, चावल, चीनी, दाल और मिटटी के तेल जैसे वास्तु शामिल हैं। अब तो सरकार के द्वारा “एक राष्ट्र,एक राशन कार्ड” की निति भी लागू कर दी गयी है, जिसमे एक राशन कार्ड के द्वारा गरीब व्यक्ति पुरे देश में कहीं भी उचित मूल्य की दुकान से अपना राशन प्राप्त कर सकता है।

गरीबी को कम करने के कुछ उपाय।

हमारे देश में गरीबी को कम करने के लिए इतनी नीतियां सरकार के द्वारा बनाई जा रहीं है लेकिन फिर भी गरीबी अपने देश में दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रही है क्यूंकि इसका मुख्य कारण है की नीतियों में कमियां है जिसका लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है या फिर नीतियां सही प्रकार से लागु नहीं की गयीं हैं। गरीबी को सही मायने में कम करने के लिए सरकार को:-

  • रोजगार उत्पन्न करने चाहिए और उसके वेतन का सीधा लाभ उस व्यक्ति के खाते में भेज देना चाहिए वह भी समय पर।
  • गरीबों के लिए अच्छी स्वास्थय संरचना का व्यवस्था करे  गरीबों के उपयोग के लिए ही हो और इसे सभी राज्यों में उपलब्ध कराये, जिसकी पारदर्शिता सरकार स्वयं सुनिश्चित करे।
  • गरीब बच्चों के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था करे, जिससे बच्चें कारगर शिक्षा प्राप्त करें औपचारिकता वाली शिक्षा नहीं।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सुरक्षा को और मजबूत बनाना, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों सुनिश्चित हो सके।
  • गरीबों को उनके हक़ और गौरव के बारे में बताना, उन्हें जागरूक करना जिससे वह समाज में महत्ता को जान सके।

दोस्तों हमारी भूमिका भी गरीबी को समाज से कम करने में हो सकती है, हम सब को भी अपने सामर्थ्य को ध्यान में रखते हुए गरीबों की मदद करनी चाहिए और जरुरी नहीं की वह सिर्फ पैसों से ही हो सकती है यह आपपर निर्भर करता है की आप किस प्रकार से उनकी मदद करना चाहतें हैं।

“आप चाह कर भी अकेले पूरी दुनिया के गरीबों की मदद तो नहीं कर सकतें हो, लेकिन हाँ आप चाहो तो अकेले किसी एक गरीब की मदद करके उसकी दुनिया जरूर बदल सकते हो”

दोस्तों, अगर आप समाज और देश से जुड़े आर्टिकल्स के बारे में और पढ़ना चाहतें हैं तो यहाँ क्लिक करके पढ़ सकतें हैं।


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1 thought on “भारत में गरीबी। (Poverty in India.)”

  1. Poverty is really a major problem. Everyone should cooperate to remove such curse from our society.
    Special thanks for writing such amazing article 👏👏👏👏

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